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सेना ने सौंपा सर्जिकल स्ट्राइक का VIDEO, PM मोदी लेंगे आखिरी फैसला

भारतीय सेना द्वारा POK में आतंकियों के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक को झूठा बता रहे पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक के बाद एक झटके लगते दिखाई दे रहे हैं। भारतीय सेना ने सर्जिकल स्ट्राइक का ड्रोन कैमरे से शूट किया गया एक 90 मिनट का VIDEO सरकार को सौंप दिया है। सेना ने VIDEO सार्वजानिक करने को हरी झंडी दे दी है लेकिन अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस पर आखिरी फैसला लेना होगा। मोदी की मंजूरी के बाद ही ये तय होगा कि वीडियो को सार्वजानिक किया जाना चाहिए या नहीं। खबरों के मुताबिक सर्जिकल स्ट्राइक पर पाकिस्तान और कांग्रेस-केजरीवाल के सवाल उठाने के बाद सेना चाहती है कि इस कार्रवाई का वीडियो जारी किया जाए। एक अंग्रेजी बिजनेस अखबार के मुताबिक सेना ने सर्जिकल स्ट्राइक के कुछ वीडियो रक्षा मंत्रालय को सौंप दिए हैं। वहीं प्रधानमंत्री कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) के साथ बैठक कर रहे हैं। इसके बाद फैसला लिया जाएगा कि वीडियो को सार्वजनिक किया जाए या नहीं। सर्जिकल स्ट्राइक का पूरा वीडियो ड्रोन के जरिये शूट किया गया था। कई तस्वीरें भी खींची गईं। वहीं, जानकारों का मानना है कि सरकार सोच समझकर इसके जारी करने को लेकर फैसला लेगी। इसमें इस बात का ध्यान रखा जाएगा कि कहीं इससे दोनों देश के बीच तनाव और न बढ़ जाए। गौरतलब है कि इससे पहले पाकिस्तानी सेना ने अपने देश के मीडियो को पीओके का दौरा कराया था। उनके सामने झूठ कहा। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना की ओर से कोई सर्जिकल स्ट्राइक नहीं हुई थी। पाकिस्तानी सेना के इस झूठे रवैये की दुनियाभर में किरकिरी हो रही है। सेना की ओर से सर्जिकल स्ट्राइक का वीडियो सौंपे जाने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुरक्षा मामलों पर बनी कैबिनेट कमेटी (सीसीएस) की बैठक ली। इस बैठक में पीएम मोदी को नियंत्रण रेखा (LoC) की सुरक्षा हालात की जानकारी दी गई।  à¤¬à¤¤à¤¾ दें कि नियंत्रण रेखा के पास आतंकवादी ठिकानों पर 28 एवं 29 सितंबर की दरम्यानी रात को किए गए सर्जिकल स्ट्राइक के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है। सर्जिकल स्ट्राइक (लक्षित हमलों) के बाद से पाकिस्तान ने नियंत्रण रेखा के पार से गोलीबारी एवं गोलाबारी बढ़ा दी है। दरअसल, कांग्रेस से लेकर आम आदमी पार्टी मोदी सरकार से सर्जिकल स्ट्राइक के सबूत मांग रही हैं। केंद्र सरकार ने इन दलों के ऐसे बयान पर कहा कि ऑपरेशन पर सवाल उठाने से सेना का मनोबल गिर सकता है। इसे देखते हुए अब सेना के वरिष्ठ अधिकारियों ने सरकार से वीडियो जारी करने का अनुरोध किया है। सेना के आला अधिकारियों ने कहा कि सेना चाहती है कि भारत इस सबूत को सबके सामने रख दे ताकि उन लोगों को जवाब मिल जाए, जो आरोप लगा रहे हैं कि हमला हुआ ही नहीं। उधर पाकिस्तान भी बार-बार कह रहा है कि 29 सितंबर को तड़के सर्जिकल स्ट्राइक नहीं हुई थी। पड़ोसी देश के इस रुख को देखते हुए आर्मी ने अपनी बात सामने रखी है। बता दें कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी मांग की है कि मोदी सरकार पाकिस्तान के झूठ को बेनकाब करे। वहीं कांग्रेस नेता संजय निरुपम ने हमले की सत्यता पर सवाल उठाया है। बहरहाल, वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों ने बताया कि हमले का वीडियो जारी करने या न करने का निर्णय पाकिस्तान के रुख को देखते हुए किया जाएगा। बता दें कि पाकिस्तान पर हमले के बाद भारत दोनों देशों के बीच तनाव को कम करने की हर संभव कूटनीतिक कोशिश कर रहा है। हालांकि पाकिस्तान भारत को उकसाने का कोई भी मौका नहीं छोड़ना चाहता। सूत्रों के मुताबिक अमेरिकी उपग्रह में भारतीय कार्रवाई के सबूत भी दर्ज हो गए हैं। अमेरिकी एनएसए का भारत के एनएसए अजीत डोभाल को ऑपरेशन के बाद तुरन्त फोन करना अपने आप में पर्याप्त सबूत है कि भारत की तरफ से सर्जिकल स्ट्राइक की कारवाई की गई है। भारतीय सेटेलाइट ने इस ऑपरेशन के फुटेज लिए हैं, जबकि ग्राउंड जीरो में मौजूद एक-एक कमांडो जो कि अपने आप में कम्पलीट यूनिट की तरह था। इस ऑपरेशन को हेलमेट में लगे थर्मल इमेंजिग और नाइटविजन कैमरों की मदद से फिल्माया भी है। इन्हें सार्वजानिक करने से दुश्मन न सिर्फ आपकी कार्रवाई करने के तरीके आपकी सामरिक तैयारी, आपके कमांडो की क्षमता-कमज़ोरी को समझ लेंगे बल्कि कश्मीर जैसे मामले में यह फुटेज भविष्य में बदली भू राजनितिक परिस्थितियों में अंतराष्ट्रीय मंचों पर भारत के खिलाफ एक हथियार के रूप में इस्तेमाल हो सकता है। यही वजह है कि एबटाबाद ऑपरेशन का वीडियो अमेरिकी सेना ने आज तक जारी नहीं किया है। बता दें कि ओसामा को अमेरिका के विशेष कमांडो दस्ते ने कैसे मर गिराया था इसकी भी वीडियो शूट की गई थी। इस पर अमेरिकी सरकार से इसके बारे में अगर कोई यह जानकारी मांगता है तो नहीं दी जाती बल्कि सुरक्षा निरोधक कार्रवाई के दायरे में आने का खतरा बन जाता है। अमेरिकी कमांडों ने न सिर्फ इस पूरे आपरेशन को रिकॉर्ड किया था बल्कि इसकी लाइव स्ट्रीमिंग भी की थी जिसे व्हाइट हाउस में राष्ट्रपति ओबामा और उनके सुरक्षा सहयोगी इसे देख रहे थे। ऐसे में उसने इन जानकारियों को परदे में रखा। दरअसल, सर्जिकल ऑपरेशन्स के लिए माने जाने वाले इज़रायल-अमेरिका-रूस जैसे देश इन्हें अपनी ट्रेनिंग और तकनीकी कारणों के लिए फिल्माते हैं। जिससे भविष्य में भूल सुधार और और क्या बेहतर हो सकता था को जाना और उस पर अमल किया जा सके। निश्चित तौर पर भारत सरकार ने भी इस ऑपरेशन के फोटो और वीडियो फिल्माए हैं।

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