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आय से अधिक संपत्ति के मामले में शशिकला दोषी करार

अन्नाद्रमुक महासचिव वीके शशिकला आय से अधिक संपत्ति के मामले दोषी पाई गई हैं. मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में उन्हें दोषी पाया. बता दें कि इस मामले में कर्नाटक हाईकोर्ट से बरी होने के बाद राज्य सरकार ने अपील की थी.

शशिकला ने रिसॉर्ट में 120 विधायकों से मुलाकात की, जो करीब एक हफ्ते से यहीं रह रहे हैं. शशिकला ने इनसे कहा कि सब कुछ ठीक दिख रहा है. हम ही आगे सरकार चलाएंगे. दरअसल, तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत जे जयललिता की लंबे समय तक मित्र रहीं शशिकला का राजनीतिक भविष्य 66 करोड़ की आय से अधिक संपत्ति मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर निर्भर करेगा जो मंगलवार को आएगा.

आपको बता दें कि जयललिता, शशिकला और उनके दो रिश्तेदारों को कर्नाटक उच्च न्यायालय द्वारा दोषमुक्त करने के फैसले को कर्नाटक सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दे रखी है.

तमिलनाडु में चल रहा राजनीतिक ड्रामा अब जल्द ही खत्म होने वाला है. क्योंकि अटार्नी जनरल (एजी) मुकुल रोहतगी ने सोमवार को तमिलनाडु के राज्यपाल को मुख्यमंत्री पद के दो प्रतिद्वंद्वी अन्नाद्रमुक दावेदारों- पनीरसेल्वम और वीके शशिकला के राजनीतिक भाग्य का फैसला करने के लिए शक्ति परीक्षण के वास्ते विधानसभा का सत्र एक हफ्ते के अंदर बुलाने की सलाह दी.

विधानसभा सत्र बुलाने की सलाह
एजी मुकुल रोहतगी ने राज्यपाल सी विद्यासागर राव को राय दी है कि इन दोनों में किसे बहुमत प्राप्त है, यह तय करने के वास्ते शक्ति परीक्षण के लिए विधानसभा का सत्र बुलाया जाए. सूत्रों ने बताया कि रोहतगी ने कहा है कि राज्यपाल को एक हफ्ते के अंदर विशेष सत्र बुलाना चाहिए और शक्ति परीक्षण कराना चाहिए जैसा कि जगदंबिका पाल प्रकरण में उच्चतम न्यायालय ने आदेश दिया था.

फिल्मी कहानी रही है जयललि‍ता और शशिकला की दोस्ती
अटार्नी जनरल ने जगदंबिका पाल से जुड़े उच्चतम न्यायालय के 1998 के फैसले का हवाला दिया. तब शीर्ष अदालत ने आदेश दिया था कि दो दावेदारों- पाल एवं कल्याण सिंह में किन्हें उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद के लिए बहुमत प्राप्त है, यह तय करने के लिए सदन में शक्ति परीक्षण कराया जाए.

शक्ति परीक्षण से होगी तस्वीर साफ
सूत्रों ने बताया कि राज्यपाल सी विद्यासागर राव ने अटार्नी जनरल से राय मांगी थी. रोहतगी ने जगदंबिका पाल से जुड़े उच्चतम न्यायालय के 1998 के फैसले का हवाला दिया. सूत्रों के अनुसार सदन में शक्ति परीक्षण की राय इसलिए दी गयी है क्योंकि दोनों ही दावेदार एक ही दल से हैं तथा यह तय करने के लिए दोनों के बीच आमना-सामना होगा कि विधानसभा में किसे बहुमत प्राप्त है.

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