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ग्वालियर: हाईकोर्ट की अनोखी शर्त

श्योपुर/ ग्वालियर. मध्यप्रदेश में हाईकाेर्ट की ग्वालियर बेंच ने गुरुवार को एक सेवानिवृत्त सहायक शिक्षिका जरीन हाशमी की याचिका स्वीकार कर ली। लेकिन इस शर्त पर कि वे केरल में आई आपदा के लिए बाढ़ राहत कोष में 1 हजार रुपए जमा करेंगे।


मुवक्किल काेर्ट में हाजिर नहीं हो सके थे : उक्त याचिका को फिर से सुनवाई पर लाने के लिए उनके वकील ने आवेदन दिया। उनके वकील गौरव मिश्रा ने कोर्ट को बताया कि किसी कारणवश मेरे मुवक्किल कोर्ट में मौजूद नहीं हो सके। उनके तर्क को स्वीकार करते हुए कोर्ट ने उन्हें राहत कोष में 1 हजार रुपए जमा कराने का सुझाव दिया जिसे याची के वकील ने स्वीकार कर लिया।

मदद के लिए हाथ आगे बढ़ाए और कोर्ट को दिया धन्यवाद : कोर्ट ने केरल के मुख्य सचिव को भी इस संबंध में सूचित करने का निर्देश दिया है। उधर, खुद याचिकाकर्ता ने कहा कि यह मदद अगर बाढ़ पीड़ितों को जा रही है, तो इससे बढ़कर खुशी और क्या हो सकती है। मैं कोर्ट को धन्यवाद देना चाहती हूं।

पेंशन राशि कम मिली तो हाईकोर्ट में लगाई गुहार : श्योपुर शहर के हजारेश्वर मेला मैदान में नगर पालिका का नेहरू बाल सदन एवं शिशु मंदिर स्कूल चलता है। इस स्कूल में सहायक शिक्षक के तौर पर जरीन हाशमी पदस्थ थीं। 2017 में हाशमी सेवानिवृत हुईं। ऑडिट में गड़बड़ी के कारण पेंशन कम निर्धारित हो गई तो हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी। जरीन कहती हैं कि मुझे बाढ़ पीड़ितों की मदद कर खुशी होगी।

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