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विश्व कप की नायिका को क्यों नहीं मिला पदक?

भारत की महिला टीम ने इतिहास रचते हुए पहली बार महिला वनडे विश्व कप 2025 का खिताब अपने नाम किया। जीत की खुशी के बीच एक तस्वीर सबके दिल को छू गई। ये तस्वीर थी व्हीलचेयर पर बैठी 25 वर्षीय बल्लेबाज प्रतिका रावल की, जो कंधे पर तिरंगा और आंखों में आंसू लिए टीम की जीत देख रही थीं। यह वही प्रतिका रावल हैं जिन्होंने टूर्नामेंट में भारत के लिए दूसरे सबसे ज्यादा रन बनाए। महिला विश्व कप 2025 में उन्होंने छह पारियों में 308 रन बनाए। शुरुआती मैचों में उनकी पारियों ने टीम को मजबूती दी और सेमीफाइनल तक पहुंचने में अहम भूमिका निभाई।
क्यों नहीं मिला पदक?
बांग्लादेश के खिलाफ भारत के आखिरी लीग मैच में प्रतिका को टखने में गंभीर चोट लगी, जिसके चलते उन्हें पूरे टूर्नामेंट से बाहर होना पड़ा। टीम प्रबंधन ने उनकी जगह शेफाली वर्मा को 15 सदस्यीय स्क्वॉड में शामिल किया। आईसीसी के नियमों के अनुसार, विजेता पदक केवल उसी समय की आधिकारिक 15 सदस्यीय टीम के खिलाड़ियों को दिए जाते हैं, जो फाइनल खेलने के समय स्क्वॉड में होते है। प्रतिका शुरू में टीम का हिस्सा थीं, लेकिन चोट के बाद जब शेफाली को रिप्लेसमेंट के रूप में शामिल किया गया, तो तकनीकी रूप से प्रतिका टीम की सूची से बाहर हो गईं। शेफाली ने फाइनल में शानदार 87 रन की पारी खेलकर भारत की जीत की नींव रखी और प्लेयर ऑफ द मैच बनीं। उन्हें और बाकी खिलाड़ियों को विजेता पदक मिले लेकिन प्रतिका को नहीं।

यह पहली बार नहीं हुआ
ऐसा मामला क्रिकेट में पहले भी हुआ है। 2003 पुरुष विश्वकप में ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाज जेसन गिलेस्पी चोटिल होकर बाहर हुए थे और उनकी जगह नाथन ब्रैकन आए थे। तब भी गिलेस्पी को विजेता पदक नहीं मिला था।
कप्तान और कोच ने की तारीफ
पदक न मिलने के बावजूद प्रतिका रावल का योगदान भारत की इस ऐतिहासिक जीत में हमेशा याद किया जाएगा। कोच अमोल मजूमदार और कप्तान हरमनप्रीत कौर ने उनकी तारीफ की। दोनों ने कहा कि यह जीत हर उस खिलाड़ी की है जिसने इस यात्रा में टीम को आगे बढ़ाया प्रतिका उनमें सबसे अहम हैं।

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