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पत्रकार भी कोरोना योद्धा , उनका भी हो 50 लाख का बीमा : ग्वालियर प्रेस क्लब

ग्वालियर। पूरी दुनिया में खौफ का प्रतीक बन चुके कोरोनावायरस (कोविड-19) का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। बहुत सारे लोग इसकी चपेट में आकर अपनी जान भी गंवा चुके हैं जबकि इसके पीड़ितों की संख्या में भी रोजाना बढ़ोतरी हो रही है। हालांकि, कोरोना के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए तमाम एहतियाती कदम भी उठाए गए हैं। संकट के इस दौर में भी डॉक्टर, पुलिसकर्मी, और मीडिया कर्मी अपनी जान की परवाह न करते हुए तमाम जोखिमों के बीच मुस्तैदी से अपनी ड्यूटी कर रहे हैं। मीडिया कर्मी वह योद्धा हैं, जो अपनी जान को जोखिम में डाल कर जनता तक सही जानकारी पहुंचा रहे हैं व सरकार और जनता के बीच सेतु का काम कर रहे है। इन परिस्थितियों में मीडिया कोरोना वायरस के संक्रमण से जुड़ी घटनाक्रमों से लोगों को अवगत कराने में अहम भूमिका निभा रहा है।
ग्वालियर प्रेस क्लब के अध्यक्ष राजेश शर्मा, प्रदीप तोमर, सचिव सुरेश शर्मा, विनय अग्रवाल, सुरेंद्र माथुर, जोगेंद्र सैन, अजय मिश्रा,  à¤—ुरूशरण सिंह,  à¤…शोक पाल,  राज दुबे, सुनील पाठक, विनोद शर्मा, नासिर गौरी, जावेद खान, दिनेश राव, संजय त्रिपाठी, प्रदीप शास्त्री, गौरव शर्मा, उपेंद्र तोमर आदि ने राज्य सरकार से मांग की है कि वह पत्रकारों को भी कोरोना योद्धा की संज्ञा दें। इस कठिन समय में जन-जन तक जागरूकता फैलाने का काम पत्रकार कर रहे हैं। कोरोनावायरस की संक्रमण के दौरान जो पत्रकार अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन कर रहे हैं। उनका 50 लाख रुपए का बीमा कराया जाए। ग्वालियर प्रेस क्लब के अध्यक्ष राजेश शर्मा ने कहा कि आज डॉक्टर, पुलिस और आवश्यक सेवाओं में लगे लोगों को सरकार की ओर से तमाम सुविधाएं और जरूरी उपकरण मुहैया कराए गए हैं। मगर पत्रकारों की अनदेखी की जा रही है। पत्रकारों के पास न तो सेनेटाइजर है, नाही अच्छी क्वालिटी के मास्क। मगर इसके बावजूद पत्रकार समाज और देश के प्रति अपनी जिम्मेदारी समझते हुए पूरी निष्ठा के साथ काम कर रहे हैं। ऐसे में प्रदेश सरकार का दायित्व बनता है, कि वे मीडियाकर्मियों के प्रति गंभीरता दिखाएं। प्रदेश के अधिकांश पत्रकार आर्थिक रूप से परेशान  हैं। सरकार का ध्यान उनकी ओर नहीं जा रहा है। सरकार की बात लोगों तक पहुंचाने का एकमात्र माध्यम पत्रकार और समाचार पत्र एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया ही है। ऐसे में सरकार द्वारा लघु समाचार पत्रों के लंबे समय से लंबित विज्ञापन भुगतान, श्रद्धा निधि का भुगतान तत्काल किए जाने, गंभीर रूप से बीमार पत्रकारों के आर्थिक सहायता प्रकरणों का शीघ्र निराकरण करने सहित समाचार पत्र-पत्रिकाओं को विज्ञापन रूपी सहयोग दिए जाने के निर्देश जनसंपर्क संचालनालय को दिए जाएंए ताकि इस संकट के दौर में पत्रकारों को राहत मिल सके।

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