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मोहन यादव की सरकार में घट गया ज्योतिरादित्य सिंधिया का कद, तीन समर्थक ही बने मंत्री, कैबिनेट से 'खास' नेता बाहर

भोपाल: मध्य प्रदेश में मोहन यादव की कैबिनेट का विस्तार हो गया है। 28 विधायकों को मंत्री पद की शपथ दिलाई गई है। मोहन यादव के मंत्रिमंडल में नए चेहरों के साथ-साथ पुराने चेहरों को भी मौका दिया गया है। हालांकि कई बड़े नेताओं को इस बार मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली है। ज्योतिरादित्य सिंधिया खेमे के तीन नेताओं को कैबिनेट में शामिल किया है। 2020 में कांग्रेस का साथ छोड़कर बीजेपी में शामिल होने वाले केवल चार नेताओं को ही मोहन यादव की कैबिनेट में जगह मिली है।

ज्योतिरादित्य सिंधिया के उन्हीं करीबियों को मोहन यादव की कैबिनेट में जगह मिली है जो शिवराज सिंह चौहान की कैबिनेट में मंत्री थे। 2020 के मुकाबले इस बार ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक नेताओं को मंत्रिमंडल में कम जगह मिली है। शिवराज सिंह चौहान की कैबिनेट में 'महाराज' का दबदबा था।

सिंधिया को लगा झटका

मोहन यादव की कैबिनेट में ज्योतिरादित्य सिंधिया को बड़ा झटका लगा है। ज्योतिरादित्य सिंधिया के करीबी और सांची विधानसभा सीट से विधायक प्रभुराम चौधरी को मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया है। प्रभुराम चौधरी को ज्योतिरादित्य सिंधिया के पिता माधव राव सिंधिया राजनीति में लेकर आए थे। 2023 के विधानसभा चुनाव में प्रभुराम चौधरी ने जीत दर्ज की है। प्रभुराम चौधरी पहले कमलनाथ की कैबिनेट फिर शिवराज सिंह चौहान की कैबिनेट में मंत्री थे।

सिंधिया समर्थक कितने नेता मंत्रिमंडल में शामिल

ज्योतिरादित्य सिंधिया के करीबी माने जाने वाले 3 नेताओं को मोहन यादव की कैबिनेट में जगह मिली है। प्रद्युमन सिंह तोमर, तुलसी सिलावट और गोविंद सिंह राजपूत कैबिनेट में शामिल किया गया है। वहीं, 2020 में ही कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल होने वाले एंदल सिंह कंसाना को भी मंत्री बनाया गया है। अब कंसाना को भी सिंधिया का करीबी माना जाता है।

2020 में सिंधिया के कितने मंत्री थे

2020 में ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस से बीजेपी में शामिल हुए थे। जिसके बाद मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह चौहान मुख्यमंत्री बने थे। शिवराज सिंह चौहान की कैबिनेट में ज्योतिरादित्य सिंधिया के 9 समर्थकों को मंत्री बनाया गया था। इसमें, राज्यवर्धन सिंह दत्तीगांव, प्रभुराम चौधरी, ओपीएस भदौरिया, सुरेश धाकड़, गोविंद सिंह राजपूत, प्रद्युमन सिंह तोमर, तुलसी सिलावट, गिरिराज सिंह दंडौतिया, महेन्द्र सिंह सिसोदिया जैसे नेता शामिल थे। इसके साथ ही कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए हरदीप सिंह डंग, ब्रजेन्द्र यादव, बिसाहूलाल सिंह को भी मंत्री बनाया गया था। अब इन नेताओं को भी सिंधिया खेमे का नेता कहा जाता है।

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