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नाथ के साथ मोहन की प्रतिष्ठा भी दांव पर, छहों सीटें जीतने में नहीं छोड़ी दोनों दलों ने कोई कसर

मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनाव के पहले चरण में छह सीटों पर शुक्रवार को मतदान होगा। इसमें छिंदवाड़ा में कांटे की टक्कर है। वहीं, मंडला सीट पर भाजपा प्रत्याशी व केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते मोदी के भरोसे हैं। सीधी और बालाघाट में मुकाबला त्रिकोणीय है। वहीं, जबलपुर और शडोल सीट पर भाजपा पहले ही मजबूत है। दोनों ही दलों ने इन छह सीटों को जीतने के लिए पूरा जोर लगाया। केंद्रीय नेताओं में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपनी पार्टी के प्रत्याशी के लिए वोट मांगे। वहीं, कांग्रेस की तरफ से राहुल गांधी ने सभाएं कीं। छिंदवाड़ा में कमलनाथ ने खुद मोर्चा संभाला हुआ है। यहां पर नाथ के साथ ही सीएम मोहन यादव की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है। 

छिंदवाड़ा- कांग्रेस का गढ़, भाजपा ने झोंकी ताकत
छिंदवाड़ा में कड़ा मुकाबला है। कांग्रेस के गढ़ को जीतने के लिए भाजपा ने पूरी ताकत झोंक दी है। यहां पर आदिवासी वोटर हार जीत तय करेंगे। यही वजह है कि कमलेश शाह को भाजपा ने तोड़ लिया। वहीं, सबसे बड़ा मुद्दा क्षेत्र का जनता का कांग्रेस प्रत्याशी नकुलनाथ को पसंद नहीं करना है। हालांकि, लोग कमलनाथ के काम को अभी भी याद कर रहे हैं। इसलिए पूर्व सीएम कमलनाथ ने ही चुनाव का मोर्चा संभाल रखा है। वे जनता से अपने 44 साल के रिश्तों को बता और भावनात्मक अपील कर वोट मांग रहे हैं। दूसरी तरफ भाजपा प्रत्याशी बंटी साहू के लिए पूरी भाजपा ही चुनाव मैदान में है। भाजपा मोदी को आगे रखकर चुनाव लड़ रही है। यहां पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने चुनाव समाप्त होने के एक दिन पहले रोड शो किया। इससे पहले भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने सभाएं की। सीएम डॉ. मोहन यादव करीब करीब हर दिन प्रचार करने पहुंचे। पूर्व सीएम शिवराज ने भी सभाएं लीं। 

बालाघाट संसदीय सीट पर भाजपा ने सांसद ढाल सिंह बिसेन का टिकट काट कर भारती पारधी को प्रत्याशी बनाया है। भारती के समर्थन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभा भी की है। वहीं, कांग्रेस के सम्राट सरस्वार सामान्य वर्ग से आते हैं। वह क्षेत्र के आदिवासी वोटों को साधने में लगे रहे। जीतू पटवारी ने उनके लिए लगातार तीन रैलियां कीं। वहीं, पूर्व सांसद कंकर मुंजारे बसपा की सीट पर चुनाव लड़ रहे हैं। उन्होंने भाजपा और कांग्रेस दोनों की ही चिंता बढ़ा दी है। कंकर की पत्नी अनुभा मुंजारे कांग्रेस से विधायक हैं। ऐसे में इससे कांग्रेस को नुकसान ज्यादा होता दिख रहा है। इस सीट पर पुरुष मतदाताओं से ज्यादा महिला मतदाताओं की संख्या है। 

मंडला- फग्गन के खिलाफ नाराजगी ने बढ़ाई चिंता 
मंडला आदिवासी सीट है। इस सीट पर 6 बार के सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते के खिलाफ जनता की नाराजगी है। वे जिले की निवास सीट से विधानसभा का चुनाव भी हार गए। इसका फायदा कांग्रेस प्रत्याशी ओमकार सिंह मरकाम को मिल सकता है। यही वजह है कि वह कुलस्ते को टक्कर देते दिख रहे हैं। हालांकि, भाजपा पीएम नरेंद्र मोदी के चेहरे को आगे रखकर चुनाव लड़ रही है। मंडला सीट पर केंद्रीय मंत्री अमित शाह सभा कर चुके हैं। सीएम डॉ. मोहन यादव और पूर्व सीएम शिवराज ने कांग्रेस विधायकों की सीटों पर लगातार रैली की। दूसरी तरफ ओमकार सिंह मरकाम कांग्रेस की सीईसी कमेटी की सदस्य और चार बार के विधायक हैं। मरकाम के समर्थन में राहुल गांधी भी सभा कर चुके हैं। कांग्रेस को आदिवासी वोटों पर भरोसा है। 

जबलपुर- भाजपा को मोदी और राममंदिर का फायदा 
जबलपुर में भाजपा कांग्रेस के सामने बहुत मजबूत दिखाई दे रही है। दरअसल, जबलपुर भाजपा का मजबूत गढ़ है। इस सीट से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भाजपा प्रत्याशी आशीष दुबे के समर्थन में रोड शो कर अपने प्रचार की शुरुआत की। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, सीएम डॉ. मोहन यादव समर्थन में प्रचार कर चुके हैं। वहीं, कांग्रेस प्रत्याशी दिनेश यादव के अपने दावे हैं। भाजपा प्रचार में जोर दे रही है। कांग्रेस महापौर जगत बहादुर सिंह अन्नू, पूर्व विधायक नीलेश अवस्थी ओर एकता ठाकुर के भाजपा में शामिल होने से कांग्रेस कमजोर भी हुई थी। 

शहडोल- मोदी के चेहरे से भाजपा को उम्मीद
शहडोल में भाजपा मोदी के चेहरे के नाम पर कांग्रेस से आगे दिख रही है। यहां से भाजपा ने सांसद हिमाद्री सिंह को दोबारा प्रत्याशी बनाया है। वहीं, कांग्रेस ने तीसरी बार के विधायक फुंदेलाल मार्को को टिकट दिया है। उनके लिए राहुल गांधी ने शहडोल में सभा की थी। वहीं, हिमाद्री सिंह के प्रचार के लिए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा आ चुके हैं। इस सीट पर कांग्रेस 2009 के बाद से चुनाव नहीं जीती है। केंद्र सरकार की योजनाओं का फायदा आदिवासियों को मिल रहा है। वहीं, मोदी फैक्टर चल रहा है। सीधी- दोनों दलों के अपने दावे
सीधी में भाजपा ने डॉ. राजेश मिश्रा को प्रत्याशी बनाया है। वे ब्राह्मण हैं। वहीं, कांग्रेस ने पूर्व मंत्री कमलेश्वर पटेल को मैदान में उतारा है। वे कांग्रेस की वर्किंग कमेटी के सदस्य हैं। वे ओबीसी वर्ग से आते हैं। भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह चुनावी रैली कर चुके हैं। वहीं, भाजपा से बागी अजय प्रताप सिंह गोंडवाना गणतंत्र पार्टी से चुनाव लड़ रहे हैं। उनको ओबीसी और आदिवासी वोट मिल सकते हैं। 

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