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मुख्य सचिव वीरा राणा 30 सितंबर को होंगी रिटायर, अब किसके सर प्रदेश का ताज

भोपाल। मध्य प्रदेश की दूसरी महिला मुख्य सचिव वीरा राणा सोमवार को सेवानिवृत्त हो जाएंगी। उनके स्थान पर अगर 1990 बैच के अधिकारी डॉ राजेश राजौरा को मुख्य सचिव बनाया जाता है, तो उन्हें पौने तीन वर्ष काम करने के लिए मिलेंगे। वे अभी मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव हैं।

इस पद के लिए केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ 1989 बैच के अधिकारी अनुराग जैन का नाम भी चर्चा में है, लेकिन उनकी प्रदेश में वापसी को लेकर असमंजस की स्थिति है। 1990 बैच के ही अधिकारी अपर मुख्य सचिव गृह एसएन मिश्रा के आड़े उनकी सेवानिवृत्त की अवधि आ सकती है। वह चार माह बाद सेवानिवृत्त हो जाएंगे।

मुख्य सचिव की नियुक्ति संबंधी आदेश सोमवार को दोपहर बाद जारी किए जा सकते हैं। विधानसभा चुनाव के समय इकबाल सिंह बैंस की दूसरी सेवावृद्धि की अवधि समाप्त होने पर वरिष्ठता के आधार पर 1988 बैच की अधिकारी वीरा राणा को प्रभारी मुख्य सचिव बनाया था।

लोकसभा चुनाव को देखते हुए मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने उन्हें छह माह की सेवावृद्धि दिलाई, जो 30 सितंबर को समाप्त हो जाएगी। उनके स्थान पर प्रदेश का नया मुख्य सचिव बनाए जाने को लेकर चार नामों की प्रमुखता से चर्चा हुई। इसमें केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ 1989 बैच के अधिकारी अनुराग जैन और इसी बैच के मोहम्मद सुलेमान का नाम आया।

अनुराग जैन व मोहम्मद सुलेमान पर तस्वीर साफ नहीं
अनुराग जैन की दिल्ली से वापसी को लेकर तस्वीर साफ नहीं हुई है। मोहम्मद सुलेमान को कृषि उत्पादन आयुक्त के साथ कर्मचारी चयन मंडल के अध्यक्ष का प्रभार दिया गया है। ऐसे में उन्हें अवसर मिलने की संभावना नहीं है। दोनों अधिकारियों की गिनती प्रशासनिक पकड़ के साथ परिणाम देने वाले अधिकारी में होती है।

डॉ राजौरी सीएम मोहन यादव के भरोसेमंद
डॉ राजेश राजौरा पिछले चार माह से मुख्यमंत्री कार्यालय में पदस्थ हैं। जल संसाधन और नर्मदा घाटी विकास विभाग के साथ उज्जैन संभाग के प्रभारी अधिकारी भी हैं। सिंहस्थ से जुड़े काम उनकी देखरेख में हो रहे हैं। उनकी गिनती मुख्यमंत्री के भरोसेमंद अधिकारियों में होती है। वे मई 2027 में सेवानिवृत्त होंगे। इस हिसाब से मुख्य सचिव के लिए जितने भी नाम चर्चा में हैं, उनमें सर्वाधिक समय उनके पास ही है। वे मुख्य सचिव बनाए जाते हैं, तो उन्हें पौने तीन वर्ष मिलेंगे। यही वह समय है, जब सरकार द्वारा निर्धारित लक्ष्यों की पूर्ति की दिशा में पूरी प्रशासनिक मशीनरी को एक दिशा में लगाया जाना है।

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