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मुख्य सचिव से मारपीट केस: केजरीवाल के करीबी ने खारिज किया पुलिस का दावा

दिल्ली के मुख्य सचिव अंशु प्रकाश से मारपीट केस में चार्जशीट के बाद अब नया मोड़ आ गया है. पुलिस ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के करीबियों के बयान का हवाला देते हुए इस केस में उन्हें (केजरीवाल) आरोपी बनाने की दलील दी है, लेकिन केजरीवाल के पर्सनल सेक्रेटरी ने पुलिस के इस दावे को साजिश बताया है.  

आम आदमी पार्टी के संयोजक और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के पर्सनल सेक्रेटरी विभव कुमार ने पुलिस का बयान सामने आने के बाद इस संबंध में ट्वीट किया है. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा है कि दिल्ली पुलिस मोदी सरकार के इशारों पर काम कर रही है और अरविंद केजरीवाल को बदनाम करने के लिए झूठे केस में फंसाना चाहती है.

विभव ने लिखा, 'मैंने पुलिस को बताया है कि दिल्ली पुलिस मोदी सरकार के इशारों पर काम कर रही है और अरविंद केजरीवाल को बदनाम करने के लिए झूठे केस में फंसाना चाहती है.' विभव ने कहा कि मैंने यही पुलिस को बोला था और ऐसा ही अदालत में भी बोलूंगा. उन्होंने कहा कि जहां जरूरत पड़ेगी खुलकर कहूंगा कि ये मुख्यमंत्री के खिलाफ बड़ी साजिश है.

विभव ने एक और ट्वीट में लिखा कि, 'अभी तक मोदी जी ने जितने केस हमारे खिलाफ किए, सभी केस मोदी जी हार गए. अगर ये केस भी मोदी जी हार गए तो क्या वो दिल्ली के लोगों से माफी मांगेंगे?

उत्तरी दिल्ली के एडिशनल डीसीपी हरिंदर सिंह ने बताया कि विभव और विवेक से पूछताछ की गई थी और उनके बयानों के आधार पर ही उन्हें सरकारी गवाह बनाया गया है. पुलिस का दावा है कि इन लोगों ने मारपीट की बात कबूली है और अरविंद केजरीवाल के खिलाफ बयान दिए हैं. 

दिल्ली पुलिस ने सोमवार को इस मामले में चार्जशीट दायर की है. चार्जशीट में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के अलावा आम आदमी पार्टी के 11 विधायकों के नाम शामिल हैं. इन सभी पर 19 फरवरी की देर रात मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास पर बुलाई गई मीटिंग में मुख्य सचिव अंशु प्रकाश के साथ मारपीट करने का आरोप है.

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