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कलेक्टर के निर्देश पर संयुक्त टीम द्वारा नर्मदा के बरमकुंड घाट का औचक निरीक्षण

कलेक्टर श्री वेद प्रकाश के निर्देश पर जिला प्रशासन की संयुक्त टीम द्वारा गोटेगांव तहसील के ग्राम भैंसा के नजदीक नर्मदा नदी के बरमकुंड घाट एवं आसपास के क्षेत्रों का औचक निरीक्षण सोमवार को किया गया। संयुक्त टीम में एसडीएम व तहसीलदार गोटेगांव, जिला खनिज अधिकारी, पुलिस एवं राजस्व विभाग का अमला मौजूद था। यहां निरीक्षण के दौरान मौके पर नरसिंहपुर जिले की सीमा में नर्मदा में सड़क का बनाया जाना और हैवी मशीनों से रेत खनन किया जाना नहीं पाया गया। बरमकुंड घाट पर गहरा पानी है। यहां न तो सड़क बनाना संभव है और ना ही खनन किया जाना। बरमकुंड घाट पर किसी प्रकार के रेत खनन के निशान नहीं पाये गये।
         उल्लेखनीय है कि एक समाचार पत्र में 22 फरवरी को प्रकाशित किया गया था कि बरमकुंड घाट पर माफिया ने हैवी मशीनों से रेत खनन के लिए नर्मदा में सड़क बना दी है। इस पर तत्काल संज्ञान लेते हुए कलेक्टर ने जिला प्रशासन की संयुक्त टीम को बरमकुंड घाट के समीपी क्षेत्रों का औचक निरीक्षण कर आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिये थे।
         निरीक्षण के दौरान संयुक्त टीम ने पाया कि बरमकुंड घाट नरसिंहपुर जिले की गोटेगांव तहसील की सीमा में आता है। यहां बरमकुंड घाट के समीप के गोटेगांव तहसील के क्षेत्र में दूर- दूर तक माइनिंग के कार्य किये जाने के कोई निशान नहीं पाये गये। गोटेगांव तहसील अंतर्गत बरमकुंड के समीप इस तरह का घाट नहीं है, जिस पर माइनिंग का काम किया जा सके। समाचार में प्रकाशित फोटो का संबंध नरसिंहपुर जिले के बरमकुंड घाट से नहीं है।
         उक्त प्रकाशित समाचार में सांकल घाट, जमुनिया घाट पर भी नरसिंहपुर जिले में कोई उत्खनन कार्य किया जाना नहीं पाया गया। डूब क्षेत्र में होने के कारण इन दोनों खदानों को पूर्व में ही स्वीकृति के लिए प्रस्तावित नहीं किया गया था। महादेव पिपरिया घाट के नाम से भी कोई खदान नहीं है।
         घाट पिपरिया नाम से एक रेत खदान स्वीकृत है, जहां अधिकृत ठेकेदार धनलक्ष्मी कार्पोरेशन द्वारा खनन व परिवहन का कार्य किया जा रहा है।

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