हम तय करते तो इतना समय लगता क्या; भाजपा अध्यक्ष के चुनाव में देरी के सवाल पर मोहन भागवत

भाजपा अध्यक्ष के चयन में देरी को लेकर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत से पूछा गया तो उन्होंने कोई सीधा जवाब नहीं दिया बल्कि चुटकी लेते हुए दिखे। उन्होंने कहा कि भाजपा पर चुटकी लेते हुए कहा, अपना समय लें, हमें कुछ कहने की जरूरत नहीं है। यही नहीं इसमें संघ की भूमिका के बारे में पूछा गया तो उस पर भी उन्होंने तंज भरे अंदाज में कहा कि हम फैसला नहीं करते। अगर हमें फैसला करना होता तो इतना समय लग जाता। उन्होंने स्पष्ट किया कि आरएसएस का भाजपा के आंतरिक मामलों से कोई लेन-देन नहीं है।
मोहन भागवत ने कहा कि मैं शाखाओं के संचालन में निपुण हूं, भाजपा सरकार चलाने में निपुण है, हम एक-दूसरे को सिर्फ सुझाव दे सकते हैं। भाजपा के साथ मतभेद को लेकर उन्होंने कहा कि कहीं कोई झगड़ा नहीं, लेकिन सभी मुद्दों पर एकमत होना संभव नहीं, हम हमेशा एक-दूसरे पर भरोसा करते हैं। भागवत ने कहा कि सिर्फ मौजूदा सरकार के साथ ही नहीं, हमारा हर सरकार के साथ अच्छा समन्वय रहा है। यही नहीं उन्होंने कहा कि हम भाजपा के अलावा दूसरे लोगों का भी साथ देने के लिए तैयार हैं। मोहन भागवत ने कहा कि अगर किसी को अच्छे काम करने में हमारी मदद की ज़रूरत हो, तो हम सिर्फ़ भाजपा की ही नहीं, बल्कि सभी की मदद करते हैं।
इस दौरान उन्होंने 130वें संविधान संशोधन का भी समर्थन किया, जिसमें पीएम, सीएम या किसी मंत्री के गंभीर आरोपों में 30 दिन तक जेल में रहने पर पद छिनने का प्रावधान है। मोहन भागवत ने कहा कि अपराधियों को सरकार में शामिल होने से रोकने वाले नए विधेयक पर निर्णय के लिए संसद सही मंच है। मैं स्वच्छ और पारदर्शी नेतृत्व का पक्षधर हूं। उन्होंने समाज के लिए आरएसएस की भूमिका पर भी जिक्र किया।
जब जेपी ने आरएसएस से कहा- आप लोगों से ही उम्मीद है
मोहन भागवत ने कहा कि 1948 में हाथ में जलती मशाल लेकर जयप्रकाश बाबू संघ कार्यालय जलाने के लिए चले थे, लेकिन इमरजेंसी के बाद संघ शिक्षा वर्ग में आकर उन्होंने ही कहा था कि परिवर्तन की आशा आप लोगों से ही है। आरएसएस चीफ ने कहा कि हमने हमेशा समाज के लिए काम किया है और इसमें कभी कोई भेद नहीं रखा।