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सरकार गौहत्या पर रोक लगाए, नदियों को प्रदूषण मुक्त करें : स्वामी स्वरूपानंद

राममंदिर पर भ्रामक प्रचार बंद हो, काशमीर में पंडितों को बसाया जाए
ग्वालियर। द्वारिका -शारदा पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने केन्द्र सरकार को नसीहत देते हुए कहा है कि उसे सबसे पहले गौहत्या पर रोक लगाना चाहिए । साथ ही नदियों को भी प्रदूषित होने से रोक लगाने पर तेजी से अमल करना चाहिए। उन्होंने कहा कि मनुष्य को जीवन जीने के लिए दोनों महत्वपूर्ण चीजें अन्न और जल प्रदूषित हो गया है। शंकराचार्य ने केन्द्र सरकार के स्वच्छ भारत अभियान पर भी कटाक्ष करते हुए कहा कि उसके अभियान से गंदगी ज्यादा हो रही है। गांवों में शौचालय तो बन गए लेकिन पानी नहीं होने से वहां ग्रामीणों ने सामान भर लिया है। उन्होंने कहा कि सरकार को अपने अभियान पर विचार करना चाहिए।
द्वारिका -शारदा पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती आज यहां अपने प्रवास के दौरान पत्रकारों से चर्चा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आज देश में जहां रसायनों की भरमार से अन्न प्रदूषित हो गया है। वहीं गौवंश कम होने से किसान अपने खेतों के लिए खाद पर निर्भर रहता है। यदि देश में गौवंश पर प्रतिबंध लग जाए तो गौवंश कटेगा नहीं और गाय के गोबर से खाद मिलेगी और गौमूत्र से औषधि बना सकते हैं। उन्होने कहा कि किसान मंहगा बीज खेतों में डाल रहा है , उसे कई बार पानी देना पडता है। जबकि गोबर की खाद में उसे ज्यादा पानी नहीं देना पड़ता और खाद भी रासायनिक नहीं डालनी पडती। स्वामी जी ने कहा कि गौवंश बध तो मुसलमानों में भी नहीं है। किसान को पानी मिल नहीं पा रहा और स्वच्छ भारत अभियान में शौचालय बनाए जा रहे हैं जिसमें १५ गुना पानी की खपत अधिक होगी। उन्होंने कहा कि इतना ही नहीं गांवों में नाली है नहीं उसका प्रदूषित पानी कहां जाएगा । सेप्टिक टैंक बनाने के बाद बोर में वहीं पानी खिंच कर घरों में पहुंचेगा। उनहोने कहा कि पगदूषित रसायनिक अन्न खाने के बाद पेट में रोग पैदा हो रहे हैं। स्वामी जी ने कहा कि यही स्थिति नदियों की है। सबसे पहले नर्मदा प्रदूषण मुक्त थी लेकिन अब वह प्रदूषण की चपेट में आ गई है। वहीं रेत के खनन से गडढे हो गए हैं और पानी जगह जगह रूक कर प्रदूषित हो रहा है। ऐसे में मानव को नुकसान हो रहा है। उन्होंने कहा कि देश के नेताओं को गौहत्या को बंद कर पानी के लिए नदियों की तरफ भी ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि देश में रेत का खनन बंद होना चाहिए। उन्होंने कहा कि लोगों को पीने के लिए जल मिल नहीं रहा तो शौचालयों के लिए १५ गुना जल कहां से लाएंगे। स्वामी जी ने कहा कि आज गाय सड़कों पर घूमती फिरती है इसका कारण चरनोई की जमीन को कल कारखाने के लिए देना है। जब जगह कम होगी तो वह सडकों पर घूमेगी ही और पोलीथीन खाएगी। एक प्रश्र के उत्तर में स्वामी जी ने खुले में शौच जाने को अनिवार्य बताया। उन्होंने कहा कि खुले में शौच जाने से जहां खेतों को उर्वरा मिलती है वहीं दीमक शौच को खा जाती है। उन्होंने कहा कि सरकार ने अभियान तो शुरू कर दिया लेकिन उसके परिणाम क्या होंगे इस पर विचार नहीं किया। सरकार को इन परिणामों पर भी विचार करना चाहिए। शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने कहा कि इसी प्रकार केदारनाथ और बद्रीनाथ चारों धाम के लिए रेल मार्ग बनाने की योजना है। उन्होंने कहा कि वहां अभी नदियों का जल रोकने से स्तर कम हो गया है। वहीं ब्लास्ट होने से पहाड नीचे आएंगे और पहाडी क्षेत्र में रहने वालों को पलायन करना पडेगा। उन्होंने बताया कि इतना ही नहीं यदि कभी कोई प्राकृतिक आपदा भूकंप आ गया या फिर चीन ने कोई हरकत कर उत्तराखंड में बने बांधों को बम से तोड दिया तो दिल्ली पानी में डूब जाएगी। सरकार को इन सब बातों पर विचार करना चाहिए। मध्यप्रदेश सहित देश में किसानों के आंदोलन के बारे में पूछे जाने पर स्वामी जी ने कहा कि किसान आंदोलन क्या अन्य आंदोलनों को लेाकतंत्र की सरकारें पहले शांतिप्रिय शुरू होने पर तबज्जो नहीं देती है और जब आंदोलन में तोडफोड गोलीबारी की घटनाएं होती है उसके बाद सरकारें ध्यान देती हैं। उन्होंने कहा कि सरकारों को पहले से ही आंदोलनकारियों से बात करना थी तो ऐसी स्थिति नहीं आती। किसान आंदोलन के दौरान मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के उपवास के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है । तीन तलाक के मामले पर पूछे जाने पर स्वामी जी ने कहा कि उसका प्रचार प्रसार ज्यादा है। उन्होंने कहा कि जब हिन्दूओं के लिए संविधान बना तो मुसलमानों के लिए बनाने में क्या हर्ज है। मध्यप्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह द्वारा नर्मदा की पदयात्रा करने के बारे में पूछे जाने पर स्वामी जी ने कहा कि वह निष्पक्ष भाव से यात्रा करें इसमें क्या हर्ज है। राम मंदिर के बारे में पूछे जाने पर शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने कहा कि सरकार द्वारा जनता में भ्रामक प्रचार फैलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री पीवी नरसिंहराव ने अयोध्या में ६७ एकड भूमि का अधिग्रहण कर लिया था। वह तो सरकार की है। उसे सरकार को देने में क्या हर्ज है। उन्होंने कहा कि बाद में उच्च न्यायालय ने एक फैसला देकर उसे तीन हिस्सों में बांट दिया। जो अब उच्चतम न्यायालय में चल रहा है। स्वामी जी ने कहा कि वह भी श्री रामजन्मभूमि पुर्नउद्धार समिति की तरफ से एक परिवादी है। उन्होंने कहा कि अयोध्या में बाबर कभी गया ही नहीं वहां पर मंदिर था। उसके प्रमाण थे लेकिन वह तोड दिए गए। उन्होंने कहा कि मुसलमानों को रामजन्मभूमि से कोई लेना देना ही नहीं था। मुसलमानों से बात कर मस्जिद कहीं अन्यत्र बनाने की बात पर उन्होंने कहा कि बहुमत राममंदिर के पक्ष में है वहां मंदिर बनना चाहिए। इसे राजनीति का मुददा नहीं बनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि मुसलमान खुदा की इबादत कहीं भी करें हमें उससे कोई लेना देना नहीं। काशमीर में सेना पर पथराव की घटनाओं के बारे में पूछे जाने पर स्वामी जी ने कहा कि वहां सेना को फ्री हेंड छोडना चाहिए। वहीं काशमीर से धारा ३७० को समाप्त करना चाहिए और काश्मीरी पंडितों को फिर से बसाया जाना चाहिए इसी के साथ जब तक वह बस नहीं जाते उन्हें जहां है वहीं से वोट देने का अधिकार देना चाहिए। ग्वालियर-चंबल संभाग में एक संत द्वारा शराबबंदी पर रोक लगाने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि उन्होंने भी एक हिंगलाज सेना बनाई है उसके द्वारा वह नशे पर रोक लगाने के लिए अभियान चलाते रहते है। उन्होंने कहा कि शराब ही नहीं सभी तरह के नशे पर रोक लगनी चाहिए।

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