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इस गांव में कैंसर से 15 की गई जान, अभी 20 मरीज जूझ रहे मौत से

महू। à¤¹à¤°à¤¸à¥‹à¤²à¤¾ गांव में इन दिनों कैंसर के लिए एक सर्वे शुरू हो चुका है। पिछले दिनों इस गांव में कैंसर के मरीजों की बढ़ रही संख्या की खबर कमिश्नर राघवेंद्र सिंह के पास पहुंचने के बाद यह सर्वे शुरू किया गया है। हरसोला में अलग-अलग तरह के कैंसर के रोगी मौजूद हैं। ऐसे में कैंसर का कारण जानना एक बड़ी चुनौती बन गया है, जिसके लिए प्रशासन यहां अब सभी तरह की जांचें भी करवा रहा है। शुक्रवार को यहां पीएचई द्वारा पानी की जांच की जाएगी।

हजारीलाल को आहार नली में कैंसर है। उनकी दो कीमो हो चुकी हैं। इस महंगे इलाज में अब तक काफी पैसा खर्च हो चुका है। उनके छोटे भाई रमेश बालाराम की दो महीने पहले ही कैंसर से मौत हुई है। करीब नौ हजार की आबादी वाले हरसोला गांव में इस तरह के कई मरीज हैं। इनकी बढ़ रही संख्या पर सबसे पहले पंचायत का ध्यान गया और सरपंच लक्ष्मी मालवीय ने इसकी जानकारी प्रशासन को दी है।

गांव में कैंसर से अब तक करीब पंद्रह लोगों की मौत हो चुकी है। इसके अलावा फिलहाल गांव में बीस से अधिक कैंसर के मरीज हैं। पिछले तीन वर्षों के अंदर ही करीब पच्चीस मरीज मिले हैं। इनमें अलग-अलग तरह के कैंसर हैं। किसी क्षेत्र के लिए यह आंकड़े डराने वाले हैं। कई मरीजों को कैंसर होने का पता बीते एक साल में ही जांच के बाद चला। फिलहाल गांव में करीब चार मरीजों की कीमोथैरोपी जारी होने की जानकारी है। इस तरह लगातार सामने आ रहे मामलों से लोगों में एक डर भी बैठा है। हालांकि पंचायत सदस्य लोगों को लगातार समझाने का प्रयास कर रहे हैं और उन्हें इलाज करवाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।

 

छह हजार लोगों की जांच होगी

कमिश्नर राघवेंद्र सिंह ने इस मामले को गंभीरता से लिया है। उन्होंने इंदौर कैंसर फाउंडेशन से इस विषय में मदद मांगी है जिसके बाद कैंसर फाउंडेशन ने एक सर्वे शुरू किया है। जिला पंचायत द्वारा करीब 1800 घरों में होने वाले इस सर्वे में करीब छह हजार लोगों से जानकारी ली जाएगी। इनमें पंद्रह साल से कम के बच्चों को शामिल नहीं किया गया है। सर्वे का प्रारूप फॉर्म इंदौर कैंसर फाउंडेशन के प्रमुख डॉ. दिग्पाल धारकर ने तैयार किया है। इस प्रारूप में सभी लोगों की खानपान की आदतें, आनुवांशिक स्थिति आदि की जानकारी ली जा रही है। इस डेटाबेस को कैंसर रजिस्ट्रर में शामिल किया जाएगा। यह सर्वे 2 एएनएम, 8 आंगनवाड़ी और 11 आशा कार्यकर्ता मिलकर पूरा करेंगी।

 

गले-मुंह के साथ गर्भाशय और स्तन कैंसर ज्यादा

डॉ. दिग्पाल धारकर ने बताया कि उनके पास फिलहाल सरकारी आंकड़े ही हैं। इनमें ब्लड कैंसर, गर्भाशय के कैंसर, अमाशय कैंसर, आहार नली के कैंसर, स्तन कैंसर, मुंह के कैंसर आदि कई तरह के कैंसर मरीज हरसोला में बताए जाते हैं। इन आंकड़ों के मुताबिक गले और मुंह के कैंसर के सबसे ज्यादा करीब आठ मरीज गांव में हैं। वहीं स्तन कैंसर और गर्भाशय के कैंसर भी क्रमशः तीन और पांच मरीजों में हैं।

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