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लाड़ली बहनों के लिए 18 हजार करोड़, 4 लाख करोड़ रुपये से अधिक का हो सकता है 2025-26 का बजट

मध्य प्रदेश का वित्त वर्ष 2025-26 का बजट चार लाख करोड़ रुपये से अधिक का हो सकता है। इसमें महिला एवं बाल विकास विभाग को लगभग 27 हजार करोड़ रुपये मिलेंगे। इससे लाड़ली बहना योजना और 450 रुपये में रसोई गैस सिलेंडर उपलब्ध कराने जैसी योजना के लिए प्रविधान रहेगा।

लाड़ली बहना योजना पर वर्षभर में लगभग 18 हजार करोड़ रुपये व्यय हो रहे हैं। इसी तरह सस्ती दर पर बिजली उपलब्ध कराने के लिए दिए जाने वाले अनुदान के लिए विभिन्न विभागों के बजट में 25 हजार करोड़ रुपये से अधिक का प्रविधान रखा जाएगा। अधोसंरचना विकास के कार्यों को गति देने की प्राथमिकता को पूरा करने के लिए पूंजीगत व्यय 70 हजार करोड़ रुपये से अधिक किया जाएगा।

वित्त विभाग की संचालक (बजट) तन्वी सुन्द्रियाल ने सभी विभागों को बजट की अंतरिम सीमा दी है ताकि वे इसके अनुसार प्रस्ताव तैयार कर सकें। बता दें, वर्ष 2024-25 का बजट तीन लाख 65 हजार करोड़ रुपये से अधिक का है।

10 हजार करोड़ रुपये का अनुपूरक बजट

16 दिसंबर से प्रारंभ होने वाले विधानसभा के शीतकालीन सत्र में प्रथम अनुपूरक बजट प्रस्तुत होगा, जो 10 हजार करोड़ रुपये से अधिक का हो सकता है। इसके साथ ही वित्त वर्ष 2025-26 के बजट की तैयारी भी विभागों ने प्रारंभ की दी है। वित्त विभाग ने सभी विभागों को प्रस्ताव तैयार करने के लिए उन्हें दी जाने वाली अनुमानित राशि भी बता दी है ताकि वे प्रस्ताव उसके अनुरूप ही तैयार करें।

सभी योजनाओं की समीक्षा

इस बार शून्य बजट की प्रक्रिया अपनाई गई है यानी एक-एक योजना की समीक्षा कराई जा रही है। इसमें उनकी उपयोगिता के बारे में पूछने के साथ अब तक की उपलब्धियों का ब्योरा भी मांगा जा रहा है। प्रस्तावों पर विचार करने के लिए उप सचिव स्तर के अधिकारियों की बैठकें चल रही हैं। इसके बाद सचिव और फिर मंत्री स्तरीय बैठकें करके प्रस्तावों को अंतिम देने के लिए मुख्यमंत्री के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा।

ग्रामीण विकास पर 19,203 और नगरीय विकास पर 17,236 करोड़ होंगे

व्यय सूत्रों का कहना है कि पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के लिए 19 हजार 203 करोड़ रुपये प्रस्तावित किए गए हैं। इसमें प्रधानमंत्री आवास से लेकर अन्य योजनाओं के लिए प्रविधान किया जाएगा।

नगरीय विकास पर 17 हजार 236 करोड़, घर-घर पेयजल की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए 11 हजार 383 करोड़, स्कूल शिक्षा के लिए 39 हजार 109, लोक निर्माण के लिए 11 हजार 58,

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