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भाजपा में मुख्यमंत्री का चेहरा कार्यकर्ता होते हैं वही चुनाव लड़ते हैं : पवैया

ग्वालियर। पूर्व बजरंग दल के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष, महाराष्ट्र में भाजपा के सह प्रभारी एवं पूर्व मंत्री जयभान सिंह पवैया ने कहा है कि भाजपा की जन आशीर्वाद यात्रा के बाद कांग्रेस द्वारा निकाली जा रही जन आक्रोश यात्रा का नाम बदल कर क्षमा यात्रा रख लेना चाहिये। उन्होंने यह भी कि पहले जो कांग्रेस के नेता भाजपा पर तंज कसते हुए कहते थे कि राम लला हम आयेंगे, मंदिर वहीं बनायेंगे ,लेकिन तारीख नहीं बतायेंगे ।वह अब देख लें कि मंदिर का निर्माण हो चुका है और उसका शुभारंभ जनवरी 24 के अंतिम सप्ताह में होगा। ऐसे में राहुल गांधी अपनी मां श्रीमती सोनिया गांधी के साथ अयोध्या जाकर भगवान श्री राम के दर्शन करके आएं और देखें कि मंदिर बना या नहीं।

पूर्व मंत्री पवैया जन आशीर्वाद यात्रा के समापन के बाद आज यहां पत्रकारों से चर्चा कर रहे थे। 

उन्होंने कहा कि भाजपा की पहली जन आशीर्वाद यात्रा के दौरान भाजपा को अपार जन समर्थन मिला है, वहीं वह स्वयं चंदेरी से लेकर लटेरी तक और मालवांचल में कई जगहों पर जनआशीर्वाद यात्राओं में साथ रहे। इस दौरान लोगों का सैलाव भी यात्रा में शामिल हुआ, इसे देख वह स्वयं कह सकते है कि नवंबर में होने वाले चुनावों में भाजपा सरकार बनायेगी।

उन्होंने बताया कि भाजपा की जन आशीर्वाद यात्रा 10643 किलो मीटर चली ।यात्रा ने 51 जिलों की 210 विधान सभा में पहुंची। इस यात्रा में 25 लाख लोगों से सीधा संपर्क किया। वहीं 14 लाख नये सदस्य बनाये। भाजपा ने सभाओं में राम मंदिर, धारा 370 आदि का जिक्र किया वहीं कोरोना काल में दो डोज को भी लोग दिखाते थे। महाकाल लोक , शंकराचार्य की प्रतिमा स्थापित की गई है जिससे भी लोग संस्कृति की प्रति समर्पण के तौर पर देखा जा रहा है। वहीं इंडी एलायंस के एक सदस्य के बेटे उदयनिधि स्टालिन द्वारा सनातन का अपमान उसके बाद कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडगे का बयान की चर्चा होते ही लोगों में आक्रोश का ज्वार देखा गया है। कांग्रेस मध्यप्रदेश के 95 प्रतिशत सनातनियों की बजाय 5 प्रतिशत के बल पर सरकार बनाने का सपना देख रही है। सनातन को लेकर लोगों में पीढा है और वह समय आने पर ईवीएम में प्रकट करेंगे।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने जनाक्रोश यात्रा शुरू की है । अब कमलनाथ यात्रा का नाम बदलें और क्षमा याचना यात्रा नाम रखें। वहीं कांग्रेस सनातन, किसानों की कर्ज माफी नहीं होना, संबल योजना को बंद करने के लिए माफी मांगे। इतना ही नहीं कांग्रेस के मंचों पर कार्यकर्ता पदाधिकारी आपस में लड रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ एनजीओ से सर्वे तैयार कराकर भ्रम जाल फैला रहे हैं। पवैया ने इस अवसर पर महिलाओं से लेकर अन्य लोगों की लाभ की योजनाओं को भी बताया।

पवैया ने पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ से प्रश्न किया कि वह उदयनिधि के सनातन पर दिये बयान पर क्या राय रखते हैं। गत दिनों भाजपा सांसद रमेश बिदूडी द्वारा संसद में किये गये कृत्य के बारे में पूछे जाने पर पवैया ने कहा कि सांसद द्वारा जो असंसदीय भाषा का प्रयोग किया है उसका वह समर्थन नहीं करते। इसे लेकर पार्टी ने सांसद को नोटिस दिया है। जबाब के बाद उचित कार्रवाई की जायेगी। केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह का लगातार ग्वालियर चंबल के दौरे के बारे में पूछे एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि ग्वालियर चंबल संभाग राजनीति का हब नहीं बनेगा। अमित शाह जबलपुर गये तो वहां भी यही प्रश्न पूछा गया था। 2018 में चुनावों के बारे में उन्होंने कहा कि एक एनजीओ द्वारा कराई गई सामाजिक हिंसा का सहारा लेकर कांग्रेस चुनाव जीती थी और अब भाजपा उस पर निगाह रखे हुये हैं। मुख्यमंत्री द्वरा कई योजनाओं को शुरू करने को लेकर पूछे जाने पर पवैया ने कहा कि ऐसा नहीं है लाडली लक्ष्मी अब ब्याह होने लगे हैं, ऐसे में कोई अन्य योजना शुरू करनी थी। उन्होंने कहा कि भाजपा में मुख्यमंत्री का चेहरा उसके कार्यकर्ता हैं। वही चुनाव लडते है। नेता पुत्रों के जन आशीर्वाद यात्रा में शक्ति प्रदर्शन के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि दावेदार शक्ति प्रदर्शन करता है, उसमें कोई बुराई नहीं है। भाजपा में मची भगदड़ के बारे में पूंछे जाने पर उन्होंने कहा कि चुनाव के समय यह सब होता रहता है, उन्होंने कहा कि कांग्रेस के बड़े कंगूरे भी तो हमारे आंगन में आकर गिरे थे । सिंधिया के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि अब वह कमल का झंडा लेकर साथ में चल रहे हैं । चुनाव लडने के सवाल पर उन्होंने कहा कि में इस पर कुछ नहीं बोलूंगा ।भाजपा हमारी मां है,जो उसका आदेश होगा वही हमारे लिए आशीर्वाद है।

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