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हमारे लिए देश पहले, दल बाद में : विजयवर्गीय

मध्य प्रदेश के मांडव में भाजपा का तीन दिवसीय प्रशिक्षण जारी है। दूसरे दिन शनिवार को कार्यकर्ताओं को टिप्स देने राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने संबोधित किया। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार एक सुविचारित रणनीति बनाकर दूरदर्शिता और धैर्य के साथ उस पर अमल कर रही है, ताकि देश को फिर से विश्वगुरु के रूप में प्रतिष्ठित किया जा सके। इसीलिए अनेक बार ऐसा होता है कि जब हमारी सरकार कोई निर्णय लेती है, तो लोग उसे समझ नहीं पाते और सवाल उठाते हैं। भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता होने के नाते यह हमारा दायित्व है कि हम बूथ स्तर तक पार्टी की विचारधारा को पहुंचाएं और समाज में छुपे देश के दुश्मनों को सामने लाएं। 

कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि हमारी विचारधारा की शुरुआत 1925 से हुई। 1947 में जब देश का विभाजन हो गया, तो तत्कालीन नेहरू सरकार ने तुष्टिकरण की नीति को अपनाया। सरकार पाकिस्तान ने प्रताड़ित होकर आ रहे हिंदुओं की कोई चिंता नहीं कर रही थी। 15 अगस्त को तो वहां से हिंदुओं, सिखों की लाशों से भरी एक ट्रेन भेजी गई थी। नेहरू सरकार की तुष्टिकरण की नीति से सबसे ज्यादा नुकसान देश के हिंदु समाज का हो रहा था और इसके चलते ही राष्ट्रवाद की अवधारणा पैदा हुई। जनसंघ की जब स्थापना हुई तब पंडित जवाहरलाल नेहरू और कांग्रेस का पूरे देश में जलजला था। कोई कल्पना भी नहीं कर सकता था और ना किसी की ताकत थी उस वक्त जनसंघ की स्थापना करने का निर्णय लेना। उस समय गुरुजी गोलवलकर ने कहा था कि देश के निर्माण के लिए एक पीढ़ी नहीं दो पीढ़ी नहीं कई पीढ़ियों को कुर्बानी देना पड़ेगी। उन्होंने कहा था यह ईश्वरीय कार्य है और इसमें हमें सफलता जरूर मिलेगी। आज हम देख रहे हैं कि 50 साल बाद उनके शब्द सार्थक हो रहे हैं। विजयवर्गीय ने कहा कि हम कहते हैं देश पहले, दल बाद में। यह हमारी निष्ठा और हमारा चरित्र है, जिसे हमने करके दिखाया है। आपातकाल के समय देश के लोकतंत्र को बचाने के लिए हमारे नेताओं ने जनसंघ का जनता पार्टी में विलय कर दिया। उस समय पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई जी ने कहा था जिस पेड़ को हमने सींचा और बड़ा किया है, जो हमारी आत्मा में बसता है,  उस झंडे को हम देश के लिए समर्पित कर रहे हैं, क्योंकि हमारा लोकतंत्र खतरे में है। जिस पार्टी के लिए डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी ने बलिदान दिया, जिसके लिए पं. दीनदयाल उपाध्याय जी ने अपना जीवन होम कर दिया, उस पार्टी का देश से तानाशाही को समाप्त करने के लिए हमने बलिदान दे दिया।

विजयवर्गीय ने कहा कि मोदी जी के आने के बाद सिर्फ नागरिकों का नहीं, बल्कि सेना का भी आत्मविश्वास बढ़ा है। हम लोग जब अपने घरों में दीपावली मनाते हैं, तब हमारे प्रधानमंत्री जी सैनिकों के बीच होते हैं। वहां वे सिर्फ दीपावली नहीं मनाते, बल्कि हर स्तर के सैनिकों से मिलते हैं, उनकी कठिनाइयों और समस्याओं को जानते हैं और उन्हें दूर करते हैं। एक अनुमान के अनुसार हमारी सरकार बनने के बाद से लगभग 10 लाख करोड़ रुपये सेना पर खर्च किए जा चुके हैं। इसी की बदौलत हमारी सेना आज दुनिया की तीसरी सबसे ताकतवर और सम्मानित सेना है। मोदी जी के नेतृत्व में भारत एक ताकतवर देश बना है। सारी दुनिया मोदी जी के नेतृत्व को मानती है। इसीलिए जब चीन-ताइवान के बीच बढ़ते तनाव से दुनिया चिंतित होती है, तो मेक्सिको के प्रधानमंत्री इस संकट को टालने के लिए मोदी जी का नाम लेते हैं। 

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