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केंद्रीय मंत्री कार्यकर्ताओं से हाथ जोड़कर बोले- 2 दिन मांगे हैं, बेइज्जत करना है तो करो

बड़वानी/इंदौर.सरदार सरोवर बांध के डूब क्षेत्र नर्मदा घाटी को लेकर सोमवार को भाजपा कार्यालय के बाहर केंद्रीय सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्री और आंदोलन कार्यकर्ताओं के बीच तीखी नोकझोंक हुई।
 
आंदोलन की कार्यकर्ता पेमलबाई ने मंत्री थावरचंद गेहलोत से डूब क्षेत्रों में गरीब कैसे रह रहे हैं यह देखने की बात कहने पर उन्होंने हाथ जोड़कर कहा- बहनजी मैं भी गरीब हूं। इसलिए ही आपकी बात सुन रहा हूं। आप फिर भी मुझे बेइज्जत करना चाहते हैं तो करो। मैंने आपसे दो दिन का समय मांगा है। दिल्ली जाकर सरकार से चर्चा कर समस्याओं का निराकरण कराऊंगा। मैं आप लोगों के साथ हूं। इसके बाद वे मंत्री को आवेदन देकर नारे लगाकर लौट गए। करीब दो घंटे तक यह सिलसिला चलता रहा। दरअसल केंद्रीय मंत्री थावरचंद गेहलोत, सांसद सुभाष पटेल पंडित दीनदयाल उपाध्याय जन्म शताब्दी समारोह के तहत वार्ड 23 व 24 में महाजनसंपर्क अभियान के लिए आए थे।
 
समस्याएं न सुनवाएं
केंद्रीय मंत्री गेहलोत को पहले अांदोलन प्रमुख मेधा पाटकर ने नर्मदा घाटी की समस्याएं बताई। उन्होंने डूब क्षेत्र के गांवों का निरीक्षण करने की बात कही। साथ ही मूल गांवों में बिजली कनेक्शन काटने की तैयारी, पुनर्वास स्थलों पर मूलभूत सुविधाओं की समस्याएं बताई। इसके बाद उन्होंने कार्यकर्ताओं को समस्याएं बताने के लिए खड़ा किया। मंत्री ने उन्हें मना कर कहा कि बस, अब आप एक-एक से समस्याएं न सुनवाएं। मैंने आपको दो दिन का समय दिया है। इसके बाद भी आपको भरोसा नहीं है तो जो करना है करें।
 
मेधा पाटकर को गैर जमानती वारंट जारी
नर्मदा बचाओ आंदोलन की प्रमुख मेधा पाटकर के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी हुआ है। दिल्ली की कोर्ट ने मानहानि के मामले में उनके खिलाफ यह कार्रवाई की है। सरदार सरोवर बांध के डूब प्रभावितों की हक की लड़ाई लड़ रही पाटकर को कोर्ट में पेश होने के कई बार मौका दिया गया। बावजूद पेशी पर नहीं आईं।
 
31 जुलाई तक डूब क्षेत्र खाली करने की अधिसूचना जारी
सरदार सरोवर बांध का डूब क्षेत्र 31 जुलाई तक खाली कराने की अधिसूचना मप्र शासन ने जारी कर दी है। इसमें लिखा गया है कि सुप्रीम कोर्ट के 8 फरवरी 2017 के आदेश के परिपालन में 31 जुलाई 2017 तक निवासरत परिवारों को डूब क्षेत्र अनिवार्यतः रिक्त करना होगा। जिले के 76 गांवों में निवासरत परिवारों का 40 पुनर्वास स्थलों पर विस्थापन किया जाना है। जिले में भी डूब रहे क्षेत्र का जियो टेग सर्वे कराने का निर्णय प्रशासन ने लिया है। इसके लिए सोमवार को कलेक्टर श्रीमन शुक्ला ने बैठक ली। संबंधित ग्राम पंचायत के रोजगार सचिवों को सर्वे का दायित्व सौंपा। 3 दिन में सर्वे पूरा करने के निर्देश दिए। संबंधित स्थान (घर, दुकान, धर्मस्थल आदि) पर जाकर फोटो खींचे जाएंगे।

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