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मप्र में नर्सिंग परीक्षाएं फिर टली, नई तारीख घोसित

 मध्यप्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय की सत्र 2021-22 की नर्सिंग एक बार फिर टल गई है। पोस्ट बेसिक बीएससी नर्सिंग (पीबीएससी) के प्रश्न पत्र 19 सितंबर से होने थी। यह परीक्षा आयोजन से ठीक एक दिन पहले स्थगित कर दी गई। इसके साथ ही नर्सिंग के दो अन्य पाठ्यक्रमों की तिथि में भी परिवर्तन किया गया है।

सत्र 2021-22 में प्रवेशित नर्सिंग छात्र-छात्राओं की परीक्षा अब 25 सितंबर से आरंभ होगी। संशोधित समय-सारिणी जारी कर दी गई है। संबंधित सत्र के छात्र-छात्राएं तीन वर्ष से परीक्षा की प्रतीक्षा में है। बार-बार परीक्षा में व्यवधान से छात्र-छात्राओं में रोष है।

तीन से पांच दिन आगे बढ़ाई परीक्षा
पाठ्यक्रम : पूर्व परीक्षा कार्यक्रम : नवीन परीक्षा कार्यक्रम

पीबीएससी प्रथम वर्ष : 19 सितंबर से नौ अक्टूबर : 26 सितंबर से 25 अक्टूबर
बीएससी नर्सिंग प्रथम वर्ष : 20 सितंबर से 10 अक्टूबर : 25 सितंबर से 15 अक्टूबर
एमएससी नर्सिंग प्रथम वर्ष : 24 सितंबर से तीन अक्टूबर : 27 सितंबर से आठ अक्टूबर
इसलिए परीक्षा कार्यक्रम में परिवर्तन
विश्वविद्यालय ने परीक्षा के आयोजन की तैयारी पूरी कर ली थी। अलग-अलग कारणों से वंचित किए गए कुछ छात्र-छात्राओं को गत सप्ताह न्यायालय से राहत मिली। इन्हीं भी परीक्षा में सम्मिलित किया जाना है। संबंधित छात्र-छात्राओं के नामांकन और परीक्षा आवेदन की प्रक्रिया नहीं हुई थी। 15 से 17 सितंबर तक शासकीय अवकाश था। इन छात्रों के आवेदन की प्रक्रिया के लिए परीक्षा तिथि आगे बढ़ाई है।

विलंब शुल्क के साथ आवेदन
छात्रों को बिना विलंब शुल्क के 21 सितंबर और पांच सौ रुपये विलंब शुल्क सहित 23 सितंबर तक परीक्षा आवेदन करने समय दिया है। 25 हजार से अधिक छात्र-छात्राएं प्रदेश के नर्सिंग कालेजों की मान्यता में फर्जीवाड़ा उजागर होने पर सत्र 2021-22 की परीक्षाएं रोक दी गई थी। अलग-अलग चरण में जांच में लगभग तीन वर्ष का समय लग गया। उसके बाद जांच में पात्र मिले कॉलेजों के छात्रों को परीक्षा कराने की तैयारी हुई।

इस बीच न्यायालय से अपात्र कॉलेजों को भी परीक्षा में सम्मिलित करने के निर्देश प्राप्त हुई। इसके बाद पुन: परीक्षा कार्यक्रम निर्धारित हुआ। सब कुछ निर्धारित होने के बाद कुछ कॉलेजों के लंबित मामलों में भी छात्रों को परीक्षा देने की छूट दी गई। बार-बार नई व्यवस्था और परीक्षा तिथि में परिवर्तन से 25 से अधिक नर्सिंग छात्र-छात्राएं प्रभावित है.

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