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भ्रष्ट अफसर और महिला क्लर्क गिरफ्तार

इंदौर नगर निगम के अफसर और महिला क्लर्क को 25 हजार रुपए रिश्वत लेते लोकायुक्त ने गिरफ्तार किया है। दोनों ने बिजासन मंदिर परिसर में बन रहे पार्क के बिल को पास कराने के लिए रिश्वत मांगी थी। आरोप है कि 9.50 लाख रुपए का बिल पास करने के लिए 3% का कमीशन मांगा गया था। कांट्रेक्टर ने इसकी शिकायत लोकायुक्त से की थी। टीम ने नगर निगम के जनकार्य विभाग के अधीक्षक विजय सक्सेना और महिला कर्मचारी (क्लर्क) हिमानी वैद्य को सोमवार दोपहर 1.30 बजे पकड़ा।

उज्जैन निवासी सिविल कांट्रेक्टर धीरेंद्र चौबे की कंपनी रुद्र कंस्ट्रक्शन बिजासन मंदिर परिसर में पार्क विकसित कर रही है। कंपनी के कुछ बिल पिछले काफी समय से नगर निगम में पेंडिंग थे। इस बीच कोरोना काल के कारण पेमेंट अटक गया। जब धीरेंद्र चौबे ने अंतिम 9.50 लाख रुपए के बिल के मामले में जनकार्य विभाग के अधीक्षक विजय सक्सेना से बात की तो उन्होंने इसके बिल की राशि की 3% की रिश्वत मांगी। इस पर धीरेंद्र चौबे ने लोकायुक्त एसपी सव्यसाची सराफ से शिकायत की। एसपी ने डीएसपी प्रवीण सिंह बघेल के नेतृत्व में एक टीम बनाई।

सोमवार दोपहर को तय समय पर सक्सेना ने चौबे को नगर निगम मुख्यालय में अपने ऑफिस बुलाया। इस पर वे वहां 25 हजार रु. लेकर पहुंचे तो सक्सेना ने रकम महिला कर्मचारी हिमानी को देने को कहा। इस पर हिमानी ने रुपए लेकर सक्सेना की आलमारी में रख दिए। इस बीच लोकायुक्त की टीम ने सक्सेना व हिमानी को रंगेहाथों पकड़ लिया। दोनों से रुपए जब्त कर उन्हें एमजी रोड थाने लाकर कार्रवाई की जा रही है।

25 सालों से निगम में तैनात है सक्सेना, कई शिकायतें थीं
विजय सक्सेना इंदौर नगर निगम में करीब 25 साल से तैनात है। इस दौरान वह निगम के अलग-अलग विभाग में रहा। करीब 12 साल वह नक्शा विभाग में भी रहा। इस दौरान भी उसके खिलाफ भ्रष्टाचार की कई शिकायतें थीं। फिर वह बिल सेक्शन में आकर जनकार्य विभाग का अधीक्षक हो गया। उसने रिश्वतखोर में महिला कर्मचारी हिमानी को भी शामिल कर लिया। अकसर वह उसी के माध्यम से रिश्वत लेता था ताकि सीधे खुद पकड़ा न जा सके।

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