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भारत में रही है सभी धर्मों के आदर की परम्परा

मुख्यमंत्री श्री चौहान का सिंधी काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा सम्मान 

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि भारत में सभी धर्मों का आदर करने की परम्परा रही है। हमारे यहाँ धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं किया जाता। मुख्यमंत्री श्री चौहान आज यहाँ समन्वय भवन में सिंधी काउन्सिल ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित सम्मान समारोह में संबोधित कर रहे थे। इसमें 11 राज्य के प्रतिनिधि शामिल हुए। कार्यक्रम में पाकिस्तान के सिंध-बलूचिस्तान की 11 बालिका भी शामिल हुईं।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि हजारों वर्ष पहले भारत में कहा गया कि सारी दुनिया एक परिवार है। हमारे यहाँ विश्व के कल्याण की बात कही गयी है। सिंधी समाज देशभक्त और परिश्रमी समाज है। देश विभाजन के समय वे अपना सबकुछ छोड़कर केवल सिंधी भाषा लेकर आये थे। इस समाज ने देश और प्रदेश की प्रगति में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने बलूचिस्तान के आंदोलन का समर्थन किया है। मध्यप्रदेश पूरी संवेदना से सिंधी विस्थापितों के साथ है। मध्यप्रदेश में वे पूरे आदर और सम्मान के साथ रहें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि समाज के युवा उद्यमी बनें और प्रदेश के विकास में योगदान करें। युवा उद्यमियों के लिये मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना बनायी गयी है। बालिकाएँ पढ़ें और आगे बढ़े। प्रतिभावान विद्यार्थियों की उच्च शिक्षा के लिये राज्य सरकार मदद करेगी।

कार्यक्रम में सिंधी काउंसिल ऑफ इंडिया के प्रदेश अध्यक्ष श्री शंकर ललवानी ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बलूचिस्तान से आये सिंध समाज के लोगों की नागरिकता के लिये पहल की है। सिंधु दर्शन यात्रा के लिये राज्य सरकार यात्रा व्यय का आधा देती है।

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री का सम्मान देश के 11 प्रदेश से आये प्रतिनिधियों ने किया। मुख्यमंत्री को बलूचिस्तान से आयी 11 बालिका ने रक्षा-सूत्र बाँधे। कार्यक्रम में सांसद श्री आलोक संजर, सिंधी काउंसिल ऑफ इंडिया के संस्थापक अध्यक्ष श्री सुरेश केसवानी, राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री परमानन्द खट्टर, राष्ट्रीय महासचिव श्री चंदरलाल चंदानी सहित समाज के सदस्य उपस्थित थे।

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