इस बार रकà¥à¤·à¤¾à¤¬à¤‚धन के पूरे दिन नहीं है à¤à¤¦à¥à¤°à¤¾ का साया, दिन à¤à¤° रहेगा मà¥à¤¹à¥‚रà¥à¤¤
गà¥à¤µà¤¾à¤²à¤¿à¤¯à¤° ।रकà¥à¤·à¤¾à¤¬à¤‚धन का तà¥à¤¯à¥‹à¤¹à¤¾à¤° à¤à¤¾à¤ˆ बहिन के रिशà¥à¤¤à¥‹à¤‚ के लिठबड़ा पवितà¥à¤° तà¥à¤¯à¥Œà¤¹à¤¾à¤° है। à¤à¤¸à¤¾ कोई à¤à¥€ à¤à¤¾à¤ˆ न होगा न बहिन होगी जिसे इस दिन à¤à¤• दूसरे की याद न आये।
जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤·à¤¾à¤šà¤¾à¤°à¥à¤¯ डॉ हà¥à¤•à¥à¤®à¤šà¤‚द जैन ने जानकारी देते हà¥à¤ कहा कि शà¥à¤°à¤¾à¤µà¤£ पूरà¥à¤£à¤¿à¤®à¤¾ कà¥à¤·à¤¾à¤¬à¤‚धन के दिन यह राखी का à¤à¤¾à¤ˆ बहिन का पवितà¥à¤° तà¥à¤¯à¥Œà¤¹à¤¾à¤° के 22 अगसà¥à¤¤ रविवार के दिन इस बार à¤à¤¦à¥à¤°à¤¾ नहीं होगी।
शासà¥à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ में à¤à¤¦à¥à¤°à¤¾ में राखी बांधने और होली जलाने की मना है। कहते है इससे समाज ,राषà¥à¤Ÿà¥à¤° की किसी न किसी पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° से हानि होती है।
à¤à¤¦à¥à¤°à¤¾ और राहॠकाल मे राखी नही बाà¤à¤§à¥€ जाती इस साल à¤à¤¦à¥à¤°à¤¾ का साया पूरà¥à¤£à¤¿à¤®à¤¾ के दिन नहीं होगा।
हालांकि इस दिन 22 अगसà¥à¤¤ को पà¥à¤°à¤¾à¤¤à¤ƒ 07:56 बजे से पंचक 5 दिन के लिये पà¥à¤°à¤¾à¤°à¤®à¥à¤ हो जाà¤à¤—ी जो 26 अगसà¥à¤¤ को रातà¥à¤°à¤¿ 10:28 बजे पर समापà¥à¤¤ होंगी। परनà¥à¤¤à¥ पंचक में राखी बाà¤à¤§à¥€ जाती है इनसे रकà¥à¤·à¤¾à¤¬à¤‚धन के पवितà¥à¤° तà¥à¤¯à¥‹à¤¹à¤¾à¤° पर शासà¥à¤¤à¥à¤° यà¥à¤•à¥à¤¤ कोई फरà¥à¤• नहीं पड़ता है।
रकà¥à¤·à¤¾à¤¬à¤‚धन मà¥à¤¹à¥‚रà¥à¤¤:- वैसे तो 22 अगसà¥à¤¤ रविवार को पà¥à¤°à¤¾à¤¤à¤ƒ सूरà¥à¤¯à¥‹à¤¦à¤¯ के समय से पहले से ही पूरà¥à¤£à¤¿à¤®à¤¾ तिथि 21 अगसà¥à¤¤ को शाम 07:00 बजे से चली आ रही है। जो 22 अगसà¥à¤¤ को शाम 05: 31 बजे तक रहेगी।
इससे इस दिन पूरे दिन à¤à¤° बहिने अपने à¤à¤¾à¤‡à¤¯à¥‹à¤‚ की कलाई पर राखी बांध सकती है।
फिर à¤à¥€ चौघड़िया अनà¥à¤¸à¤¾à¤° मà¥à¤¹à¥‚रà¥à¤¤- लाà¤-09:07 बजे से 10:43 तक।
अमृत- 10:43 बजे से 12:20 तक।
अà¤à¤¿à¤œà¤¿à¤¤ मà¥à¤¹à¥‚रà¥à¤¤- 11:55 बजे से 12:46 बजे तक।
शà¥à¤ - 01:56 बजे से 03:33 बजे तक। चौघड़िया अनà¥à¤¸à¤¾à¤° यह मà¥à¤¹à¥‚रà¥à¤¤ सरà¥à¤µà¤¶à¥à¤°à¥‡à¤·à¥à¤ है
राहू काल- 05:09 बजे शाम से 06:46 बजे शाम तक वरà¥à¤œà¤¿à¤¤ समय है ।
*कैसे बांधे बहिन अपने à¤à¤¾à¤ˆ की कलाई पर राखी*- à¤à¤¾à¤ˆ अपनी बहिन के घर सà¥à¤¨à¤¾à¤¨ आदि से निवृत होकर जाà¤
बहिन से सरल हà¥à¤°à¤¦à¤¯ से मà¥à¤¸à¥à¤•à¤°à¤¾ कर राखी बांधने का आगà¥à¤°à¤¹ करें। बहिन à¤à¥€ रकà¥à¤·à¤¾ सूतà¥à¤°,नारियल,मिठाई,हलà¥à¤¦à¥€ या रोली थाली में सजाकर सरल मन से मà¥à¤¸à¥à¤•à¤°à¤¾à¤¤à¥‡ हà¥à¤ à¤à¤¾à¤ˆ को उचà¥à¤šà¤¾à¤¸à¤¨ पर बिठाकर उसकी कलाई पर रकà¥à¤·à¤¾ सूतà¥à¤° तिलक लगाकर बांधे और à¤à¤¾à¤ˆ की लंबी उमà¥à¤° की कामना पà¥à¤°à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¨à¤¾ à¤à¤—वान से करे।आरती उतारे ।
à¤à¤¾à¤ˆ बहिन के चरण सà¥à¤ªà¤°à¥à¤¶ कर à¤à¥‡à¤Ÿ सà¥à¤µà¤°à¥‚प दान दकà¥à¤·à¤¿à¤£à¤¾ देवे और बहिन के रकà¥à¤·à¤¾ करते रहने की à¤à¤—वान से पà¥à¤°à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¨à¤¾ करे कि पà¥à¤°à¤à¥ बहिन की किसी à¤à¥€ पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° की चाहे आरà¥à¤¥à¤¿à¤• व अनà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° की रकà¥à¤·à¤¾ करने की शकà¥à¤¤à¤¿ देते रहे।
इस पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° रकà¥à¤·à¤¾à¤¬à¤‚धन के पवितà¥à¤° तà¥à¤¯à¥Œà¤¹à¤¾à¤° को मनाने से à¤à¤¾à¤ˆ-बहिन दोनो ही दीरà¥à¤˜à¤¾à¤¯à¥ आंनद मय जीवन जीते है ।