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उत्तर प्रदेश में भी टिका मोदी पर भाजपा का दारोमदार

उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव के प्रचार अभियान में भी भाजपा का सारा दारोमदार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर टिका हुआ है। चुनावों की घोषणा के बाद पार्टी के चुनाव प्रबंधकों ने मोदी की पूरे प्रदेश में एक दर्जन रैलियों की तैयारी की थी, लेकिन लगातार बदल रहे राजनीतिक माहौल में प्रधानमंत्री अब राज्य में बीस से ज्यादा रैलियां करेंगे। मोदी के अलावा प्रचार की मुख्य कमान में गृह मंत्री राजनाथ सिंह व पार्टी अध्यक्ष अमित शाह हैं।

उत्तर प्रदेश में सपा-कांग्रेस के गठबंधन व बसपा के तेजी से हुए उभार से भाजपा की चुनावी रणनीति गड़बड़ा गई है। पार्टी के स्टार प्रचारकों में तो साठ से ज्यादा नेता शामिल हैं, लेकिन विपक्षी खेमे से निपटने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मुख्य मोर्चा संभालना पड़ रहा है। चुनाव घोषणा पत्र जारी होने के समय पार्टी ने प्रधानमंत्री की 12 रैलियां तय की थी जो उसके छह संगठनात्मक क्षेत्रों में होनी थी। उसके हिसाब से हर क्षेत्र में प्रधानमंत्री को दो रैलियां करनी थी। लेकिन अब पार्टी ने रणनीति बदली है और प्रधानमंत्री की बीस से ज्यादा रैलियों की तैयारी की जा रही है।

अभी तक 9 रैलियां कर चुके हैं मोदी
अभी चुनाव आधा भी नहीं हुआ है और प्रधानमंत्री नौ रैलियां कर चुके हैं। उन्होंने शुरुआत मेरठ से की थी और उसके बाद अलीगढ़, गाजियाबाद, बिजनौर, बंदायू, लखीमपुर खीरी, कन्नौज, हरदोई व बाराबंकी में सभाएं की। बाकी चुनाव में भी मोदी जमकर रैलियां करेंगे। सूत्रों के अनुसार भाजपा अभियान में कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहती है और प्रधानमंत्री ने भी साफ किया है कि पार्टी को जितनी जरूरत होगी वे उतना समय देने को तैयार हैं। वैसे भी मोदी उत्तर प्रदेश के वाराणसी से सांसद है और एक तरह से यह उनका गृह राज्य भी हो जाता है, जहां वे जीत के लिए पूरी ताकत लगा रहे हैं।

मोदी के नाम व काम का सहारा
चूंकि उत्तर प्रदेश में भाजपा बिना चेहरे के चुनाव मैदान में है और उसके पास केंद्र सरकार की उपलब्धियों का पिटारा ही सबसे बड़ा है। पार्टी भी अपने सकारात्मक अभियान में मोदी के नाम व काम पर ही चुनाव मैदान में है। उसके रणनीतिकारों का मानना है कि सबसे ज्यादा अपील मोदी की है और लोग उन पर भरोसा करते हैं।

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