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चुनाव विधायक [4] दल
  १९६२ प्रभुदयाल कांग्रेस
  १९६७ सरयू प्रसाद त्रिपाठी भारतीय जन संघ
  १९७७ रमा शंकर सिंह जनता पार्टी
  १९८० रमा शंकर चौधरी कांग्रेस
  १९८५ मथुरा प्रसाद महंत भाजपा
  १९९० गोविन्द सिंह जनता दल
  १९९३ गोविन्द सिंह कांग्रेस
  १९९८ गोविन्द सिंह कांग्रेस
  २००३ गोविन्द सिंह कांग्रेस
  २००८ गोविन्द सिंह कांग्रेस
  २०१३ गोविन्द सिंह कांग्रेस
  २०१८ गोविन्द सिंह कांग्रेस

मध्य प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष डा गोविंद सिंह भिंड की लहार विधानसभा सीट से लगातार सातवीं बार विधायक हैं। 2018 में 15 महीने के लिए बनी कमलनाथ सरकार में वे सहकारिता, सामान्य प्रशासन मंत्री बनाए गए। 1993 से 2003 तक कांग्रेस सरकार में भी वे मंत्री रह चुके हैं। 1990 में राम मंदिर से लेकर 2003 में उमा भारती, 2008 और 2013 में भाजपा के पक्ष में चली लहर भी लहार में कांग्रेस के अभेद किले को भेद नहीं सकी है| डॉ.गोविन्द सिंह पहलीबार वर्ष १९९० में जनता  दल के टिकिट पर चुनाव जीते थे , उनकी यह जीत तब हुई जब प्रदेश में भाजपा ने जीत हांसिल की थी .डॉ. गोविन्द सिंह राजनीती चाडक्य माने जाते हैं .चुनाव प्रबंधन में इनका कोई मुकाबला नहीं है .लहार के मतदाता कहते हैं डॉक्टर साहब के आगे न कोई लहर चल पाती है और न किसी का जादू .हर पल लहार क्षेत्र का विकास और जनता की सेवा ही उनका लक्ष्य रहा है .वर्ष १९९० से राजनीती के अपराजेय योद्धा डॉक्टर साहब के बारे में कहा जा रहा है की बे वर्ष २०२३ का आखरी चुनाव लड़ेंगे .उन्हें अपने मतदाओं पर पूरा भरोसा है कि आखरीवार भी आशीर्वाद मिलेगा .

मध्यप्रदेश कि इस हाई प्रोफ़ाइल बिधान सभा सीट लहार के राजनितिक पटल पर दृष्टि पात करें ,तो कोंग्रस को छोड़कर दूसरे दलों का प्रभाव न के बरावर रहा है .वर्ष १९७७ में जनता पार्टी के टिकिट पर चुनाव लाडे रमा शंकर सिंह जीते और मंत्री भी  बने ,मगर इसके बाद वह एक भी चुनाव नहीं जीत पाए .वर्ष १९८० में कांग्रेस के टिकिट पर रमा शंकर चौधरी चुनाव लाडे और जीते .यह भी कांग्रेस सरकार में मंत्री बने .वर्ष १९८६ में भाजपा ने अपनी जीत का खाता खोला और मथुरा प्रसाद मेंहनत विधानसभा पहुंचे .भाजपा कि यह पहली जीत थी इसके बाद भाजपा एक भी बार चुनाव नहीं जीत सकी .डॉक्टर गोविन्द सिंह वर्ष १९९० का चुनाव जनता दल के टिकिट पर लाडे और जीते .वर्ष १९९३ के चुनाव में वह कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए .कांग्रेस के टिकिट पर चुनाव लड़ा और जीते .वर्ष १९९०से वह लगातार चुनाव जीत रहे हैं .इस दौरान उन्होंने रमा शंकर सिंह ,मथुरा प्रसाद महंत ,रोमेश महंत ,रसाल सिंह और अम्ब्रीश शर्मा को हराया है .डॉक्टर गोविन्द सिंह ३३ साल से कांग्रेस की नॉट आउट राजनितिक पारी खेल रहे हैं .लहार बिधानसभा से रमा शंकर सिंह दो चुनाव लड़े एक जीते एक हारे हैं . महंत  परिवार ६ चुनाव लड़े और सिर्फ एक जीते हैं .रसाल सिंह ने डॉक्टर गोविन्द सिंह के सामने दो चुनाव लड़े दोनों हारे.इस तरह भाजपा इस सीट पर एक बार ही जीत दर्ज कर पाई है .

तीन बार के चुनाव नतीजों पर एक नजर
< वर्ष २००८ में हुए बिधान्सभाचुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवार डॉ.गोविन्द सिंह ने बसपा के उम्मीदवार रोमेश महंत को हराया था और भाजपा तीसरे स्थान पर रही थी .वर्ष २०१३ में कांग्रेस के डॉ .गोविन्द सिंह ने भाजपा के रसाल सिंह को हराया था और बसपा के रोमेश महंत तीसरे स्थान पर रहे .वर्ष २०१८ के बिधानसभा चुनाव में कांग्रेस के डॉ .गोविन्द सिंह ने भाजपा के रसाल सिंह को हराया था .इस चुनाव में बसपा ने रोमेश महंत की जगह अम्ब्रीश शर्मा को टिकिट दिया और वह भी चुनाव हरे ओर तीसरे स्थान पर रहे .

वर्ष १९८० में डॉ.गोविन्द सिंह पहला चुनाव लड़े और हारे
कांग्रेस के कद्दावर नेताओं में शुमार नेता प्रतिपक्ष डॉ . गोविन्द सिंह ने अपनी राजनितिक पारी की शुरुआत वर्ष १९८० के बिधानसभा चुनाव से की .उन्होंने पहला चुनाव सोसलिस्ट जनता पार्टी से लड़ा ,लेकिन चुनाव हार गए और उन्हें १४ हजार ४७५ वोट मिले थे जबकि इस चुनाव में कांग्रेस के रमा शंकर चौधरी जीते थे ,इन्होने भाजपा को हराया था .भाजपा दूसरे स्थान पर रही थी .

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