नवरातà¥à¤°à¤¿ में इन बातों का रखें धà¥à¤¯à¤¾à¤¨, सफल होंगे मनोरथ
इस बार नवरातà¥à¤°à¤¿ 21 सितंबर को गà¥à¤°à¥à¤µà¤¾à¤° से शà¥à¤°à¥‚ हो रही है। कहा जाता है कि जब à¤à¥€ नवरातà¥à¤°à¤¿ की शà¥à¤°à¥à¤†à¤¤ इस दिन से होती है, तो माता डोली या पालकी में सवार होकर आती हैं। à¤à¤¸à¤¾ माना जाता है कि घटसà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¨à¤¾ के दिन के मà¥à¤¤à¤¾à¤¬à¤¿à¤• मां की सवारियां बदल जाती हैं इसलिठहर साल माता का वाहन अलग-अलग होता है।
इस बार माता का आगमन डोली पर हो रहा है। इसका फलाफल अचà¥à¤›à¤¾ नहीं माना जा रहा है। मां का वाहन सिंह है और जब मां सिंह पर सवार होकर आती हैं, तो खà¥à¤¶à¤¹à¤¾à¤²à¥€ और समृदà¥à¤§à¤¿ लाती हैं। डोली में आना यह बाताता है कि इस साल महामारी और रोगों में वृदà¥à¤§à¤¿ हो सकती है।
नवरातà¥à¤°à¤¿ में मांस-मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिà¤à¥¤ इसके अलावा नींबू नहीं काटने चाहिठऔर बाल नहीं कटवाने चाहिà¤à¥¤ हालांकि, इस दौरान बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ का मà¥à¤‚डन करवाना शà¥à¤ माना जाता है। इसके अलावा यदि आप इस दौरान कलश की सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¨à¤¾ की है या अखंड जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿ जला रहे हैं, तो घर को खाली छोड़कर नहीं जाà¤à¤‚। विषà¥à¤£à¥ पà¥à¤°à¤¾à¤£ के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° मां दà¥à¤°à¥à¤—ा के इन नौ दिनों में दोपहर के समय सोना नहीं चाहिà¤à¥¤ इससे वà¥à¤°à¤¤ का फल नहीं मिलता।
शारदा नवरातà¥à¤°à¤¿ संधि पूजा : नवरातà¥à¤°à¤¿ पूजा के दौरान संधि पूजा का विशेष महतà¥à¤µ है। अषà¥à¤Ÿà¤®à¥€ तिथि की समापà¥à¤¤ और नवमी तिथि की शà¥à¤°à¥à¤†à¤¤ के संधिकाल में यह पूजा की जाती है। माना जाता है कि इस समय राकà¥à¤·à¤¸à¥‹à¤‚ चंड और मà¥à¤‚ड को मारने के लिठदेवी चामà¥à¤‚डा पà¥à¤°à¤•à¤Ÿ हà¥à¤ˆ थीं।