खाकी नहीं, कोलकाता पà¥à¤²à¤¿à¤¸ पहनती है सफेद वरà¥à¤¦à¥€, जानिठà¤à¤¸à¤¾ कà¥à¤¯à¥‹à¤‚
कोलकाता। पà¥à¤²à¤¿à¤¸ का नाम लेते ही आपके जेहन में उनका पहनावा खाकी वरà¥à¤¦à¥€ में ही नजर आता है लेकिन अगर आप कोलकाता जाà¤à¤‚गे तो यहां कि पà¥à¤²à¤¿à¤¸ आपको खाकी वरà¥à¤¦à¥€ में नहीं बलà¥à¤•à¤¿ नेवी की तरह सफेद कपड़ों में दिखाई देगी। पूरे देश में केवल कोलकाता ही à¤à¤¸à¤¾ शहर है जहां कि पà¥à¤²à¤¿à¤¸ सफेद वरà¥à¤¦à¥€ पहनती हैं। लेकिन कà¥à¤¯à¤¾ आप जानते हैं कि à¤à¤¸à¤¾ कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ है? कोलकाता पà¥à¤²à¤¿à¤¸ की इस डà¥à¤°à¥‡à¤¸à¤•à¥‹à¤¡ के पीछे à¤à¤• इतिहास है।
कोलकाता पà¥à¤²à¤¿à¤¸ का गठन बà¥à¤°à¤¿à¤Ÿà¤¿à¤¶ सामà¥à¤°à¤¾à¤œà¥à¤¯ के दौरान 1845 में हà¥à¤† था। 1947 के बाद अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥€ हà¥à¤•à¥‚मत तो चली गई, पर अपनी निशानी छोड़ गई।
लेकिन आपको बता दें कि इसके पीछे वैजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¿à¤• कारण à¤à¥€ है। अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥‹à¤‚ ने à¤à¤¸à¥‡ ही नहीं कोलकाता पà¥à¤²à¤¿à¤¸ की वरà¥à¤¦à¥€ के सफेद रंग का चà¥à¤¨à¤¾à¤µ किया था। समà¥à¤¦à¥à¤° के करीब होने की वजह से यहां गरà¥à¤®à¥€ और नमी साल à¤à¤° रहती है। इसी वजह से उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने सफेद रंग का चà¥à¤¨à¤¾à¤µ किया कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि ये रंग सूरज की रोशनी को रिफà¥à¤²à¥‡à¤•à¥à¤Ÿ करके गरà¥à¤®à¥€ से बचाता है।
गौरतलब है कि बंगाल में होने के बावजूद बंगाल पà¥à¤²à¤¿à¤¸, कोलकाता पà¥à¤²à¤¿à¤¸ से अलग है। à¤à¤¸à¤¾ इस वजह से है कि 1845 में कोलकाता पà¥à¤²à¤¿à¤¸ के गठन के बाद 1861 में अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥‹à¤‚ ने बंगाल पà¥à¤²à¤¿à¤¸ की नींव रखी। बंगाल पà¥à¤²à¤¿à¤¸ के डीजीपी सीधा राजà¥à¤¯ सरकार को अपनी रिपोरà¥à¤Ÿ सौंपते हैं। इसका फरà¥à¤• राजà¥à¤¯ की दोनों पà¥à¤²à¤¿à¤¸ की वरà¥à¤¦à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ में à¤à¥€ दिखाई देता है। बंगाल पà¥à¤²à¤¿à¤¸ खाकी की वरà¥à¤¦à¥€ पहनती है, जबकि कोलकाता पà¥à¤²à¤¿à¤¸ सफेद कपड़े पहनती है।