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श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के पैसों से इफ्तार पार्टियां देने पर नोटिस, जानिए पूरा मामला

रमजान के दौरान श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड (Shri Mata Vaishno Devi Shrine Board) की ओर से मुस्लिम समुदाय के लोगों के लिए इफ्तार पार्टियां देने का मामला जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट में जा पहुंचा है। इस पर HC ने सरकार और श्राइन बोर्ड को नोटिस जारी कर पक्ष रखने का निर्देश दिया है। दोनों पक्षों को अगले महीने जवाब देने को कहा गया है। बता दें, बारीदार संघर्ष कमेटी की ओर से हाई कोर्ट में यह मुद्दा उठाते हुए कहा गया है कि Shri Mata Vaishno Devi Shrine Board श्रद्धालुओं के चढ़ाए पैसों का दुरुपयोग कर रहा है। कमेटी का कहना है कि यह श्राइन हिंदुओं का श्राइन है और सरकार या बोर्ड का कोई हक नहीं बनता कि वह इसके पैसों का दुरुपयोग करे। कमेटी ने जम्मू-कश्मीर श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड एक्ट 1988 को चुनौती देते हुए अपनी याचिका में कहा है कि यह एक्ट श्राइन का नियंत्रण हिंदुओं से छीनकर सरकार को सौंपता है।

याचिका में भारतीय संविधान के अनुच्छेद 26 के तहत Shri Mata Vaishno Devi Shrine Board के साथ हिदुओं की सभी संपत्तियां हिदुओं के हवाले करने की मांग भी की। बारीदार संघर्ष कमेटी के प्रधान शाम सिह के अनुसार पंडित श्रीधर जी के आध्यात्मिक मार्ग दर्शन में त्रिकुटा चोटियों की गोद में बसे हंसाली गांव के बारीदारों ने पवित्र गुफा की खोज की थी। श्राइन बोर्ड बनने तक बारीदार ही इस श्राइन का प्रबंधन करते रहे। अब बोर्ड के पैसों का इफ्तार पार्टियों के आयोजन पर दुरुपयोग किया जा रहा है।

कमेटी की ओर से हाई कोर्ट में याचिका दायर करने वाले एडवोकेट अंकुर शर्मा का कहना है कि श्राइन बोर्ड दरबार में चढ़ने वाले पैसों से दूसरे धर्म के लोगों के लिए इफ्तार का बंदोबस्त करता है। बोर्ड के कई प्रशासनिक पदों पर गैर-हिदुओं को नियुक्त किया गया है।

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