JDU के वरिष्ठ नेता ललन सिंह और संजय झा दिल्ली तलब
बिहार में 20 नवंबर को होने वाले शपथ ग्रहण से पहले दिल्ली में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। नई सरकार के गठन को लेकर NDA के भीतर शक्ति-संतुलन पर गंभीर मतभेद सामने आ रहे हैं। इसी बीच JDU के वरिष्ठ नेता ललन सिंह और संजय झा को सोमवार देर रात अचानक दिल्ली बुलाया गया, जिसके बाद दोनों चार्टर्ड विमान से रवाना हुए। इससे स्पष्ट संकेत मिला कि गठबंधन में बराबरी के फॉर्मूले पर तनाव बढ़ चुका है।
दिल्ली पहुंचते ही संजय झा, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात के लिए उनके आवास गए। सूत्र बताते हैं कि बैठक में नई कैबिनेट के ढांचे, स्पीकर पद और गठबंधन की भागीदारी जैसे मुद्दों पर लंबी चर्चा चल रही है।
इधर, NDA के अन्य सहयोगी दल लोजपा (रामविलास) प्रमुख चिराग पासवान, रालोमो अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा और हम के नेता जीतनराम मांझी भी दिल्ली में मौजूद हैं। रविवार को इन नेताओं की अमित शाह और जेपी नड्डा से भी चर्चाएँ हुई थीं। मंगलवार तक बिहार भाजपा के कई शीर्ष नेता भी दिल्ली पहुँचने वाले हैं, जिससे यह साफ है कि सरकार गठन की प्रक्रिया अब पूरी तरह दिल्ली केंद्रित हो चुकी है।
स्पीकर पद बना सबसे बड़ा विवाद
NDA के बीच इस समय सबसे अधिक तनाव विधानसभा अध्यक्ष पद को लेकर है। JDU का मानना है कि विधान परिषद के सभापति की कुर्सी पहले से ही भाजपा के पास है, इसलिए विधानसभा स्पीकर का पद उसे मिलना चाहिए।
वहीं भाजपा तर्क दे रही है कि मुख्यमंत्री पद JDU के पास है, इसलिए स्पीकर पद स्वाभाविक रूप से भाजपा के हिस्से में जाना चाहिए।
6 विधायकों पर 1 मंत्री के फॉर्मूले के कारण स्थिति और उलझ गई है। इस हिसाब से दोनों दलों से 15-15 मंत्री बनेंगे। लेकिन जिस पार्टी को स्पीकर पद मिलेगा, उसके हिस्से का एक मंत्री पद स्वतः कम हो जाएगा।
JDU बराबरी के फॉर्मूले पर अडिग
सूत्रों के अनुसार नीतीश कुमार केवल संख्यात्मक संतुलन नहीं, बल्कि 'गरिमा की बराबरी' भी चाहते हैं। चर्चा यह भी है कि JDU उपमुख्यमंत्री पद पर अपनी स्पष्ट भूमिका तय कराने पर कायम है।
बताया जा रहा है कि BJP के संभावित डिप्टी CM के चयन पर अंतिम मुहर भी नीतीश कुमार ही लगाएंगे। यही कारण NDA के भीतर तनाव को और गहरा कर रहा है।
JDU अपने पुराने चेहरों में सीमित बदलाव करना चाहती है। पिछले कार्यकाल के 13 में से लगभग 10 मंत्रियों को फिर से जिम्मेदारी दिए जाने की संभावना है। इसके विपरीत भाजपा कई महत्वपूर्ण पदों पर बड़ा फेरबदल कर सकती है। पूर्व डिप्टी CM विजय सिन्हा की कुर्सी पर खतरा बताया जा रहा है, जबकि सम्राट चौधरी, मंगल पांडेय और रजनीश कुमार डिप्टी CM की रेस में आगे बताए जा रहे हैं।
शपथ ग्रहण के दो संभावित विकल्प
1. मुख्यमंत्री, डिप्टी CM और 5–6 मंत्री शपथ लें, बाकी विस्तार बाद में।
2. मुख्यमंत्री, दो डिप्टी CM और लगभग 20 मंत्री शपथ लें, शेष विस्तार बाद में।
पटना के गांधी मैदान में तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। हालांकि दिल्ली में चल रही खींचतान यह संकेत दे रही है कि अंतिम फैसला अभी भी अटका हुआ है। NDA के लिए सरकार बनने से पहले ही परीक्षा की घड़ी शुरू हो चुकी है।