कà¥à¤¯à¤¾ योगी नोà¤à¤¡à¤¾ से जà¥à¤¡à¤¼à¥‡ मिथक तोड़ने की कीमत चà¥à¤•à¤¾ रहे हैं?
राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ राजधानी दिलà¥à¤²à¥€ से सटे नोà¤à¤¡à¤¾ से जà¥à¤¡à¤¼à¤¾ à¤à¤• मिथक है कि जो à¤à¥€ मà¥à¤–à¥à¤¯à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ नोà¤à¤¡à¤¾ आà¤à¤—ा उसे या तो अपनी गदà¥à¤¦à¥€ छोड़नी पड़ेगी या उसके साथ कà¥à¤› अपशकà¥à¤¨ होगा. हालांकि इस मिथक के पà¥à¤°à¤šà¤²à¤¿à¤¤ होने के पीछे à¤à¤°à¤ªà¥‚र राजनीतिक घटनाकà¥à¤°à¤® रहे हैं. शायद यही वजह रही कि यूपी के सà¤à¥€ सीà¤à¤® नोà¤à¤¡à¤¾ आने से परहेज़ करते रहे. लेकिन यूपी के सीà¤à¤® योगी आदितà¥à¤¯à¤¨à¤¾à¤¥ ने सालों पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥‡ इस मिथक की चà¥à¤¨à¥Œà¤¤à¥€ को सिरà¥à¤« सà¥à¤µà¥€à¤•à¤¾à¤° ही नहीं किया बशरà¥à¤¤à¥‡ मà¥à¤–à¥à¤¯à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ बनने के बाद योगी चार बार नोà¤à¤¡à¤¾ आ चà¥à¤•à¥‡ हैं.
वैसे तो योगी आदितà¥à¤¯à¤¨à¤¾à¤¥ के नोà¤à¤¡à¤¾ दौरे के उपरांत न ही उनकी कà¥à¤°à¥à¤¸à¥€ गई और न ही उनके साथ कà¥à¤› अपशकà¥à¤¨ हà¥à¤†. लेकिन इस बात का विशà¥à¤²à¥‡à¤·à¤£ दिलचसà¥à¤ª होगा कि नोà¤à¤¡à¤¾ आने के बाद यूपी के सीà¤à¤® की राजनीतिक हैसियत बढ़ी या घटी ?
चार बार आ चà¥à¤•à¥‡ हैं नोà¤à¤¡à¤¾
मà¥à¤–à¥à¤¯à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ योगी आदितà¥à¤¯à¤¨à¤¾à¤¥ पहली बार 23 दिसंबर 2017 को नोà¤à¤¡à¤¾ के बॉटेनिकल गारà¥à¤¡à¥‡à¤¨ मेटà¥à¤°à¥‹ सà¥à¤Ÿà¥‡à¤¶à¤¨ पर होने वाले मेजेंटा लाइन के उदà¥à¤˜à¤¾à¤Ÿà¤¨ समारोह की तैयारियों का जायजा लेने आठथे. फिर दूसरी बार 25 दिसंबर 2017 को पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ के साथ मेटà¥à¤°à¥‹ उदà¥à¤˜à¤¾à¤Ÿà¤¨ कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® में शामिल हà¥à¤. तब योगी ने यह कहा था कि वे बार बार नोà¤à¤¡à¤¾ आà¤à¤‚गे. वहीं पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ नरेंदà¥à¤° मोदी ने योगी की तारीफ करते हà¥à¤ कहा था कि वे आधà¥à¤¨à¤¿à¤• सोच रखते हैं.
तीसरी बार यूपी के मà¥à¤–िया योगी आदितà¥à¤¯à¤¨à¤¾à¤¥ पिछले महीने ही 17 जून को नोà¤à¤¡à¤¾ में यूपी सिंचाई विà¤à¤¾à¤— के गेसà¥à¤Ÿ हाउस का निरीकà¥à¤·à¤£ करने आठऔर अधिकारियों के साथ बैठक में शामिल हà¥à¤. फिर चौथी बार 8 जà¥à¤²à¤¾à¤ˆ को नोà¤à¤¡à¤¾ में सैमसंग की दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ की सबसे बड़ी मोबाइल यूनिट जिसका उदà¥à¤˜à¤¾à¤Ÿà¤¨ पीà¤à¤® मोदी और दकà¥à¤·à¤¿à¤£ कोरिया के राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤ªà¤¤à¤¿ मून जे-इन को करना था की तैयारियों का जायजा लेने आठऔर 9 जà¥à¤²à¤¾à¤ˆ को उदà¥à¤˜à¤¾à¤Ÿà¤¨ समारोह में शामिल हà¥à¤.
योगी के लिठसब ठीक नहीं चल रहा !
हालांकि, यूपी के मà¥à¤–िया योगी आदितà¥à¤¯à¤¨à¤¾à¤¥ के नोà¤à¤¡à¤¾ दौरों को पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ में अनà¥à¤¯ जगहों पर होने वाली राजनीतिक घटनाकà¥à¤°à¤®à¥‹à¤‚ के साथ जोड़कर देखना जलà¥à¤¦à¤¬à¤¾à¤œà¥€ होगी. लेकिन यदि हम योगी के पहले नोà¤à¤¡à¤¾ दौरे के बाद पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ के राजनीतिक घटनाकà¥à¤°à¤® पर धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ दें तो यह पाà¤à¤‚गे कि पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ के मà¥à¤–िया के लिठसब कà¥à¤› ठीक नहीं चल रहा है.
आपको बता दें कि 23 दिसंबर 2017 के बाद पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ में होने वाले उपचà¥à¤¨à¤¾à¤µà¥‹à¤‚ में सतà¥à¤¤à¤¾à¤§à¤¾à¤°à¥€ à¤à¤¾à¤œà¤ªà¤¾ का पà¥à¤°à¤¦à¤°à¥à¤¶à¤¨ अचà¥à¤›à¤¾ नहीं रहा है. à¤à¤¾à¤œà¤ªà¤¾ तीन लोकसà¤à¤¾ और à¤à¤• विधानसà¤à¤¾ उपचà¥à¤¨à¤¾à¤µ हार चà¥à¤•à¥€ है. यही नहीं योगी के लोकसà¤à¤¾ से इसà¥à¤¤à¥€à¤«à¥‡ के बाद उनके गढ़ गोरखपà¥à¤° में होने वाले उपचà¥à¤¨à¤¾à¤µ में à¤à¤¾à¤œà¤ªà¤¾ हार गई. पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ के डिपà¥à¤Ÿà¥€ सीà¤à¤® केशव पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤¦ मौरà¥à¤¯ की फूलपà¥à¤° सीट à¤à¥€ à¤à¤¾à¤œà¤ªà¤¾ नहीं बचा पाई. उसके बाद कैराना लोकसà¤à¤¾ और नूरपà¥à¤° विधानसà¤à¤¾ में योगी सरकार को मà¥à¤‚ह की खानी पड़ी.
जिसके बाद योगी सरकार की मà¥à¤–ालफत इस कदर बढ़ गई कि उनकी सरकार की सहयोगी सà¥à¤¹à¥‡à¤² देव à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ समाज पारà¥à¤Ÿà¥€ के मà¥à¤–िया ओम पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ राजà¤à¤° खà¥à¤²à¥‡ मंच से मांग करने लगे कि पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ में किसी ओबीसी को सीà¤à¤® बनाया जाà¤. गौरतलब है कि à¤à¤¾à¤œà¤ªà¤¾ को अपà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¤¾à¤¶à¤¿à¤¤ बहà¥à¤®à¤¤ मिलने के बाद जब पारà¥à¤Ÿà¥€ के बड़े नेता लखनऊ पहà¥à¤‚चे तब à¤à¤¯à¤°à¤ªà¥‹à¤°à¥à¤Ÿ पर 'पूरा यूपी डोला था, केशव-केशव बोला था' के नारे à¤à¥€ लगे थे. दबी जà¥à¤¬à¤¾à¤¨ में केंदà¥à¤° व राजà¥à¤¯ में à¤à¤¾à¤œà¤ªà¤¾ की सहयोगी अपना दल की à¤à¥€ मंशा है कि पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ में ओबीसी सीà¤à¤® बनाया जाà¤. कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि à¤à¤¾à¤œà¤ªà¤¾ को सबसे जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ ओबीसी वोट मिले थे.
योगी सरकार की छवि को सबसे बड़ा आघात लगा जब उनà¥à¤¨à¤¾à¤µ से दबंग विधायक कà¥à¤²à¤¦à¥€à¤ª सिंह सेंगर का नाम à¤à¤• बलातà¥à¤•à¤¾à¤° के मामले में सामने आया और सरकार की तरफ से मामले की लीपापोती करने की पà¥à¤°à¤œà¥‹à¤° कोशिश की गई. लेकिन बढ़ते राजनीतिक दबाव के चलते योगी सरकार को सीबीआई जांच का आदेश देना पड़ा.
नोà¤à¤¡à¤¾ से जà¥à¤¡à¤¼à¥‡ इस मिथक का इतिहास पूरà¥à¤µ मà¥à¤–à¥à¤¯à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ वीर बहादà¥à¤° सिंह के समय से शà¥à¤°à¥‚ होता है. जब 1988 में नोà¤à¤¡à¤¾ दौरे से लौटने के बाद केंदà¥à¤°à¥€à¤¯ नेतृतà¥à¤µ ने वीर बहादà¥à¤° सिंह का इसà¥à¤¤à¥€à¤«à¤¾ मांग लिया. जिसके बाद 1989 में नारायण दतà¥à¤¤ तिवारी और 1999 में कलà¥à¤¯à¤¾à¤£ सिंह की à¤à¥€ कà¥à¤°à¥à¤¸à¥€ नोà¤à¤¡à¤¾ से लौटने के बाद चली गई. 1995 में सपा संरकà¥à¤·à¤• मà¥à¤²à¤¾à¤¯à¤® सिंह को à¤à¥€ नोà¤à¤¡à¤¾ आने के कà¥à¤› दिन बाद ही अपनी सरकार गंवानी पड़ गई थी.
वैसे तो बसपा सà¥à¤ªà¥à¤°à¥€à¤®à¥‹ और पूरà¥à¤µ मà¥à¤–à¥à¤¯à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ मायावती को à¤à¥€ नोà¤à¤¡à¤¾ आने से परहेज नहीं रहा. 2007 में यूपी की सीà¤à¤® बनने के बाद मायावती ने कई योजनाओं का उदà¥à¤˜à¤¾à¤Ÿà¤¨ नोà¤à¤¡à¤¾ से किया. लेकिन 2012 में जब सतीश चंदà¥à¤° मिशà¥à¤° के सोशल इंजीनियरिंग फॉरà¥à¤®à¥‚ले के बावजूद यूपी में बसपा की सरकार नहीं बन पाई. तब नोà¤à¤¡à¤¾ का ये जिनà¥à¤¨ à¤à¤• बार फिर बोतल से बाहर आया और पूरà¥à¤µ मà¥à¤–à¥à¤¯à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ अखिलेश यादव अपने पांच साल के कारà¥à¤¯à¤•à¤¾à¤² में à¤à¤• बार à¤à¥€ नोà¤à¤¡à¤¾ नहीं आà¤. और नोà¤à¤¡à¤¾ संबंधी सà¤à¥€ योजनाओं का उदà¥à¤˜à¤¾à¤Ÿà¤¨ लखनऊ से बटन दबा कर ही किया.