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भोपालः लाश पर बनाया था चबूतरा फिर उसी पर सोता था आरोपी बॉयफ्रेंड

पश्चिम बंगाल में रहने वाली आकांक्षा (28 वर्ष) आठ साल पहले फेसबुक के जरिए उदय दास (32 वर्ष) से मिली थी. आकांक्षा ने अपने माता-पिता को बताया कि उसे अमेरिका में नौकरी मिल गई है. उसने माता-पिता को बताया था कि वह UNICEF में काम कर रही है लेकिन आकांक्षा अमेरिका के बजाय अपने बॉयफ्रेंड उदय दास के साथ भोपाल में रह रही थी.

 

आरोपी बॉयफ्रेंड उदय दास ने पुलिस को बताया, उसे शक था कि आकांक्षा का किसी के साथ अफेयर चल रहा है. वह अक्सर फोन पर किसी से बात किया करती थी. बस यहीं बात उदय को नागवार गुजरी और उसने आकांक्षा की हत्या की साजिश रच डाली. बांकुरा के एसपी सुखेंदु हीरा ने बताया कि पुलिस पूछताछ में उदय ने अपना जुर्म कबूल कर लिया है.

पुलिस ने जब उदय के घर की तलाशी ली तो सभी कमरों में सामान बिखरा हुआ था और कमरों से बदबू आ रही थी. एसपी हीरा ने आगे बताया कि उदय ने पहले आकांक्षा का मुंह तकिए से दबाया और फिर उसका गला घोंट दिया. आकांक्षा के शव को ठिकाने लगाने के लिए उदय ने अपने एक दोस्त की मदद से लाश को एक बॉक्स में बंद किया.

उस बॉक्स में कई बोरी सीमेंट और पानी डाला, ताकि लाश पत्थर में तब्दील हो जाए. बॉक्स को जमीन में दफन कर उदय ने उसके ऊपर चबूतरा बना दिया. इस दौरान उसने किसी को भनक तक नहीं लगने दी. दो महीने बीत चुके थे. आरोपी बॉयफ्रेंड हर रोज उस चबूतरे पर ही सोता था. आसपास किसी को जाने तक नहीं देता था.

उदय आकांक्षा के फोन से उसके माता-पिता से आकांक्षा बनकर वॉट्सएप पर बात करता रहा, ताकि उनको यह लगे कि आकांक्षा जिंदा है. पुलिस ने उदय की निशानदेही पर लाश को चबूतरे से बाहर निकाला. फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है.

गौरतलब है कि बंगाल के बांकुरा जिले के रहने वाले देवेंद्र कुमार शर्मा की 28 साल की बेटी आकांक्षा 24 जून, 2016 से लापता थी. देवेंद्र ने बांकुरा थाने में अपनी बेटी के अपहरण का मामला दर्ज करवाया था. उनको पता चला कि आकांक्षा किसी उदय दास नाम के लड़के के साथ भोपाल के गोविंदपुरा इलाके में रह रही है. पिता की निशानदेही पर बांकुरा थाना पुलिस गोविंदपुरा पहुंची और भोपाल पुलिस की मदद से उदय दास को गिरफ्तार कर लिया.

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