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जिस गेंदबाजी के दम पर यहां तक पहुंचे, वही गेंदबाजी फाइनल में हुई बेअसर, जानें हार के 10 कारण

ऑस्ट्रेलिया ने भारत को हराकर वनडे विश्व कप 2023 का खिताब जीत लिया है। टॉस हारकर पहले बल्लेबाजी करते हुए भारतीय टीम 240 रन पर सिमट गई। जवाब में ऑस्ट्रेलिया ने 43 ओवर में चार विकेट गंवाकर लक्ष्य हासिल कर लिया। टीम इंडिया जिस गेंदबाजी के दम पर फाइनल तक पहुंची थी, वही गेंदबाजी फाइनल में बेअसर दिखी। न सिर्फ गेंदबाजी बल्कि बल्लेबाजी में भी भारतीय खिलाड़ी फ्लॉप हुए। भारतीय गेंदबाजों ने जहां इस मैच से पहले तक पूरे विश्व कप में विपक्षी टीम को अपनी सीम और स्विंग से परेशान किया था, इस मैच में शुरुआती कुछ ओवरों में जरूर सीम और स्विंग देखने को मिली, लेकिन 15 ओवर के बाद ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज पूरी तरह जम गए। ट्रेविस हेड ने शानदार शतक और मार्नस लाबुशेन ने अर्धशतक लगाया औ भारतीय गेंदबाजों को पूरी तरह बेअसर कर दिया।

  1. शुभमन, श्रेयस और सूर्यकुमार की खराब बल्लेबाजी: जब भारतीय टीम बल्लेबाजी के लिए उतरी थी, उस वक्त तेज गेंदबाजों को मदद नहीं मिल रही थी। शुभमन गिल ने खराब शॉट खेलकर अपना विकेट फेंका, वहीं श्रेयस अय्यर कट लगाने के चक्कर में विकेटकीपर को कैच दे बैठे। आखिर में सूर्यकुमार के पास काफी ओवर थे, लेकिन वह कुछ न कर सके और महज 18 रन बनाकर पवेलियन लौट गए।2. ऑस्ट्रेलिया की बेहतरीन फील्डिंग: फाइनल से पहले तक ऑस्ट्रेलिया की बैटिंग हो या बॉलिंग या फील्डिंग कुछ खास नहीं दिखी थी। हालांकि, फाइनल में कंगारुओं ने गजब की फील्डिंग की। उन्होंने कई चौके बचाए और साथ ही भारतीय खिलाड़ियों को सिंगल लेने से भी रोका। ऐसा लग रहा था कि मैदान पर 15-20 खिलाड़ी फील्डिंग कर रहे हैं। उनकी फील्डिंग की वजह से भारत पूरे मैच में सिर्फ 13 चौके लगा पाया। 11 से 50 ओवर के बीच तो भारत सिर्फ चार चौके लगा पाया। 
3. मिडिल ओवर्स में बाउंड्री की कमी: पूरे टूर्नामेंट में विस्फोटक बल्लेबाजी करने वाली भारतीय टीम की पोल फाइनल में खुल गई। अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में खेले गए मैच में टीम इंडिया ने आक्रामक शुरुआत की थी। हालांकि, बीच के ओवरों में भारतीय पारी पटरी से उतर गई। टीम इंडिया को इसी का खमियाजा भुगतना पड़ा है। जहां पिछले मैचों में भारत के मध्यक्रम ने शुरुआत में जल्दी विकेट गिरने पर पारी को संभाल लिया था, लेकिन इस मैच में ऐसा नहीं हो सका। भारतीय मध्यक्रम ने पारी संभालने की कोशिश तो की, लेकिन नियमित अंतराल पर विकेट गिरने से नहीं रोक सके। इसके अलावा ऑस्ट्रेलिया ने यह भी दिखाया कि पार्ट टाइम गेंदबाज किसी मैच में कितना प्रभाव डाल सकते हैं।  इस मैच में भारतीय बल्लेबाज कुल मिलाकर 13 चौके और तीन छक्के लगा सके। 
4. ऑस्ट्रेलिया के पास गेंदबाजी के कई विकल्प: ऑस्ट्रेलिया के लिए इस मैच में तीन पार्ट टाइमर्स ने गेंदबाजी की। इनमें ग्लेन मैक्सवेल, मिचेल मार्श और ट्रेविस हेड शामिल हैं। इन्होंने 10 ओवर में 44 रन दिए और रोहित शर्मा का विकेट निकालने में सफल रहे। उन्हें मैक्सवेल ने कैच कराया था। ऑस्ट्रेलियाई कप्तान कमिंस ने बताया कि टीम में अतिरिक्त गेंदबाज होना कितना फायदेमंद होता है। तीन पार्ट टाइमर्स की किफायती गेंदबाजी भी मैच का टर्निंग प्वाइंट साबित हुआ। तीन विकेट गिरने के बाद भारत के पांचों गेंदबाज विकेट के लिए जूझते दिखे। ऐसे में टीम इंडिया को छठे गेंदबाज की कमी खली। हार्दिक पांड्या की कमी इस मैच में खली। वह अतिरिक्त बल्लेबाजी विकल्प होने के साथ-साथ गेंदबाजी का भी विकल्प देते हैं। 

5. मध्य ओवरों में भारत की खराब गेंदबाजी: भारत ने गेंदबाजी की शुरुआत तो अच्छी की थी, लेकिन इस मैच में प्लान में कुछ बदलाव किया गया। जहां शमी को पहले एक चेंज के रूप में लाया जा रहा था। इस मैच में शमी बुमराह के बाद दूसरा ओवर लेकर आए। उन्होंने काफी एक्स्ट्रा रन लुटाए।

6. खराब विकेटकीपिंग: इस मैच में राहुल ने काफी खराब विकेटकीपिंग की। उनके अगल बगल से गेंद निकलती गई और इस तरह भारत के हाथों से मैच भी निकलता रहा। 
7. खराब फील्डिंग: जहां एक तरफ ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों ने फील्डिंग में अपना सबकुछ झोंक दिया, वहीं भारतीय खिलाड़ी मैदान पर फील्डिंग में बहुत ही खराब रहे। उन्होंने एफर्ट नहीं लगाया और उनके सामने से चौके निकलते रहे।

8. ट्रेविस हेड: ट्रेविस हेड ने एक बार फिर भारत को हराया है। इससे पहले विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के 2023 फाइनल में भी ट्रेविस हेड ही भारत की हार का कारण बने थे। विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में 174 गेंद में 163 रन की पारी खेली थी।

9. स्पिनर्स कोई विकेट नहीं ले पाए: इस मैच में भारतीय स्पिनर्स कोई विकेट नहीं ले पाए। यह इस पूरे टूर्नामेंट में पहली बार है जब भारतीय स्पिनर्स कोई विकेट नहीं ले पाए हों। कुलदीप यादव और रवींद्र जडेजा की गेंद पर ट्रेविस हेड ने खूब रन बनाए।
10. किस्मत ने नहीं दिया साथ: इससे पहले तीन मैचों में भारत ने टॉस जीता था। हालांकि, फाइनल में भारतीय टीम टॉस हार गई। भले ही रोहित ने ये कहा हो कि वह पहले बल्लेबाजी करना चाहते थे, लेकिन यह तो ऊपर वाला ही जानता है कि रोहित क्या फैसला लेते। इसके अलावा भारतीय गेंदबाजों का साथ भी किस्मत ने नहीं दिया। 28वें ओवर में जसप्रीत बुमराह की गेंद सीधे जाकर लाबुशेन के पैड पर लगी। डीआरएस में अंपायर्स कॉल हुआ। अगर उस वक्त एक विकेट मिलता तो भारतीय टीम पासा पलट सकती थी।

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