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एक साथ चुनाव संभव नहीं, लेकिन 11 राज्यों में हो सकते हैं : ओपी रावत

नई दिल्ली। देश में एक साथ लोकसभा और विधानसभा चुनाव करवाने की कवायदें तेज होती नजर आ रही है। सोमवार को भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने विधि आयोग को पत्र लिखकर एकसाथ चुनाव के फायदे गिनाए। हालांकि, मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत ने कहा है कि यह संभव नहीं है।

रावत ने एक देश एक चुनाव पर बोलते हुए मंगलवार को कहा कि संविधान में संशोधन के बिना यह संभव नहीं है। हालांकि, इंस्टालमेंट में चुनाव संभव है जैसे 11 राज्यों में एक साथ चुनाव हों लेकिन यह भी तब संभव है जब उन राज्यों के हाउस इसके लिए मंजूरी दें।

वहीं दूसरी तरफ बिहार के मुख्मयंत्र नीतीश कुमार ने कहा है कि एक साथ चुनाव करवाना इस बार तो संभव नहीं है कि लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ हो जाएं। वैचारिक रूप से यह सही है।

खबर है कि भाजपा लोकसभा चुनावों के साथ 10 से 11 राज्यों के चुनाव भी कराने की योजना तैयार कर रही है। इसके लिए जहां कुछ राज्यों के विधानसभा चुनावों को कुछ समय के लिए टालना पड़ेगा, वहीं कुछ राज्यों के चुनाव समय से पूर्व कराने पड़ेंगे। जिन राज्यों में यह कवायद हो रही है, उनमें से अधिकांश पार्टी शासित हैं। पार्टी के एक बड़े नेता ने बताया कि अगले साल आंध्र प्रदेश, ओडिशा और तेलंगाना के विधानसभा चुनाव लोकसभा चुनावों के साथ ही होने हैं।

हीं पार्टी शासित मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ की विधानसभा का कार्यकाल अगले साल जनवरी में खत्म हो रहा है। इसके बाद कुछ दिनों के लिए यहां राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया जाएगा, जिससे इनके चुनाव आम चुनावों के साथ कराए जा सकें। भाजपा शासित हरियाणा, महाराष्ट्र और झारखंड में भी अगले साल चुनाव होने हैं। इन राज्यों में लोकसभा के साथ चुनाव कराना है तो पहले विधानसभा भंग करनी पड़ेगी।

हालांकि, भाजपा में इसे लेकर कोई ठोस प्रस्ताव नहीं है और ना ही इस पर फिलहाल औपचारिक रूप से चर्चा हुई है।

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