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दूसरे चरण में भी कम मतदान, अंदरूनी लहर पर सवार भाजपा को जीत की आस, कांग्रेस का बढ़ा विश्वास

मप्र में दूसरे चरण में भी कम मतदान हुआ है। शुक्रवार शाम 6 बजे तक के आंकड़ों के मुताबिक 6 सीटों पर 58.35 प्रतिशत मतदान हुआ। बीते लोकसभा चुनाव में इन सीटों पर हुए मतदान को देखें तो करीब नौ प्रतिशत वोटिंग कम हुई है। 2019 में इन छह सीटों पर औसतन 67.77 प्रतिशत मतदान हुआ था। कम मतदान के बावजूद भाजपा का मानना है कि अंदरूनी लहर चल रही है और उसे अपनी जीत का पूरा भरोसा है। वहीं, कमजोर मतदान को सत्ता विरोधी लहर मानकर कांग्रेस की बांछें खिली हुई हैं। मतदान कम होने को वह अपनी व इंडी गठबंधन के हित में मान रही है। 

 मध्य प्रदेश की 29 लोकसभा सीटों पर चार चरणों में चुनाव हो रहा है। दूसरे चरण के तहत 6 सीटों  सतना, रीवा, खजुराहो, टीकमगढ़, दमोह और होशंगाबाद सीट सुबह 7 बजे मतदान शुरू हुआ। चुनाव आयोग की तरफ से 9 बजे जारी आंकड़े के अनुसार 13.82 प्रतिशत मतदाताओं ने मतदान किया। इसके बाद 11 बजे तक 28 प्रतिशत से अधिक मतदाताओं ने अपने मत का प्रयोग कर लिया था। दोपहर 1 बजे तक यह मतदान का प्रतिशत 39.96 प्रतिशत पहुंच गया। सुबह मतदान केंद्रों पर वोटर्स की लंबी-लंबी कतारें नजर आई, लेकिन जैसे जैसे दिन चढ़ता गया और गर्मी बढ़ी तो पोलिंग बूथों पर मतदाताओं की संख्या में कमी देखने को मिली। दोपहर 3 बजे तक 46.68 प्रतिशत, शाम 6 बजे तक 58.35 प्रतिशत मतदान हो गया था। हालांकि अंतिम आंकड़े कुछ बढ़ सकते हैं। 
 
 लोकसभा चुनाव 2024 के दूसरे चरण में शुक्रवार को 58.35 फीसदी मतदान हुआ, जबकि 2019 में 67.64 प्रतिशत मतदान हुआ था। इस तरह इसमें 9.29 फीसदी की गिरावट आई। पहले चरण में 67.75 फीसदी वोटिंग हुई थी, जो कि 2019 के 75.24 फीसदी के मुकाबले 7.47 कम थी।
प्रदेश में सबसे ज्यादा गेहूं और देश में सबसे ज्यादा सोयाबीन का उत्पादन करने वाले होशंगाबाद सीट पर सबसे ज्यादा 67.86% मतदान हुआ है। चुनाव में किसानों का मुद्दा नहीं होने के बावजूद अच्छा मतदान किया है। यहां पर भाजपा ने किसान नेता दर्शन सिंह को चुनाव में उतारा है। वहीं, कांग्रेस की तरफ से संजय शर्मा प्रत्याशी है। इस सीट पर 2019 में 74.17% मतदान हुआ था। इस बार 6.31 प्रतिशत मतदान कम हुआ है।  
 
6 सीटों में सबसे कम मतदान रीवा में  48.67% मतदान हुआ है। यहां पर भाजपा ने सांसद जनार्दन मिश्रा को प्रत्याशी बनाया है। उनके खिलाफ जनता में नाराजगी बताई जा रही थी। वहीं, कांग्रेस ने भी कोई दमदार प्रत्याशी नहीं दिया। यहां पर कांग्रेस की तरफ से नीलम अभय मिश्रा प्रत्याशी है। 2019 में 60.33% मतदान हुआ था। इस बार 11.66 प्रतिशत मतदान कम हुआ है। 
सतना में भाजपा ने सांसद गणेश सिंह और कांग्रेस ने विधायक सिद्धार्थ कुशवाह को प्रत्याशी बनाया। कुशवाह विधानसभा चुनाव में गणेश सिंह को चुनाव हरा चुके है। बसपा से पूर्व विधायक नारायण त्रिपाठी मैदान में हैं। यहां पर कुशवाह और गणेश सिंह को लेकर जनता में नाराजगी थी। यहां त्रिकोणीय मुकाबला है। इस बार 61.77% मतदान हुआ। यहां 2019 में 70.71% मतदान हुआ था। इस बार 8.94 प्रतिशत मतदान कम हुआ है। खजुराहो सीट पर एकतरफा मुकाबला माना जा रहा था। यहां से भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा चुनाव लड़ रहे। यह सीट कांग्रेस ने इंडिया गठबंधन के तहत समाजवादी पार्टी के लिए छोड़ दी थी। सपा प्रत्याशी मीरा यादव का पर्चा रद्द हो गया। इसके बाद इंडिया गठबंधन ने आरबी प्रजापति को समर्थन दिया, लेकिन उनको बहुत मजबूत चेहरा नहीं माना जा रहा। इस बार 56.44% मतदान हुआ। 2019 में 68.28% मतदान हुआ था। इस बार 11.84 प्रतिशत मतदान कम हुआ है। टीकमगढ़ अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीट पर भाजपा ने केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र खटिक चुनाव लड़ रहे है। यहां पर कांग्रेस ने पंकज अहिरवार को मौका दिया। वीरेंद्र के खिलाफ जनता में नाराजगी है। वहीं, कांग्रेस प्रत्याशी का नया चेहरा होने से पहचान की कमी रही। इस बार  59.79% मतदान हुआ।  2019 में इस सीट पर 66.57% मतदान हुआ था। इस बार 6.78 प्रतिशत मतदान कम हुआ है। दमोह सीट पर भाजपा के राहुल लोधी और कांग्रेस तरबर सिंह लोधी चुनाव लड़ रहे। दोनों पूर्व विधायक है। इस सीट पर लोधी वोटर्स निर्णायक होता है। चुनाव में लोधी वोटरों में असमंजस और चुनाव में जनता की रूचि भी कम देखी गई। 2019 में इस सीट पर 65.82% मतदान हुआ था। इस बार 9.64 प्रतिशत मतदान कम हुआ है।



मोदी जी का जादू कम हो रहा 
यह केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ एंटी इंकम्बेंसी है। मतदान प्रतिशत के कम होने से साफ है कि मोदी जी का जादू कम हो रहा है। इससे उस दावे की भी पोल खुल रही है, जिसमें मोदी जी को ग्लोबल लीडर और 400 पार की बात कही जा रही थी। पिछली बार भाजपा जिन शहरी क्षेत्रों से जीती, उन्हीं जगह मतदान में कमी आ रही है। इस चुनाव में महंगाई, बेरोजगारी से परेशान मतदाता अपने मत का प्रयोग कर रहा और जिसे अब मोदी से कोई उम्मीद नहीं है वो वोट डालने नहीं जा रहा है।-मुकेश नायक, अध्यक्ष, कांग्रेस मीडिया विभाग, एमपी  
 
 

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