बिन ब्याही मां ने कलंक के डर से बच्ची को जन्म देने के बाद पहली मंजिल से नीचे फेंका, बच गई नवजात

जाको राखे साइयां मार सके न कोय। यह कहावत मध्य प्रदेश में एक बार फिर चरितार्थ हुई है। एक अविवाहित लड़की ने बच्ची को जन्म देने के तुरंत बाद उसे अस्पताल की पहली मंजिल से नीचे फेंक दिया, लेकिन वह बच गई। पुलिस ने बताया कि ऐसा प्रतीत होता है कि अविवाहित लड़की को सामाजिक कलंक का डर था।
पुलिस ने सोमवार को बताया कि एक 16 साल की अविवाहित मां ने बुरहानपुर जिला अस्पताल की पहली मंजिल से अपनी नवजात बच्ची को नीचे फेंक दिया, लेकिन वह चमत्कारिक रूप से बच गई। उन्होंने बताया कि बच्ची जमीन पर कूड़े के ढेर पर गिरी।
पुलिस ने बताया कि ऐसा लगता है कि अविवाहित लड़की ने सामाजिक कलंक से बचने के लिए बच्ची से छुटकारा पाने का फैसला किया। एक अधिकारी ने बताया कि लगभग 15 फीट की ऊंचाई से गिरी बच्ची की गर्दन में चोट आई है। उसे विशेष नवजात शिशु देखभाल इकाई (एसएनसीयू) में भर्ती कराया गया है।
लालबाग थाना प्रभारी अमित सिंह जादौन ने पीटीआई-भाषा को बताया कि किशोरी ने अस्पताल के बाथरूम में बच्चे को जन्म देने के तुरंत बाद उसे पहली मंजिल से नीचे फेंक दिया। जादौन ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि अविवाहित लड़की को सामाजिक कलंक का डर था।उसके खिलाफ बीएनएस की धारा 93 (मां द्वारा 12 साल से कम उम्र के बच्चे का परित्याग) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
उन्होंने बताया कि जांच के बाद पुलिस ने नाबालिग लड़की के साथ कथित रूप से रेप करने और उसे गर्भवती करने के आरोप में 19 साल के एक युवक के खिलाफ यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम और भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।
इस बीच, बाल कल्याण समिति के सदस्यों ने घटना की जांच के लिए जिला अस्पताल का दौरा किया। घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए समिति की अध्यक्ष विजया सिंह चौहान ने कहा कि हम किशोरी की मानसिक स्थिति का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं। आगे कोई कदम उठाने से पहले उसके परिवार से बात करेंगे।