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महाकाल की पहली सवारी नगर भ्रमण पर, शिप्रा तट पर गूंजे महाकाल के जयकारे

विश्व प्रसिद्ध महाकाल की सवारी का इंतजार लाखों भक्तों को रहता है। आज सावन का पहला सोमवार है, और महाकाल बाबा की पहली सवारी भी निकल रही है। भगवान श्री महाकालेश्वर की प्रथम सवारी ठाठ-बाट से परम्परागत मार्ग से निकली। बाबा पालकी में भगवान मनमहेश के स्वरूप में अपने भक्तों को दर्शन देने के लिए नगर भ्रमण पर हैं। सवारी मे राजसी वेशभूषा में शामिल हुई मुस्कुराके मित्र मंडली

भारतीय संस्कृति, सनातन इतिहास के विभिन्न राजशाही रूपों का प्रदर्शन श्री महाकालेश्वर की सवारी में मुस्कुराके मंडली द्वारा किया जाता रहा है। आज भी बाबा महाकाल की पहली सवारी पर भारतीय संस्कृति के मुस्कुराते इंद्र धनुषीय रूपों, राजसी धरोहरों को युवा तरुणाई एवं उत्सवधर्मियों को प्रदर्शित करते हुए निकले। स्वामी मुस्कुराके शैलेंद्र व्यास ने बताया कि राजसी वेषभूषाओं के लिए गुजरात, सूरत से वस्त्र एवं महाराष्ट्र मुंबई से पगड़ी बनवाई गई है। जिसमें सांस्कृतिक, पौराणिक व देशभक्ति के ऐतिहासिक महान व्यक्तित्वों की झलक दिखाई देती है। उन्होंने बताया कि दस विभिन्न सवारी में आज के सामयिक विषय बेटी बचाओं, सदभावना, स्वच्छ भारत स्वस्थ भारत, वंदे मातरम, महाकाल लोक, जय हिंद, तिरंगा ध्वज, नागराज, बाहुबली, लंकेश, मयूर, त्रिशूल, डमरू आदि के साथ सांस्कृतिक प्रदर्शन इसी प्रकार किया जाएगा। आज की सवारी में मुस्कुराके मंडली में स्वामी मुस्कुराके (शैलेंद्र व्यास), स्वामी खिलखिलाके (मनोहर गुप्ता नायक), स्वामी दिलमिलाके (पंडित दिनेश रावल), स्वामी लहराके (मोहित गेहलोत) गरिमामय रूप में मनोहारी प्रस्तुति प्रदान की।शिप्रातट पर गूंज उठा जय श्री महाकाल

शिप्रा तट रामघाट पर जैसे ही बाबा महाकाल की सवारी पहुंची, वैसे ही दत्त अखाड़ा क्षेत्र और रामघाट क्षेत्र पर बाबा महाकाल के दर्शन करने के लिए उमड़े। श्रद्धालुओं ने बाबा की एक झलक देखने के साथ ही जय श्री महाकाल का उद्घोष किया। यहां पर बाबा महाकाल का मां शिप्रा के जल से पूजन अर्चन किया जाएगा। आरती की जाएगी और फिर सवारी यही से महाकाल मंदिर जाने के लिए फिर से शुरू होगी। महाकाल की पहली सवारी में लाखों भक्त उमड़े हैंमहाकाल को गार्ड ऑफ ऑनर 

महाकालेश्वर मंदिर के सभा मंडप में बाबा महाकाल के मनमहेश स्वरूप का पूजन अर्चन करने के बाद बाबा महाकाल को चांदी की पालकी में विराजित किया गया। इसके बाद जय महाकाल के उद्घोष के साथ यह सवारी प्रारंभ हुई। सवारी मंदिर परिसर से होते हुए जैसे ही मंदिर के मुख्य गेट पर पहुंची। वैसे ही सशस्त्र पुलिस बल के जवानों द्वारा भगवान श्री महेश को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। बाबा महाकाल को सलामी देने की यह परंपरा वर्षों से चली आ रही है।।

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