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पहली रैली में प्रियंका गांधी ने मोदी सरकार को चुन-चुन कर दिया जवाब, बताया- क्या होती है देशभक्ति

लोकसभा 2019 के चुनाव का ऐलान होने के बाद मंगलवार को कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गढ़ गुजरात में आज एक बड़ी रैली की. CWC की बैठक के बाद गांधी नगर में हुई इस रैली में सभी की नजरें प्रियंका गांधी पर टिकी थीं.

कांग्रेस महासचिव बनने के बाद प्रियंका गांधी ने पहली बार किसी रैली को संबोधित किया. उन्होंने साफ कर दिया कि उनका इरादा भाषण देने का नहीं है, लेकिन वे आज अपने दिल की बात करना चाहती हैं. तकरीबन साढ़े सात मिनट के अपने भाषण में प्रियंका ने दिल की बात कहने के दौरान बिना पीएम मोदी का नाम लिए मोदी सरकार पर तीखे कटाक्ष किए और जमकर निशाना साधा.

साबरमती आश्रम जाकर आंखों में आंसू आ गए

प्रियंका ने कहा कि वे पहली बार गुजरात आई हैं. यहां साबरमती के आश्रम में जब वे पेड़ों के नीचे, आश्रम में गईं तो उनकी आंखों से आंसू आ गए. प्रियंका ने कहा कि मैं पहली बार गुजरात आई हूं और पहली बार साबरमती के उस आश्रम में गई जहां से महात्मा गांधी जी ने इस देश की आज़ादी का संघर्ष शुरू किया. मैं आपको बता नहीं सकती कि वहां उस आश्रम में पेड़ों के नीचे बैठे हुए, भजन सुनते हुए मेरे दिल में क्या भावना जागी. ऐसा लगा कि बस मेरे आंसू आने वाले हैं तो फिर मैंने उन देशभक्तों के बारे में सोचा, जिन्होंने देश के लिए अपनी जान दी, सब कुछ त्याग कर दिया. उनके बलिदानों पर इस देश की नींव डली है. वहां बैठे हुए मन में ये बात आई कि ये देश, प्रेम, सद्भावना और आपसी प्यार के आधार पर बना है.

जागरूकता से बड़ी कोई देशभक्ति नहीं

प्रियंका गांधी ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि आज जो कुछ देश में हो रहा है, उससे दुख होता है. इससे बड़ी कोई देशभक्ति नहीं है कि आप जागरूक बनें. आपकी जागरूकता एक हथियार है. आपका वोट एक हथियार है, लेकिन ये एक ऐसा हथियार है जिससे किसी को चोट नहीं पहुंचानी, किसी का नुकसान नहीं पहुंचाना. ये एक ऐसा हथियार है जो आपको मज़बूत करेगा.

फिजूल के मुद्दे नहीं उठने चाहिए

प्रियंका ने कहा कि आपको बहुत गहराई से सोचना होगा कि ये चुनाव क्या है. इसमें आप क्या चुनने जा रहे हैं. इसमें आप अपना भविष्य चुनने जा रहे हैं. फ़िज़ूल के मुद्दे नहीं उठने चाहिये. जो मुद्दे उठने चाहिए, वो ये होने चाहिए कि आपके लिए सबसे महत्वपूर्ण क्या है. आप आगे कैसे बढ़ेंगे. नौजवानों को रोजगार कैसे मिलेगा. महिलाएं अपने आपको कैसे सुरक्षित महसूस करेंगी. किसानों के लिए क्या किया जाएगा, ये चुनावी मुद्दे हैं. आपकी जागरूकता ही इन मुद्दों को आगे ला सकती है.

उनसे पूछिए, कहां गए 15 लाख और 2 करोड़ नौकरियां

प्रियंका ने कहा कि मैं आपसे आग्रह करना चाहती हूं कि सोचसमझ कर इस बार आप निर्णय लें. जो आपके सामने बड़ी-बड़ी बातें करते हैं, बड़े-बड़े वादे करते हैं, उनसे पूछिये कि जो दो करोड़ रोजगार देने का उन्होंने आपको वचन दिया था, वो रोजगार कहां है. उनसे पूछिए कि जो 15 लाख आपके खाते में आने वाले थे, वे कहां हैं. जिन महिलाओं की सुरक्षा की बात वो करते थे, उन महिलाओं को किसने पूछा इन पांच सालों में.

अगले दो महीने में तमाम मुद्दे उछाले जाएंगे

प्रियंका ने कहा कि सही सवाल करिए इस चुनाव में. आने वाले दो महीने में आपके सामने तमाम मुद्दे उछाले जाएंगे. आपकी जागरूकता ही इस देश को बनाएगी. ये आपकी जिम्मेदारी है, आपकी देशभक्ति इसी में प्रकट होनी चाहिए. जहां से हमारी आजादी की लड़ाई की शुरुआत हुई थी, जहां से गांधी जी ने प्रेम और सद्भावना और अहिंसा की आवाज उठाई थी, मैं सोचती हूं कि यहीं से आवाज उठनी चाहिए.

जो फितरत की बात करते हैं, उन्हें देश की फितरत बताएं

प्रियंका गांधी ने पीएम नरेंद्र मोदी की फितरत वाली बात पर भी जवाब दिया. प्रियंका ने कहा कि जो आपके सामने अपनी फितरत की बात करते हैं, उन्हें आप बताइए कि इस देश की फ़ितरत क्या है. देश की फितरत है कि जर्रे-जर्रे में सच्चाई ढूंढकर निकालेगी. इस देश की फितरत है कि नफरत की आवाज को प्रेम और करुणा में बदलेगी. ये आवाज आप यहां से उठाइए.

देश की हिफाजत आप करेंगे, कोई और नहीं

आने वाले दिनों में आप सही निर्णय लीजिए, सही मुद्दे उठाइए, क्योंकि ये देश आपका है. आपने इसे बनाया है. महिलाओं, किसानों, युवाओं ने इसे बनाया है. और किसी ने ये देश नहीं बनाया है. कोई और नहीं, बल्कि आप ही इस देश की हिफाजत कर सकते हैं. इस जिम्मेदारी को समझिए. ये आजादी की लड़ाई से कम नहीं है. प्रियंका ने संवैधानिक संस्थाओं का जिक्र करते हुए कहा कि हमारी संस्थाएं मिटाई जा रही हैं. इस देश को बचाने के लिए आप सबको आना पड़ेगा.

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