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कोरोना से घबराएं नहीं, गाइडलाइन का पालन करें

दूसरी लहर में अधिकांश मरीजों को भर्ती करना पड़ रहा था लेकिन तीसरी लहर में कुल 12 मरीज ही ऐसे हैं जिन्हें भर्ती करना पड़ा। तीसरी लहर के लक्षण भी अलग हैं। दूसरी लहर में जहां तेज बुखार के साथ सांस लेने में तकलीफ के साथ ऑक्सीजन लेवल गिर रहा था। वहीं तीसरी लहर में रोगी को एक या दो दिन हल्का बुखार आता है। बदन में टूटन के साथ खांसी हो रही है। खांसी अवश्य परेशान कर रही है लेकिन ऑक्सीजन लेबल बिल्कुल ठीक रहता है।जनकगंज डिस्पेंसरी के प्रभारी डॉ. कमलेश शर्मा ओपीडी में आने वाले किसी मरीज के संपर्क में आने से चार दिन पहले संक्रमित हो गए। डाॅ. शर्मा ने बताया कि उन्हें हल्का बुखार था जो एक-दो दिन में ठीक हो गया, लेकिन खांसी अब भी बनी हुई है। वह दूसरी लहर में भी संक्रमित हुए थे। उनका कहना है कि दूसरी लहर में ऑक्सीजन लेवल कम होने के साथ सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। सिर्फ खांसी बनी हुई है और कोई परेशानी नहीं है।जेएएच के मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर डॉ. संजय धबले का कहना है कि पहली लहर में वही व्यक्ति सीरियस हो रहा था जिनकी उम्र ज्यादा थी और अन्य बीमारियों से ग्रसित थे। दूसरी लहर सांस लेने में तकलीफ जल्दी आ रही थी। ऑक्सीजन लेवल तेजी से गिर रहा था। मुझे हल्का सा बुखार व सूखी खांसी हुई थी। टेस्ट कराया तो पॉजिटिव हो गया। अब स्वस्थ्य हो गया हूं। बुखार है तो फीवर क्लीनिक में टेस्ट अवश्य कराएं। घबराएं नहीं।

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