मजदूर नेता से सीà¤à¤® तक, à¤à¤¸à¤¾ रहा बाबूलाल गौर का राजनीतिक सफर
मधà¥à¤¯à¤ªà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ के पूरà¥à¤µ सीà¤à¤® बाबूलाल गौर का बà¥à¤§à¤µà¤¾à¤° सà¥à¤¬à¤¹ à¤à¥‹à¤ªà¤¾à¤² में निधन हो गया। वे à¤à¥‹à¤ªà¤¾à¤² की मिल में मजदूरी करने आठथे, इस दौरान उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने मजदूरों के हक के लिठआवाज उठाई। सबसे पहले वे 1974 में à¤à¥‹à¤ªà¤¾à¤² की गोविंदपà¥à¤°à¤¾ सीट से उपचà¥à¤¨à¤¾à¤µ में निरà¥à¤¦à¤²à¥€à¤¯ उमà¥à¤®à¥€à¤¦à¤µà¤¾à¤° के रूप में चà¥à¤¨à¤¾à¤µ में खड़े हà¥à¤ और जीत हासिल की। इसके बाद उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने इस सीट से लगातार चà¥à¤¨à¤¾à¤µ जीतने का रिकॉरà¥à¤¡ बनाया।
गौर मारà¥à¤š 1990 से दिसंबर 1992 तक मधà¥à¤¯à¤ªà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ में à¤à¥‹à¤ªà¤¾à¤² गैस तà¥à¤°à¤¾à¤¸à¤¦à¥€ राहत मंतà¥à¤°à¥€, सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥€à¤¯ शासन, विधि à¤à¤µà¤‚ विधायी कारà¥à¤¯ और संसदीय कारà¥à¤¯à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ रहे। अगसà¥à¤¤ 2004 में उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने उमा à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€ के बाद मधà¥à¤¯à¤ªà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ के मà¥à¤–à¥à¤¯à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ का पद संà¤à¤¾à¤²à¤¾ और 29 नवंबर 2005 को यह पद छोड़ा।
बाबूलाल गौर को अपनी बेबाक छवि के लिठà¤à¥€ जाना जाता है, जब à¤à¥€ अपनी ही सरकार की कोई चीज उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ ठीक नहीं लगती थी तो खà¥à¤²à¤•à¤° इस पर बात करते थे। à¤à¤¾à¤œà¤ªà¤¾ ही नहीं विपकà¥à¤·à¥€ दल कांगà¥à¤°à¥‡à¤¸ के नेता बाबूलाल गौर के इस अंदाज के कायल रहे। उनका हर हमेशा अपने कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° के लोगों सहित सà¤à¥€ के लिठखà¥à¤²à¤¾ रहता था।
बà¥à¤²à¤¡à¥‹à¤œà¤° मंतà¥à¤°à¥€à¤¬à¤¾à¤¬à¥‚लाल गौर को अपनी सखà¥à¤¤ छवि के लिठà¤à¥€ जाना जाता है। नगरीय पà¥à¤°à¤¶à¤¾à¤¸à¤¨ मंतà¥à¤°à¥€ रहते हà¥à¤ उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने अवैध निरà¥à¤®à¤¾à¤£ और अतिकà¥à¤°à¤®à¤£ पर बà¥à¤²à¤¡à¥‹à¤œà¤° चलवा दिठथे। तब से उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ बà¥à¤²à¤¡à¥‹à¤œ मंतà¥à¤°à¥€ के रूप में पहचाना जाने लगा।