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ई-वॉलेट की सुरक्षा पर सवाल, कितना सुरक्षित आपका पैसा!

एक मिनट में फटाफट पैसे ट्रांसफर, ना कतार में खड़े होने की मार ना ही वक्त की कोई पाबंदी। आज पैसे लेनदेने के लिए ई-वॉलेट सबसे सरल और आसान उपाय बनकर उभरे हैं लेकिन इसके साथ जोखिम भी कम नहीं। डाटा चोरी का डर है तो मोबाइल गुम हो जाने पर बैलेंस ट्रांसफर का खतरा और पेटीएम जैसी ई-वॉलेट दिग्गज कंपनियां भी सुरक्षित नहीं हैं। सुरक्षा का हवाला देकर ही एसबीआई ने ई-वॉलेट में पेमेंट ट्रांसफर पर रोक लगा दी है। लेकिन बड़ा सवाल है कि जब कैशलेस होने की तरफ हम आगे बढ़ रहे हैं तो ई-वॉलेट सहूलियत का सबसे बड़ा उपाय था, लेकिन अगर इसमें इतने खतरे हैं तो क्या करें और कैसे फ्रॉड से बचें?

मोदी सरकार के कैशलेस और डिजिटल इंडिया की मुहिम को देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई ने तगड़ा झटका दिया है। एसबीआई ने ट्रांजैक्शन में सिक्योरिटी को लेकर ई-वॉलेट में पेमेंट ट्रांसफर करने पर रोक लगा दी है। हालांकि, ये रोक सिर्फ नेट बैंकिंग के जरिए पैसा ट्रांसफर करने पर होगी। यानी अब आप एसबीआई से पेटीएम, मोबीक्विक, फ्रीचार्ज, जियो मनी, एयरटेल मनी जैसे ई-वॉलेट में अपने एसबीआई अकाउंट से ऑनलाइन पैसे ट्रांसफर नहीं कर पाएंगे। लेकिन एसबीआई के ही डेबिट या क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल कर आप ई-वॉलेट को रिचार्ज कर सकते हैं।

एसबीआई का कहना है कि सुरक्षा कारणों के चलते ई-वॉलेट पर रोक लगाई गई है। विशिंग की बढ़ती शिकायतों के बाद रोक लगाई गई है। सूत्रों का कहना है कि आरबीआई ने एसबीआई से ई-वॉलेट नेट बैंकिंग पर रोक लगाने के लिए सफाई मांगी है। एसबीआई ने आरबीआई को जवाब में ग्राहकों की सुरक्षा का हवाला दिया है। वहीं सूत्रों की मानें तो ई-वॉलेट कंपनियों की दलील है कि एसबीआई ने बढ़ते कंपिटीशन के चलते ई-वॉलेट को ब्लॉक किया है। एसबीआई अपने ग्राहक बढ़ाना चाहता है।

गौरतलब है कि हाल ही में पेटीएम के साथ धोखाधड़ी का मामला सामने आया था। पेटीएम के 48 ग्राहकों ने उनके साथ धोखा किया और 6.15 लाख रुपये उड़ा लिए। अब सीबीआई इस मामले की जांच कर रही है। बताना चाहेंगे कि पेटीएम के पास 15 करोड़ से ज्यादा एक्टिव ग्राहक हैं।

यहां हम आपको बता रहे हैं कि कैसे करें अपने डिजिटल बटुए की सुरक्षा। फोन के होम पर लॉक लगा के रखें और फोन में फिंगर लॉक हो तो बहुत ही अच्छा है। ऐप लॉक से ई-वॉलेट पर लॉक लगाएं। हमेशा ऐप प्ले स्टोर से ही डाउनलोड करें और ई-वॉलेट को वाई-फाई से कनेक्ट कर पेमेंट ना करें। आपका डाटा वाई-फाई सर्वर में सेव हो सकता है। फोन में सिर्फ जरूरी एप का ही इस्तेमाल करें।

कभी भी अपनी सूचना ईमेल में सेव ना करें और अपने ई-वॉलेट में पिन कोड का उपयोग करें। ई-वॉलेट का पासवर्ड मजबूत रखें और यह 10 अंकों का हो तो बेहतर है। ई-वॉलेट का पासवर्ड बदलते रहें तो सुरक्षा ज्यादा मुमकिन है। पासवर्ड को किसी डायरी में लिखकर रखें या याद रखें। वॉलेट को अपडेट कर रखें ताकि उसकी सुरक्षा ज्यादा हो सके।

डिजिटल वॉलेट की सेफ्टी के लिए बेसिक एंटी वायरस जरूरी डाउनलोड करें। अपना मोबाइल कभी भी अनजान शख्स को ना दें क्योंकि वो आपके मोबाइल से पैसे ट्रांसफर कर सकता है। मोबाइल फोन में पासकोड लॉक जरूर लगाएं और पासवर्ड ऐसा रखें जो कोई सोच ना सके। फाइंड माई फोन का विकल्प ऑन रखें ताकि फोन गायब होने पर लोकेशन आसानी से मिलेगा।

बैंकों के ऐप का ही ज्यादा इस्तेमाल करें और पॉपुलर ई-वॉलेट का इस्तेमाल ही ज्यादा सुरक्षित होता है। कार्ड के डिटेल्स ई-वॉलेट ऐप में सेव ना करें और ऑथेंटिकेशन ऑप्शन का इस्तेमाल करें। ई-वॉलेट में काम भर का बैलेंस ही रखें क्योंकि कम बैलेंस रखने से हमेशा फायदे में रहेंगे।

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