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शनिदेव बनवाएंगे राम मंदिर!

शनिदेव गोचरवश भ्रमण करते हुए तीस साल बाद उसी जगह आ गए हैं जहां से राम मंदिर आंदोलन ने जोर पकड़ना शुरू किया था! धनु और मकर राशि में शनि भ्रमण के पांच वर्षों में चले राम मंदिर आंदोलन के नतीजे में 6 दिसंबर 1992 की तिथि इतिहास में दर्ज हुई... आनेवाले पांच वर्ष राम मंदिर के लिए निर्णायक हैं तथा इन पांच वर्षों में राम मंदिर बन जाएगा! 

राम जन्मभूमि मंदिर विवाद का घटनाक्रम इस प्रकार से है...

वर्ष 1528 में राम जन्म भूमि मंदिर को क्षतिग्रस्त करके मस्जिद का निर्माण किया गया. हिन्दुओं के धर्मग्रन्थ रामायण, रामचरित मानस आदि में दर्ज विवरण के अनुसार यहां भगवान श्रीराम का जन्म हुआ था.

सन् 1853 में पहली बार इस जमीन को लेकर विवाद हुआ तो अंग्रेजों ने सन् 1859 में विवाद के मद्देनजर पूजा और नमाज के लिए अलग-अलग व्यवस्थाएं कर दीं.

वर्ष 1949 में स्थापित रामलला की मूर्ति के बाद तनाव के कारएा सरकार ने इसके गेट पर ताला लगा दिया.

सन् 1986 में जिला न्यायाधीश ने विवादित स्थल को हिंदुओं की पूजा के लिए खोलने का आदेश दिया तो उधर बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी का गठन हुआ.

सन् 1989 में राम मंदिर निर्माण आंदोलन की शुरूआत हुई जिसके नतीजे में 6 दिसंबर 1992 को विवादित ढांचा ढहा दिया गया. 

इसके तकरीबन दस दिन राशिफल बाद 16 दिसम्बर 1992 को लिब्रहान आयोग गठित किया गया... आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट के रिटायर्ड मुख्य न्यायाधीश एमएस लिब्रहान को आयोग का अध्यक्ष बनाया गया.

लिब्रहान आयोग को तीन माह में रिपोर्ट देनी थी लेकिन आयोग का समय बढ़ता रहा ओर सत्रह साल गुजर गए. 30 जून 2009 को लिब्रहान आयोग की चार भागों में सात सौ पन्नों की रिपोर्ट प्रधानमंत्री डॉ॰ मनमोहन सिंह और गृह मंत्री पी. चिदम्बरम को सौंपी गई!

अब जबकि राम मंदिर को लेकर तस्वीर लगातार साफ होती जा रही है तो लगता है कि जल्दी ही इसका अच्छा परिणाम आएगा और अगले पांच वर्षों के भीतर इस विवाद का सुखद अंत हो जाएगा!

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