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गोहद विधानसभा

जिले की पांच विधानसभाओं में आरक्षित गोहद विधानसभा सीट पर आजादी के बाद से अब तक 15 बार चुनाव हुआ है, लेकिन शुरुआत के तीन चुनाव को छोड़कर हर बार यहां से विधायक बाहरी प्रत्याशी चुना जाता है। सबसे पहले 1957 में सुशीला सोबरन सिंह भदौरिया, 1962 में रामचरणलाल थापक और 1967 में कन्हैयालाल माहौर यहां से विधायक बने जो कि गोहद विधानसभा क्षेत्र के निवासी हैं। इसके बाद 1972 के बाद से यहां लगातार बाहरी प्रत्याशी जीतते रहे हैं।

यहां बता दें कि एक नवंबर 1956 को मध्यप्रदेश के गठन के बाद से गोहद से विधानसभा सीट बाहरी प्रत्याशियों के लिए सबसे ज्यादा मुफीद रही है। जिले की यह एक मात्र ऐसी सीट है, जिस पर मध्यप्रदेश गठन के बाद सिर्फ पहलीबार स्थानीय प्रत्याशी को गोहद की जनता ने विधायक चुना। उसके बाद से लगातार बाहरी प्रत्याशी यहां विधायक चुनकर मध्यप्रदेश विधानसभा भवन में पहुंचते रहे। खास बात तो यह है कि गोहद सीट पर सिर्फ भिंड जिले की दूसरी विधानसभाओं के निवासी ही नहीं बल्कि प्रदेश के दूसरे जिलों उज्जैन और ग्वालियर से भी आए प्रत्याशी विधायक बने। पिछले 46 सालों में गोहद की जनता ने कभी स्थानीय प्रत्याशी को विधानसभा में जाने का मौका ही नहीं दिया।

भाजपा का रहा दबदबा: वर्ष 1957 से अब तक गोहद विधानसभा क्षेत्र से चुने गए विधायकों पर नजर डाली आए तो इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी का अच्छा दबदबा रहा। पिछले 15 चुनावों में यहां से आठ बार भाजपा का विधायक चुना गया। जबकि सिर्फ पांच बार कांग्रेस का विधायक चुना गया है। वहीं एक-एक बार बसपा और प्रजा सोशलिस्ट पार्टी से भी यहां विधायक रहे हैं।

पिछले 41 सालों में गोहद की जनता ने स्थानीय उम्मीदवार को नहीं दी तवज्जो, भाजपा और कांग्रेस ने भी बाहरी प्रत्याशियों को ही मैदान में उतारा, यह हैं वर्ष 1957 से 2013 तक चुने गए विधायक...

सन विधायक का नाम व पार्टी निवासी

1957 सुशीला सोबरन सिंह भदौरिया (कांग्रेस) जश्तपुरा गोहद

1962 रामचरण लाल थापक (प्रजा सोशलिस्ट पार्टी) गोहद

1967 कन्हैयालाल माहौर (जनसंघ) गोहद

1972 भूरेलाल फिरौजिया (जनसंघ) उज्जैन

1977 भूरेलाल फिरौजिया (जनता पार्टी) उज्जैन

1980 श्रीराम जाटव (भाजपा) भिंड

1985 चर्तुभुज भदकारिया (कांग्रेस) ग्वालियर

1989 सोपत जाटव (कांग्रेस) भिंड

1990 श्रीराम जाटव (भाजपा) भिंड

1993 चतुरीलाल बराहदिया (बसपा) ग्वालियर

1998 लाल सिंह आर्य (भाजपा) भिंड

2003 लाल सिंह आर्य (भाजपा) भिंड

2008 माखनलाल जाटव (कांग्रेस) भिंड

2009 रणवीर जाटव (कांग्रेस) भिंड

2013 लाल सिंह आर्य (भाजपा) भिंड

कब कौन जीता चुनाव :
1977 भूरेलाल जनता पार्टी
1980 श्रीराम जाटव भारतीय जनता पार्टी
1985 चतुर्भुज भड़कारिया भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
1990 श्रीराम जाटव भारतीय जनता पार्टी
1993 चतुरीलाल बरहदिया बहुजन समाज पार्टी
1998 लाल सिंह आर्य भारतीय जनता पार्टी
2003 लाल सिंह आर्य भारतीय जनता पार्टी
2008 माखन लाल जाटव भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस [4]
2009 (उपचुनाव) रणवीर जाटव भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस [5]
2013 लाल सिंह आर्य भारतीय जनता पार्टी
2018 रणवीर जाटव भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
2020 (उपचुनाव) मेवाराम जाटव भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस

गोहद विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र मध्य भारत में मध्य प्रदेश राज्य के 230 विधानसभा (विधान सभा) निर्वाचन क्षेत्रों में से एक है । यह निर्वाचन क्षेत्र अनुसूचित जाति के उम्मीदवारों के लिए आरक्षित है| भिंड जिले की गोहद बिधानसभा पर भाजपा का दवदवा रहा है | वर्ष 2008 से वर्ष 2020 के नतीजों पर नजर डालें |
>वर्ष 2008 के बिधानसभा चुनाव में कांग्रेस के माखनलाल जाटव ने भाजपा लाल सिंह आर्य को मात्र 1533 वोटों के अंतर से चुनाव हराया था .कांग्रेस को 27 हजार 711 और भाजपा को 26 हजार 198 वोट मिले थे .जबकि बसपा के मेबाराम जाटव 18 हजार 603 वोट मिले थे .इनका वोट प्रतिशत क्रमश 30 ,29 और 20 रहा था .
> वर्ष 2013 के बिधानसभा चुनाव में भाजपा के लाल सिंह आर्य ने बसपा छोड़कर कांग्रेस के टिकिट पर चुनाव लाडे मेबाराम जाटव को 19 हजार 819 मतों के अंतर से पराजित किया था .भाजपा को 51 हजार 711 और कोंग्रस को 31 हजार 897 वोट मिले थे .जबकि बहुजन संघर्षदल के फूल सिंह वरैया को 14 हजार 633 वोट मिले और तीसरे स्थान पर रहे .वहीँ बसपा के कृष्ण गोपाल को 5890 वोट मिले और चौथे स्थान पर रहे थे .

> वर्ष २०१८ के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने रणवीर जाटव को टिकिट दिया और उन्होंने भाजपा के लाल सिंह आर्य को 23 हजार 989 वोटों के अंतर् से पराजित किया था .कांग्रेस को 62 हजार 981 और भाजपा 38 हजार 992 वोट मिले थे .जबकि बसपा के डॉ. जगदीश सिंह सगर को 15 हजार 477 वोट मिले थे .इनका वोट प्रतिशत क्रमश 49 ,30 और 12 रहा था .
>वर्ष 2020 के चुनाव में दल -बदल कर भाजपा के टिकिट पर चुनाव लड़े रणवीर जाटव की करारी हार हुई कांग्रेस ने एक बार फिर मेबाराम जाटव पर भरोसा किया और टिकिट दिया .मेबाराम जाटव ने भाजपा के रणवीर जाटव को 11 हजार 899 वोटों के अंतर् से हराया था .कांग्रेस को 63 हजार 643 और भाजपा को 51 हजार 744 वोट मिले थे .जबकि बसपा के यशवंत पटवारी को 3 हजार 614 वोट मिले थे .इनका वोट प्रतिशत क्रमश 51 ,41 और 2 रहा था .

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