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कर्नाटक में नए विधानसभा अध्‍यक्ष का चुनाव शुक्रवार को

बेंगलुरु। à¤•à¤°à¥à¤¨à¤¾à¤Ÿà¤• में सरकार बचा पाने में नाकाम रहने के बावजूद भाजपा पीछे हटने को तैयार नहीं है। अब उसने विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए अपना प्रत्याशी उतार कर कांग्रेस-जदएस गठबंधन सरकार के लिए नई मुसीबत खड़ी कर दी है। शुक्रवार को दोपहर 12.15 बजे नए स्पीकर का चुनाव होगा।

इस चुनाव में भाजपा ने अपने वरिष्ठ नेता एस सुरेश कुमार को प्रत्याशी बनाया है। इससे कुमारस्वामी सरकार को सदन में विश्वास मत जीतने से पहले ही इस शक्ति परीक्षण में खरा उतरना होगा।

सुरेश कुमार बेंगलुरु के पांचवीं बार विधायक बने हैं। उन्होंने विधानसभा सचिव एस मूर्ति के समक्ष गुरुवार को नामांकन पत्र दाखिल किया।

दूसरी तरफ कांग्रेस-जदएस गठबंधन ने पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और कांग्रेस विधायक रमेश कुमार को अपना प्रत्याशी बनाया है। उन्होंने भी गुरुवार को नामांकन पत्र दाखिल कर दिया। वे पहले भी 1994-99 तक विधानसभा अध्यक्ष रह चुके हैं।

कांग्रेस-जदएस गठबंधन का दावा है कि उसके पास 117 विधायकों का समर्थन है। रमेश कुमार के नामांकन के बाद पूर्व मुख्यमंत्री सिद्दरमैया ने भाजपा से अपना उम्मीदवार हटा लेने का अनुरोध किया।

उन्होंने कहा कि यदि चुनाव होता है, तो रमेश कुमार की जीत निश्चित है। उल्लेखनीय है कि 19 मई को येद्दयुरप्पा ने विश्वास मत हासिल करने से पहले ही मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।

इसके बाद कांग्रेस-जदएस गठबंधन के नेता कुमारस्वामी को राज्य का मुख्यमंत्री बनाया गया। उन्होंने 23 मई को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जी परमेश्वर को गठबंधन सरकार में उप मुख्यमंत्री बनाया गया है। शेष मंत्रिमंडल का गठन विश्वास मत अर्जित करने के बाद किया जाएगा।सुरेश कुमार ने कहा कि मैंने कर्नाटक भाजपा अध्यक्ष बीएस येद्दयुरप्पा और अन्य नेताओं के निर्देश पर पर्चा भरा है। विधायकों की ताकत और कई अन्य कारणों से हमारे पार्टी नेताओं को विश्वास है कि मैं चुनाव जीत जाऊंगा। यह पूछने पर कि कैसे जीतेंगे, जबकि भाजपा के 104 ही विधायक हैं? तो कुमार ने कहा कि शुक्रवार दोपहर के बाद सब साफ हो जाएगा।

विधायकों को फिर होटल भेजा

-विश्वास मत पर मतदान से पहले कांग्रेस और जदएस ने अपने विधायकों को फिर से होटल भेज दिया है।

-अपने विधायकों को भाजपा के पाले में जाने से बचाने के प्रयास में सत्तारूढ़ गठबंधन कोई मौका नहीं देना चाहता।

-खबरों के मुताबिक, विधायकों को उनके परिवार से संपर्क करने नहीं दिया जा रहा। उनके मोबाइल फोन भी ले लिए गए हैं।

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