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अपनी मर्जी से नहीं किसी के कहने पर धोनी ने छोड़ी कप्‍तानी!

नई दिल्ली। महेंद्र सिंह धोनी ने अचानक ही वनडे और टी-20 की कप्तानी छोड़ने का फैसला क्यों लिया, ये सवाल क्रिकेट एक्सपर्ट्स से लेकर उनके प्रशंसकों तक के मन में है। 4 जनवरी की शाम धोनी ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) को ई-मेल भेजकर कप्तानी से रिजाइन किया। उसमें जो लिखा था, उससे अब ये बात सामने आ रही है कि धोनी ने अपनी मर्जी से नहीं, बल्कि किसी के कहने पर कप्तानी से हटने का फैसला लिया। धोनी ने लिखा, विराट का मेंटर बनने को राजी हूं।
 
धोनी ने रिजाइन मेल में लिखा, मैं भारत के वनडे कप्तान के पद से अपना इस्तीफा देता हूं और विराट कोहली का मेंटर बनने के लिए राजी हूं। धोनी के मेल की आखिरी लाइन इस बात की ओर इशारा करती है कि उन्होंने अपनी मर्जी से नहीं, बल्कि किसी के कहने पर कप्तानी छोड़ी, क्योंकि उन्होंने मेल में लिखा कि वो विराट कोहली को मेंटर करने, उन्हें गाइड करने के लिए राजी हैं। इसका मतलब कि उन्होंने किसी की बात पर अपनी रजामंदी दी है।
 
वर्ल्ड कप है टारगेट?
कहा जा रहा है कि धोनी ने 2019 में इंग्लैड में होने वाले अगले वनडे वर्ल्ड कप को ध्यान में रखते हुए ये बड़ा फैसला लिया। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, धोनी की मुख्य चयनकर्ता एमएसके प्रसाद से 4 जनवरी की शाम कई बार बात हुई। कप्तानी छोड़ने का ई-मेल करने के बाद उन्होंने बीसीसीआई के सीईओ राहुल जौहरी से भी लंबी बातचीत की। इसी दौरान उन्होंने 2019 वर्ल्ड कप तक वनडे टीम में रहने की इच्छा जताई।
 
धोनी ने उनसे कहा कि वो टीम में बदलाव के लिए तैयार हैं। साथ ही, विराट कोहली और टीम को भी इंग्लैंड में होने वाले इस बड़े टूर्नामेंट के लिए तैयार करेंगे। इस दौरान उन्होंने तीनों फॉर्मेट में एक ही कप्तान होने की बात की भी पैरवी की। धोनी ने माना की अब टीम इंडिया उनके नहीं, बल्कि विराट के इर्द-गिर्द घूमती है।
 
बेस्ट फिनिशर पर उठ रहे थे सवाल
धोनी क्रिकेट वर्ल्ड के बेस्ट फिनिशर हैं और कई मौकों पर उन्होंने इसे साबित भी किया, लेकिन पिछले कुछ मैचों में वो टीम को अहम मौकों पर जीत नहीं दिला सके। यूएस में वेस्ट इंडीज के खिलाफ हुए टी-20 मैच में ड्वेन ब्रावो ने उन्हें विनिंग रन नहीं बनाने दिया था। इसके पहले जिम्बाब्वे के खिलाफ एक टी-20 मैच में भी धोनी आखिरी ओवर में 8 रन नहीं बना सके थे।
 
2015 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ भी कुछ ऐसा ही हुआ था, जब अफ्रीकी गेंदबाज कैगिसो रबाडा ने धोनी को आखिरी ओवर में 11 रन बनाने से रोक दिया था और भारत 5 रन से मैच हार गया था।

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