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शरीर, मन, बुद्धि एवं आत्मा का विकास होना आवश्यक : पवैया

ग्वालियर। आईटीएम विश्वविद्यालय के तुरारी परिसर में स्कूल ऑफ  à¤«à¤¿à¤œà¥€à¤•à¤² एज्युकेशन द्वारा सात दिवसीय कार्यशाला जिसका विषय शारीरिक शिक्षा प्रशिक्षण एवं क्रक्रीड़ा शिक्षा में उभरते आयाम (एमर्जिंग ट्रेन्ड्स इन फिजीकल एज्यूकेशन एण्ड स्पोट्र्स कोचिंग) का शुभारंभ मुख्य अतिथि एवं मंचासीन महानुभवों द्वारा द्वीप प्रज्ज्वलन एवं ज्ञान की देवी सरस्वती की प्रतिभा पर माल्यापर्ण एवं पुष्प अपर्ण कर किया गया। कार्यशाला में मुख्य अतिथि श्रीमान जयभान सिंह पवैया जी, (अध्यक्ष बजरंगदल, उच्च शिक्षामंत्री म.प्र. शासन), प्रो. विवेक पाण्डेय, कुलसचिव (लक्ष्मीबाई राष्ट्रीय शारीरिक शिक्षण संस्थान), आईटीएम युनिवर्सिटी के मैनेजिंग डायरेक्टर, डॉ. दौलत सिंह चौहान, कुलपति प्रोफेसर कमलकांत द्विवेदी एवं रजिस्ट्रार, डॉ. ओमवीर सिंह मंच पर उपस्थित थे। 
मुख्य अतिथि पवैया ने अपने उदबोधन में कहा कि शारीरिक विकास के लिए शरीर, मन, बुद्धि एवं आत्मा का विकास होना आवश्यक है, इनमें से किसी एक का अभाव भी पूर्ण विकास में बाधक सिद्ध होता है। साथ ही उन्होंने अपने वक्तव्य में बताया कि व्यक्ति को भौतिक स्तर पर कितनी भी सफलता मिल जाए उसे अहंकार नहीं करना चाहिए। हमेशा विनम्र रहना चाहिए, सच्ची शिक्षा वही है जो विनम्रता सिखाए। मुख्य अतिथि पवैया को आईटीएम विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. ओमवीर सिंह ने स्मृति चिन्ह्न प्रदान किया, प्रो. विवेक पाण्डये को डॉ. दीपक सिंह कुशवाह ने स्मृति चिन्ह्न प्रदान किया।

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