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किंगफिशर एयरलाइन डूबने के लिए माल्या ने सरकार को ठहराया जिम्मेदार, लगाया ये आरोप...

शराब कारोबारी विजय माल्या ने आरोप लगाया है कि उनकी किंगफिशर एयरलाइन के डूबने के लिए सरकार जिम्मेदार है. माल्या ने कहा है कि सरकार की नीतियों और आर्थिक दशा के चलते उनकी एयरलाइन को नुकसान पहुंचा. साथ ही माल्या ने बोला कि सरकार ने 'एयर इंडिया' को बचाने के लिए तो जनता का पैसा लगा दिया, पर उस समय की ‘सबसे बड़ी घरेलू एयरलाइन’ यानि किंगफिशर की मदद नहीं की.
विजय माल्या अपनी कंपनियों के संचालन और बैंक ऋण में कथित हेराफेरी के आरोपों के बीच भारत से निकल कर लंदन में रह रहे हैं. उन्होंने एक के बाद एक ट्विटर पर जारी अपनी कई टिप्पणियों में कहा है कि वो किंगफिशर एयरलाइन के लिए केवल नीतियों में बदलाव चाहते थे और उन्होंने किसी कर्ज की दरकार नहीं थी. इसके साथ ही उन्होंने एयर इंडिया को सरकारी खजाने से मदद दिए जाने पर सवाल उठाया.
माल्या ने एक ट्वीट में कहा कि 'केएफए' (किंगफिशर एयरलाइन) 140 डालर प्रति बैरल महंगे तेल, उंचे करों और रुपए के अवमूल्यन के कारण डूबी. उन्होंने इसी संबंध में एयरलाइन कारोबार में प्रत्यक्ष विदेशी भागीदारी की नीति और आर्थिक मंदी का भी उल्लेख किया है. उन्होंने कहा है कि केएफए भारत की सबसे बड़ी एयरलाइन थी और उस पर सबसे ज्यादा बुरा प्रभाव पड़ा. सरकार ने एयर इंडिया की तो मदद की पर किंगफिश को छोड़ दिया.
इसके अलावा माल्या ने कहा कि उन्होंने मदद की गुहार लगाई थी लेकिन कर्ज के लिए झोली नहीं फैलाई थी. माल्या का कहना है कि उन्होंने सरकार से नीतियों में बदलाव की मिन्नत की थी. माल्या ने कहा है कि वो उस समय चाहते थे कि विमान ईंधन को ‘घोषित वस्तुओं’ की सूची में डाल दिया जाए ताकि उस पर राज्यों में वैट की एक स्थिर दर रहे और उस पर मूल्यानुसार कर न लगे.

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