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पाकिस्तानी जेल में भारतीय कैदियों पर अत्याचार की खौफनाक कहानी!

पाकिस्तान की जेल में भारतीयों पर ज़ुल्म का नया वाकया सामने आया है. कानपुर के दो मछुआरों ने हैरान कर देने वाला खुलासा किया है. मछुआरों के मुताबिक पाकिस्तान की जेलों में भारतीय कैदियों के साथ अमानवीय बर्ताव होता है. पाकिस्तानी जेलों में बंद भारतीयों पर ज़ुल्म की ये दास्तां आपका दिल दहला देगी.

खबरों के मुताबिक ये मछुआरे मछली पकड़ते हुए पाकिस्तानी सुरक्षाबलों के कब्ज़े में आ गए. आप यह जानकर हैरान हो जाएंगे कि कराची जेल में सिर्फ सब्ज़ी खाकर इन लोगों को 14 महीने गुजारना पड़ा क्योंकि पाकिस्तानी जेल में भारतीय कैदियों को केमिकल मिली रोटियां दी जाती हैं.

पाकिस्तानी जेल में भारतीयों पर अत्याचार की कहानी

कानपुर में मोहम्मदपुर गांव के रहने वाले जयचंद और रवि शंकर की कहानी ने à¤ªà¤¾à¤•à¤¿à¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤¨ के अमानवीय और बर्बर चेहरे को एक बार फिर बेनकाब कर दिया है. आपको बता दें कि 15 अक्टूबर 2015 को पाकिस्तान ने 27 मछुआरों के साथ समंदर में गिरफ्तार किया था. इनमें कानपुर के जयचंद और रवि शंकर भी शामिल थें.

दरअसल दोनों गुजरात में एक कॉन्ट्रैक्टर के यहां मछली पकड़ने का काम करते थे, इसी दौरान एक दिन पाकिस्तानी सुरक्षाबलों ने समंदर में ये कहकर पकड़ लिया कि वो पाकिस्तानी इलाके में आ गए हैं. 27 दूसरे मछुआरों के साथ इन्हें कराची जेल में डाल दिया गया. आप यह जानकर दंग रह जाएंगे कि कराची जेल में दोनों 14 महीने तक सिर्फ सब्जी खाकर जिंदा रहे.

भारतीयों को मिलती थी केमिकल वाली रोटी

14 महीनों तक सिर्फ सब्जी खाकर जिंदा रहे मछुआरों ने बताया कि पाकिस्तानी जेल में भारतीय कैदियों को रोटी में पाउडर और केमिकल मिलाते थे. सुई चुभ जाती तो खून का एक कतरा तक बाहर नहीं आता. आज भी वो दिन याद कर दोनों सिहर जाते हैं. पकड़े जाने के बाद इन्होंने जीने की उम्मीद ही छोड़ दी थी, लेकिन छूट कर वापस वतन आने के लिए ऊपर वाले का शुक्रिया अदा करते हैं.  31 दिसंबर 2016 को दोनों को रिहा किया गया था.

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