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किसानों की हड़ताल का दूसरा दिन: लाइनों में लगकर बंटा दूध, बढ़ गए सब्जियों के 'भाव'

भोपाल।किसानों की 1-10 जून तक प्रस्तावित हड़ताल के चलते दूसरे दिन भी लोगों को परेशानी उठानी पड़ रही है। इंदौर में पुलिस इंतजाम के बीच लोगों को दूध, सब्जी आदि खरीदनी पड़ी। हालांकि राजधानी भोपाल में हड़ताल का कुछ खास असर नहीं दिखाई दे रहा है। जानें पूरा मामला...
-सब्जी, अनाज और दूध के वाजिब दाम न मिलने से नाराज किसान मध्य प्रदेश समेत देश के कई हिस्सों में हड़ताल पर हैं। भोपाल की मंडी में दूसरे दिन 25 प्रतिशत ही फल-सब्जियों की आवक हुई।
-भोपाल में नरसिंहगढ़, सीहोर और होशंगाबाद से दुग्ध संघ को होने वाली दूध की सप्लाई पर असर पड़ा। हालांकि दुग्ध संघ के अधिकारियों का कहना है कि, उनके पास पर्याप्त मात्रा में मिल्क पाउडर रखा है, लिहाजा दूध की सप्लाई पर कोई असर नहीं पड़ेगा। वहीं दूध विक्रेताओं ने भी हड़ताल का समर्थन नहीं किया है।
-हड़ताल का सबसे ज्यादा असर मालवा-निमाड़ में देखा जा रहा है। इंदौर में शुक्रवार को पुलिस के पहरे में दूध की सप्लाई हुई। गुरुवार को किसानों ने सड़क पर दूध बहा दिया था। आगर मालवा में उग्र किसानों को खदेड़ने पुलिस को लाठियां भांजनी पड़ीं। उज्जैन में भी पुलिस और किसानों के बीच झड़प हुई। कई जगहों पर पुलिस ने किसानों को गिरफ्तार किया है।
-गुरुवार को आष्टा, सीहोर में किसानों ने मंडियों में जा रहा दूध छीनकर फेंक दिया था। शाजापुर में दो घंटे तक नेशनल हाईवे जाम रखा। आगजनी और पथराव किया। टीआई राजेंद्र वर्मा को घेरकर पीटा। उन्होंने लॉज में छिपकर जान बचाई। पथराव में एसडीओपी घायल हो गए। पुलिस ने लाठीचार्ज किया और आंसूगैस के गोले छोड़े। बड़नगर में एसडीएम और विधायक की गाड़ी पर प्याज फेंके गए।
-नागदा में सांची दूध वाहन से 2000 लीटर दूध लूटकर बहा दिया। उज्जैन में भी 2000 लीटर दूध सड़क पर बहाया गया। रतलाम में 20 क्विंटल प्याज सड़क पर फेंकी गई। -महाराष्ट्र में हिंसक हुए किसानों ने ट्रक फूंक दिया। सड़कों पर रोके ट्रक, सब्जियां मंडियों तक नहीं पहुंचने दीं।
-उज्जैन के किसानों ने गुरुवार सुबह इंदौर रोड पर प्रदर्शन किया। यहां ट्रक रोकर केले सड़क पर फेंक दिए। सब्जियां मंडी तक नहीं पहुंचने दीं। फूल और प्याज भी सड़क पर फेंके गए।
यह है मामला...
-उल्लेखनीय है कि गुरुवार से राजधानी समेत प्रदेशभर के किसान अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर है। हड़ताल के कारण राज्य में नागरिकों को सब्जी, फल-दूध सहित अन्य जरूरी सामान न मिल पाने की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। किसानों ने 1 से 10 जून तक हड़ताल का ऐलान किया है।
-भारतीय किसान यूनियन के प्रांतीय महामंत्री अनिल यादव के अनुसार, सब्जी उत्पादक, फसल उत्पादक व दूध उत्पादक किसान शहरों, कस्बों की मंडियों व सोसायटियों में सब्जी, दूध बेचने नहीं जाएंगे। गौरतलब है कि कर्जमाफी सहित अन्य मांगों को लेकर सरकार से नाराज चल रहे किसानों ने हड़ताल पर जाने का ऐलान किया था।
सब्जियों के भाव आसमान पर
हड़ताल के चलते मंडियों में सब्जियां की आवक कम होने से 'भाव' आसमान पर जा पहुंचे हैं। शुक्रवार को तीन रुपए किलो बिकने वाला आलू 10 रुपए तक में बिका। धनिया 30 से बढ़कर 150 रुपए किलो तक जा पहुंची। 250 रुपए प्रति कैरेट बिकने वाला टमाटर 500 रुपए तक में बिका। गिलकी 30 रुपए से बढ़कर 100 रुपए प्रति किलो हो गई। पालक 5 से बढ़कर 20 रुपए, जबकि भिंडी 40 से बढ़कर 120 रुपए प्रति किलो तक बिकी।

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