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श्री कृष्ण जन्माष्टमी: इस विधि से करें पूजन

जन्माष्टमी पर भगवान श्री कृष्ण के षोडशोपचार पूजन में वैदिक मंत्रों के साथ सभी चरणों का समावेश किया गया है। लकड़ी के पट्टे पर लाल पीला या सफ़ेद वस्त्र बिछाए। उत्तरमुखी होकर भगवान श्री कृष्ण की बाल गोपाल रूप में नई प्रतिमा या चित्र या यंत्र को आसान पर स्थापित करें। इन विशिष्ट उपचारों से मंत्र बोलते हुए श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का विधिवत पूजन करें। 


ध्यान: à¤¶à¥à¤°à¥€à¤•à¥ƒà¤·à¥à¤£ का ध्यान करते हुए यह मंत्र बोलें। - क्लीं कृष्णाय गोविंदाय ध्यानम् समर्पियामि॥ 


आवाह: à¤¶à¥à¤°à¥€à¤•à¥ƒà¤·à¥à¤£ की के सामने आवाहन-मुद्रा दिखाकर आवाहन मंत्र पढ़ें। - क्लीं कृष्णाय गोविंदाय आवाहयामि॥


आसन: à¤ªà¤¾à¤‚च पुष्प हथेली में लेकर यह मंत्र बोलते हुए श्रीकृष्ण के चरणों में छोड़ दें। - क्लीं कृष्णाय गोविंदाय आसनं समर्पियामि॥


पाद् स्नान: à¤¯à¤¹ मंत्र पढ़ते हुए श्रीकृष्ण के चरणों को धोने हेतु जल समर्पित करें। - क्लीं कृष्णाय गोविंदाय अर्धयम् समर्पियामि॥


अर्घ्य: à¤¯à¤¹ मंत्र पढ़ते हुए श्रीकृष्ण को सिर के अभिषेक हेतु जल से अर्घ्य समर्पित करें। - क्लीं कृष्णाय गोविंदाय अर्ध्यम् समर्पियामि॥


आचमन: à¤¯à¤¹ मंत्र पढ़ते हुए श्रीकृष्ण के आचमन हेतु उन्हें जल समर्पित करें। - क्लीं कृष्णाय गोविंदाय आचमनीयम् समर्पियामि॥


जल स्नान: à¤¯à¤¹ मंत्र पढ़ते हुए श्रीकृष्ण को जल से स्नान कराएं। - क्लीं कृष्णाय गोविंदाय मलापर्कश स्नानं समर्पियामि॥


वस्त्र: à¤¯à¤¹ मंत्र पढ़ते हुए श्रीकृष्ण को दो मौली के लच्छे वस्त्र रूप में अर्पित करें। - क्लीं कृष्णाय गोविंदाय वस्त्रयुगम् समर्पियामि॥


दीप: à¤¯à¤¹ मंत्र पढ़ते हुए श्रीकृष्ण को शुद्ध घी का दीप अर्पित करें। - क्लीं कृष्णाय गोविंदाय नाना दीपम् दर्शयामी॥


धूप: à¤¯à¤¹ मंत्र पढ़ते हुए श्रीकृष्ण पर सुगंधित धूप करें। - क्लीं कृष्णाय गोविंदाय नाना धूपम् आघ्रपियामी॥


पुष्प: à¤¯à¤¹ मंत्र पढ़ते हुए श्रीकृष्ण को पुष्प समर्पित करें। - क्लीं कृष्णाय गोविंदाय नाना पुष्पम् समर्पियामि॥ 


तिलक: à¤¶à¥à¤°à¥€à¤•à¥ƒà¤·à¥à¤£ को यह मंत्र पढ़ते हुए तिलक करें। - क्लीं कृष्णाय गोविंदाय गंधम् समर्पियामि॥ 


यज्ञोपवीत: à¤¶à¥à¤°à¥€à¤•à¥ƒà¤·à¥à¤£ को यह मंत्र पढ़ते हुए यज्ञोपवीत अर्पित करें। - क्लीं कृष्णाय गोविंदाय यज्ञोपवीतम् समर्पियामि॥ 


नैवेद्य: à¤¯à¤¹ मंत्र पढ़ते हुए श्रीकृष्ण को मखाने की खीर अर्पित करें। - क्लीं कृष्णाय गोविंदाय नैवेद्यम् समर्पियामि॥


तांबूल: à¤¯à¤¹ मंत्र पढ़ते हुए श्रीकृष्ण को तांबूल पान का बीड़ा समर्पित करें। - क्लीं कृष्णाय गोविंदाय तांबूलम् समर्पियामि॥ 


दक्षिणा: à¤¯à¤¹ मंत्र पढ़ते हुए श्रीकृष्ण को दक्षिणा समर्पित करें। - क्लीं कृष्णाय गोविंदाय दक्षिणाम् समर्पियामि॥ 


विशेष पूजा में सम्पूर्ण श्रृंगार हेतु आभूषण और सुगन्धित इत्र भी चढ़ाए जाते हैं। 


आभूषण: à¤¶à¥à¤°à¥€à¤•à¥ƒà¤·à¥à¤£ को यह मंत्र पढ़ते हुए हाथों के श्रृंगार हेतु आभूषण अर्पित करें। (आभूषण के अभाव में फूल चढ़ा सकते हैं) - क्लीं कृष्णाय गोविंदाय आभूषणम् समर्पियामि॥


परिमल द्रव्य: à¤¯à¤¹ मंत्र पढ़ते हुए श्रीकृष्ण को विविध प्रकार के सुगन्धित इत्र समर्पित करें। (इत्र के आभाव में अष्टगंध चढ़ा सकते हैं) - क्लीं कृष्णाय गोविंदाय नाना परिमल द्रव्यम् समर्पियामि॥


विशेष अंग पूजन: à¤¬à¤¾à¤à¤‚ हाथ में चावल, पुष्प व चंदन लेकर प्रत्येक मंत्र उच्चारण करते हुए दाहिने हाथ से श्रीकृष्ण चित्र के पास छोड़ें। सोलह बार यह मंत्र पढ़ते हुए श्रीकृष्ण को चावल, पुष्प व चंदन समर्पित करें। - क्लीं कृष्णाय गोविंदाय गोपिजन वल्लभाय नमः॥


साधारण और विशेष दोनों ही पूजन में मंत्रोपचार, आरती, प्रदक्षिणा, नमस्कार व क्षमापन भी करना शस्त्र संबत है। 


मंत्रोपचार: à¤šà¤‚दन या तुलसी की माला से 108 या अपनी शक्ति अनुसार एकचित होकर इस मंत्र का जाप करें - क्लीं कृष्णाय गोविंदाय गोपिजन वल्लभाय नमः॥


आरती: à¤¯à¤¹ मंत्र पढ़ते हुए श्रीकृष्ण को आरती समर्पित करें। - क्लीं कृष्णाय गोविंदाय महा नीराजनम् समर्पियामि॥ 


प्रदक्षिणा: à¤«à¥‚ल हाथ में लेकर श्रीकृष्ण की बाएं से दाएं ओर की परिक्रमा लगाकर फूल समर्पित कर प्रदक्षिणा करें। - क्लीं कृष्णाय गोविंदाय प्रदक्षिणानन् समर्पियामि॥ 


नमस्कार: à¤¯à¤¹ मंत्र पढ़ते हुए श्रीकृष्ण को नमस्कार करें। - क्लीं कृष्णाय गोविंदाय नमस्कारन् समर्पियामि॥


क्षमापन: à¤ªà¥‚जा के दौरान हुई किसी ज्ञात-अज्ञात भूल के लिए श्रीकृष्ण से सच्चे मन से क्षमा-प्रार्थना कर साक्षात दंडवत प्रणाम करें।

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