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चंबल के पानी पर रिसर्च तो सामने आई सच्चाई, इसलिए आते है यहां माइग्रेटी बर्ड

मुरैना/ग्वालियर.चंबल का पानी, केवल पानी नहीं है, बल्कि यह एक ऐसा पानी है जो पक्षियों की पाचन शक्ति को कई गुना बढ़ा देता है। यही कारण है कि साइबेरिया, मंगोलिया, कजाकिस्तान, लेह-लद्दाख से विदेश मेहमान परिंदे चंबल में हर साल आते हैं। कितना खास है चंबल का पानी...
 
-करीब 20 हजार से अधिक परिंदे चंबल के पानी से बीओडी यानी बायोलॉजिकल ऑक्सीजन डिमांड व सीओडी यानी केमिकल ऑक्सीजन डिमांड वाला शुद्ध पानी पीकर अपने देशों को उड़ गए हैं।
-आजकल कुछ मेहमान परिंदे चंबल में बचे हैं जो अब प्रतिदिन यहां से पलायन कर रहे हैं।
-ये परिंदे अब अगले साल सर्दी के सीजन में फिर आएंगे।
-चंबल में ही ये हजारों परिंदे क्यों आते हैं, इस पर रिसर्च किया है गवर्नमेंट पीजी एक्सीलेंस कॉलेज के जूलोजी विभागाध्यक्ष डा. विनायक सिंह तोमर ने, जिनका शोध पत्र बायोलॉजिकल फोना में प्रकाशित हुआ है।
 
 
पीजी कॉलेज के प्रोफेसर की रिसर्च में हुआ खुलासा, पक्षियों के लिए मुफीद है चंबल के पानी का पीएच मान...
 
चार क्राइट एरिया से निकाला इंडेक्स
-वाटर क्वालिटी इंडेक्स 25 से 50 बन रहा है तो खराब।
-50 से 70 में बन रहा है तो पानी औसत है।
-70 से 90 में अच्छा है।
-90 से 100 में बहुत अच्छा है।
-चंबल का इंडेक्स 83 व 92 के बीच है।
-यानी चंबल का पानी अच्छा और बहुत अच्छा, प्रदूषण रहित, पारदर्शी, गंधहीन है।
 
 
चंबल के पानी की खासियत
-सामान्यत: टीडीएस यानी टोटल डिजोल्व साल्ट 80 मिलीग्राम प्रतिलीटर से कम नहीं हो, साथ ही 590 मिलीग्राम प्रतिलीटर से ज्यादा नहीं होना चाहिए। जबकि चंबल के पानी का 372 टीडीएस निकल रहा है।
-जलीय जीव की बायोलॉजिकल डिमांड 1.6 मिलीग्राम प्रतिलीटर से कम न हो और 62 मिलीग्राम प्रति लीटर से ज्यादा न हो। जबकि चंबल के पानी की बीओडी 2.3 मिलीग्राम प्रतिलीटर है।
-केमिकल ऑक्सीजन डिमांड 6.00 मिलीग्राम प्रतिलीटर से कम न हो, 200 मिलीग्राम प्रतिलीटर से ज्यादा न हो। जबकि चंबल के पानी की 14.00 है।
-आद्रता देखें तो 4 से 56 जेटीयू के बीच होनी चाहिए। जबकि चंबल के पानी की 9 है।
-क्लोराइड आयंस को देखें तो 15.6 मिलीग्राम प्रतिलीटर से कम न हो, 80.9 मिलीग्राम प्रतिलीटर से ज्यादा न हो। जबकि चंबल के पानी की 21.2 मिलीग्राम प्रति लीटर है।
-कंडक्टविटी यानी चालकता 745 म्यूएम से कम न हो 884 से ज्यादा न हो। जबकि चंबल के पानी की 790 म्यूएम है।
-कठोरता 42 मिलीग्राम प्रति लीटर से कम न हो 140 मिलीग्राम प्रति लीटर से ज्यादा न हो। जबकि चंबल के पानी की 58.4 मिलीग्राम प्रति लीटर है।
 
 
चंबल में इन विदेशी परिंदों के कुछ जोड़े देखें हैं
चंबल में गर्मी की शुरूआत के बाद अप्रैल तक ज्यादातर परिंदे उड़ गए। अभी केवल पनचीरा यानी इंडियन स्कीमर रुका है और वार हेडेड गूज नजर आया है। इसके अलावा कुछ जोड़े फ्लेमिंगो यानी राजहंस के हैं, साथ ही सुर्खाब भी देखा गया है। ये सब अब उड़ रहे हैं।

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