अशोक सिंह जमीनी सà¥à¤¤à¤° के कारà¥à¤¯à¤•à¤°à¥à¤¤à¤¾ को नाम और काम से पहचानते हैं
केनà¥à¤¦à¥à¤° में सतà¥à¤¤à¤¾ पाने के लिठà¤à¤•-à¤à¤• सीट की जंग में कांगà¥à¤°à¥‡à¤¸ ने गà¥à¤µà¤¾à¤²à¤¿à¤¯à¤° से à¤à¤• बार फिर अशोक सिंह पर ही à¤à¤°à¥‹à¤¸à¤¾ किया है। पूरà¥à¤µ मà¥à¤–à¥à¤¯à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ दिगà¥à¤µà¤¿à¤œà¤¯ सिंह खेमे के अशोक सिंह की राह में सांसद जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤°à¤¾à¤¦à¤¿à¤¤à¥à¤¯ सिंधिया ही रोडा बने थे। इसे देखते हà¥à¤ अशोक सिंह पिछले à¤à¤• माह से दिलà¥à¤²à¥€-à¤à¥‹à¤ªà¤¾à¤² पहà¥à¤‚चकर उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ मनाने में जà¥à¤Ÿà¥‡ थे। शà¥à¤•à¥à¤°à¤µà¤¾à¤° को गà¥à¤¨à¤¾ से मौजूदा सांसद जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤°à¤¾à¤¦à¤¿à¤¤à¥à¤¯ सिंधिया का गà¥à¤¨à¤¾ से टिकट तय होने से काफी हद तक गà¥à¤µà¤¾à¤²à¤¿à¤¯à¤° की तसà¥à¤µà¥€à¤° साफ हो गई। शनिवार को दिलà¥à¤²à¥€ में फिर वरिषà¥à¤ नेताओं की बैठक हà¥à¤ˆ और अशोक सिंह को मैदान में उतार दिया। उनका लगातार यह चौथा चà¥à¤¨à¤¾à¤µ है। पिछले तीन चà¥à¤¨à¤¾à¤µ काफी कम मतों से हारने के कारण पारà¥à¤Ÿà¥€ का उन पर à¤à¤°à¥‹à¤¸à¤¾ बना हà¥à¤† है। इस बार पारà¥à¤Ÿà¥€ गà¥à¤Ÿà¤¬à¤¾à¤œà¥€ से ऊपर उठकर सतà¥à¤¤à¤¾ पाने को आतà¥à¤° नजर आ रही है।कांगà¥à¤°à¥‡à¤¸ की बात हो अथवा à¤à¤¾à¤œà¤ªà¤¾ की, गà¥à¤µà¤¾à¤²à¤¿à¤¯à¤° सीट पर हमेशा ही 'महल' यानी जयविलास पैलेस का पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¤•à¥à¤·, अपà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¤•à¥à¤· दखल रहा है। महल के समकà¥à¤· दंडवत हà¥à¤ बगैर टिकट मिलना और चà¥à¤¨à¤¾à¤µ जीतना आसान नहीं है। अशोक सिंह चूंकि पूरà¥à¤µ मà¥à¤–à¥à¤¯à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ दिगà¥à¤µà¤¿à¤œà¤¯ सिंह खेमे के हैं इसलिठसांसद सिंधिया की सहमति बहà¥à¤¤ मायने रखती है। गà¥à¤µà¤¾à¤²à¤¿à¤¯à¤° से सांसद सिंधिया अथवा उनकी पतà¥à¤¨à¥€ पà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¦à¤°à¥à¤¶à¤¿à¤¨à¥€ राजे को चà¥à¤¨à¤¾à¤µ लड़ाने की मांग सिंधिया खेमे के लोग करते आ रहे थे। पà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¦à¤°à¥à¤¶à¤¿à¤¨à¥€ के लिठतो जिला कांगà¥à¤°à¥‡à¤¸ ने पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤µ à¤à¥€ पारित कर दिया था। सिंधिया गà¥à¤¨à¤¾ से ही लड़ने के इचà¥à¤›à¥à¤• थे, पतà¥à¤¨à¥€ को गà¥à¤µà¤¾à¤²à¤¿à¤¯à¤° से लड़ाकर वे कोई जोखिम उठाना नहीं चाहते थे। महल के अलावा कोई दमदार चेहरा था तो केवल अशोक सिंह। इसलिठपारà¥à¤Ÿà¥€ ने तीन चà¥à¤¨à¤¾à¤µ हारने का नियम शिथिल करते हà¥à¤ à¤à¤• बार फिर उन पर à¤à¤°à¥‹à¤¸à¤¾ जताया।à¤à¤¾à¤œà¤ªà¤¾ पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¤¾à¤¶à¥€ विवेक शेजवलकर की तà¥à¤²à¤¨à¤¾ में शहर ही नहीं, गांवों में à¤à¥€ अशोक सिंह की पहचान जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ रही है। कारण यह कि वे लगातार चौथा चà¥à¤¨à¤¾à¤µ लड़ रहे हैं। पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ में पिछले 15 साल से विपकà¥à¤· में रहने पर कांगà¥à¤°à¥‡à¤¸ हर गली मोहलà¥à¤²à¥‡ की समसà¥à¤¯à¤¾à¤“ं को लेकर आंदोलन कर जनता के सीधे संपरà¥à¤• में थी। शहर की तीनों सीटें à¤à¥€ इस बार कांगà¥à¤°à¥‡à¤¸ के खाते में पहà¥à¤‚च चà¥à¤•à¥€ हैं। अशोक सिंह मृदॠवà¥à¤¯à¤µà¤¹à¤¾à¤°,मिलनसार व सहयोगातà¥à¤®à¤• छवि के हैं। जमीनी सà¥à¤¤à¤° के कारà¥à¤¯à¤•à¤°à¥à¤¤à¤¾ को नाम और काम से पहचानते हैं। टिकट की घोषणा के समय अशोक सिंह दिलà¥à¤²à¥€ में ही थे। सूची आते ही गà¥à¤µà¤¾à¤²à¤¿à¤¯à¤° में आतिशबाजी और मिषà¥à¤ ान वितरण का दौर चल निकला। शहर जिलाधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· देवेनà¥à¤¦à¥à¤° शरà¥à¤®à¤¾ व अनà¥à¤¯ ने टिकट पर पà¥à¤°à¤¸à¤¨à¥à¤¨à¤¾à¤¤à¤¾ जताई तो लतीफ खां, कà¥à¤²à¤¦à¥€à¤ª कौरव, मितेनà¥à¤¦à¥à¤° सिंह, हरेनà¥à¤¦à¥à¤° कंषाना, हेवरन कंषाना व अनà¥à¤¯ कांगà¥à¤°à¥‡à¤¸à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ ने मिठाई बांटी।