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मोदी का मास्टर प्लानः ये 10 प्रोजेक्ट बनाएंगे NEW INDIA

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में रविवार को कश्मीर में भारत की सबसे लंबी चेनानी-नश्री रोड टनल का उद्धाटन किया। हालांकि पीएम द्वारा उद्धाटन किए गए इस टलन को लेकर विपक्ष पार्टी कांग्रेस ने यह कहा है कि इस सुरंग की नींव यूपीए गवर्मेंट के रहते हुई थी, जिसे मोदी ने उद्धाटन किया।

आपसी राजनीति की बात छोड़ दी जाए तो पीएम मोदी के ऐसे 10 शक्तिशाली इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट है जो 'न्यू इंडिया' को दिशा देने का काम करती हैं। आइए आज हम आपको बताते हैं प्रधानमंत्री द्वारा प्लान किए गए 10 प्रोजेक्ट के बारे में...

1. सागरमाला प्रोजेक्ट

पहली बार सागरमाला प्रोजेक्ट की घोषणा 15 अगस्त 2003 को तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई ने की थी। यह योजना देश के सभी बंदरगाहों को आपस में जोड़ने से संबद्ध है। इसे सागरमाला इसलिए कहा गया है क्योंकि परियोजना के अंतर्गत देश के सभी प्रमुख और गैर प्रमुख बंदरगाहों को नई तकनीक से लैस और समुद्र व्यापार को बढ़ावा देना शामिल है। 

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15 अगस्त 2014 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जेएनपीटी में अपने संबोधन के दौरान कहा कि सरकार द्वारा सागरमाला परियोजना की परिकल्पना की गई है। बंदरगाह विशेष आर्थिक क्षेत्र (SEZ) और समुद्र तट क्षेत्र से रेल, सड़क, हवाई मार्ग और जल मार्ग के द्वारा संपर्क शामिल होगा। प्रधानमंत्री के अनुसार समस्त विश्व व्यापार का 2/3 और कंटेनर व्यापार का 50 फीसदी हिस्सा हिंद महासागर के द्वारा होता है। अस इस योजना के अंर्तगत 10 तटीय आर्थिक क्षेत्र विकसित किए जाएंगे जो आर्थिक विकास के केंद्र में होंगे।

2. भारतमाला प्रोजेक्ट

सड़क परिवहन मंत्रालय और एनएचएआई मिलकर भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत पोर्ट कनेक्टिविटी सुधारने के लिए 82 हाईवे का निर्माण करने की योजना है। इसमें से 18 प्रोजेक्ट्स पर सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, 32 प्रोजेक्ट्स एनएचएआई और शेष प्रोजेक्ट्स एनएचएआई और भारत सरकार मिलकर पूरे करेंगे।

भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत तटीय और सीमा क्षेत्रों, धार्मिक और पर्यटन स्थलों आदि तक नेशनल हाईवे नेटवर्क की पहुंच बढ़ाई जाएगी। इसमें 1500 बड़े ब्रिज, 200 रेलवे ओवर ब्रिज और अंडर ब्रिज का निर्माण करने की योजना है। इसके तहत दूरस्थ ग्रामों से जिला मुख्यालयों तक और उत्तराखंड में चार धाम मार्ग का सुधार करना है।

3. मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक, शिवाजी मेमोरियल

करीब 15 एकड़ के द्वीप पर प्रस्तावित स्मारक समंदर में किनारे से डेढ किलोमीटर अंदर होगा। इस स्मारक मे शिवाजी महाराज का जो पुतला होगा उसकी ऊंचाई घोड़े समेत 192 मीटर है। घोडे पर बैठे हुए छत्रपती शिवाजी महाराज के पुतले की उंचाई 114.4 मीटर है। ये स्मारक करीब 13 हेक्टेयर के चट्टान पर होगा। यहां एक समय में 10 हजार लोग एक साथ आ सकते है। 

इस स्मारक पर एक एम्पीथिएटर, मंदिर, फूड कोर्ट, लाइब्रेरी, ऑडियो गायडेड टूर, थ्री डी-फोर डी फिल्म, एक्वेरियम जैसी सुविधाए होंगी। परियोजना की कुल लागत 3600 करोड़ रूपये है जिसमें से पहले चरण की लागत 2500 करोड़ रूपये होगी। इसके बाद वह मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक (एमटीएचएल) व दो मेट्रो परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे। यह 22 किलोमीटर लंबी परियोजना दक्षिण मुंबई को जोड़ेगी। परियोजना 2019 तक पूरी की जानी है।

4. देश की सबसे लंबी रेल-सह-सड़क पुल, अरूणाचल प्रदेश

प्रधानमंत्री के योजनाओं में एक अरूणाचल प्रदेश में देश की सबसे लंबी रेल-सह-सड़क पुल बनाना भी है। डिब्रूगढ़ में ब्रह्मपुत्र ओवर ब्रिज 'बोगीबील' इस साल दिसंबर तक तैयार हो जाने की संभावना है। पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे के डिप्टी चीफ इंजीनियर के मुताबिक यह ब्रिज इस साल दिसंबर तक तैयार हो जाना चाहिए। काम समय सीमा को पूरा करने के लिए तेजी लाई गई है। पहले से ही, 42 में से 29 गर्डर फैला शुरू किया गया है।

शेष गर्डरों जुलाई तक शुरू किया जाएगा। 125 मीटर के कुल सड़क पुल के धेमाजी पक्ष (उत्तर तट) से बनाया गया है। पुल पर रेलवे ट्रैक बिछाने की प्रक्रिया जल्द ही शुरू होगी। स्टील के 70,000 मीट्रिक टन पुल के अधिरचना एक डेनमार्क की इस कंपनी द्वारा डिजाइन का निर्माण करने के लिए इस्तेमाल किया गया था। पुल भी रेलवे के पहले पूरी तरह से स्टील वेल्डेड पुल है।

5. सेतु-भारतम योजना

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक और प्रोजेक्ट सेतु-भारतम योजना भी है। इसके तहत देश के सभी राष्ट्रीय राजमार्गों को अगले चार साल में रेलवे क्रासिंग से फ्री कर दिया जाएगा। इसके लिए 208 जगहों की पहचान की गई है जहां रेलवे फाटक पर पुल बनाया जाएगा। इस परियोजना पर 10 हजार करोड़ से ज्यादा खर्च होंगे। साथ ही 150 से ज्यादा पुलों का पुनर्निर्माण किया जाएगा।

सड़क परिवहन मंत्रालय ने राज्यों से जर्जर पुलों की लिस्ट मांगी थी। सरकार को करीब 1000 से ज्यादा पुलों की लिस्ट मिली है। जिसमें पहले फेज के लिए 150 पुलों का चयन किया गया है। सरकार का लक्ष्य है कि अगले चार साल में ये परियोजना पूरी कर ली जाए। साल 2019 तक राजमार्गों पर रेलवे क्रासिंग की अड़चन पूरी तरह दूर करने के लिए लाइनों पर सड़क ओवर-ब्रिज बनाने और पुराने पुलों की मरम्मत सेतु भारतम परियोजना का उद्देश्य है। सेतु भारतम परियोजना 50,800 करोड़ रुपये की है।

6. राष्ट्रीय राजमार्ग जिला संजोयोक्ता परियोजना

राष्ट्रीय राजमार्ग जिला संजोयोक्ता परियोजना के अंतर्गत 60 हजार करोड़ रुपए की लागत से 6,600 किमी हाइवे का निर्माण होगा। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के एक सीनियर अधिकारी के मुताबिक इस परियोजना के अंतर्गत देश के 100 जिलों के हेडक्वॉर्टर्स को जोड़ने के लिए सड़कों का निर्माण किया जाएगा।

7. जलमार्ग विकास योजना

विगत कुछ वर्षों में ईंधन की कम खपत करने, पर्यानुकूल और सस्ते परिवहन के साधन के कारण अंतर्देशीय जल परिवहन द्वारा कार्गो ढुलाई का रुझान काफी बढ़ा है। साथ ही सरकार द्वारा भी इस क्षेत्र में विशेष प्रयास किए जा रहे है। इस दृष्टि से सरकार द्वारा घोषित ‘जलमार्ग विकास परियोजना’ का महत्त्वपूर्ण स्थान है। इसके अंतर्गत इलाहाबाद एवं हल्दिया के बीच (राष्ट्रीय जलमार्ग-1) तीन मीटर गहरा जलमार्ग विकसित करना है। मार्च, 2016 में इस परियोजना पर कार्य आरंभ हुआ।

  • मार्च, 2016 में हल्दिया से इलाहाबाद के बीच राष्ट्रीय राजमार्ग-1 की 1620 किलोमीटर दूरी को व्यापारिक उद्देश्य से सुगम बनाने हेतु विश्व बैंक के आर्थिक सहयोग वाली ‘जलमार्ग विकास योजना’ पर कार्य शुरू हो चुका है।
    - इस योजना के तहत इलाहाबाद से हल्दिया के बीच 1620 किलोमीटर लंबा जलमार्ग विकसित किया जाना है।
    - इससे इस मार्ग पर कम से कम 1500-2000 टन तक के भार वाले पोत चल सकेंगे।
    - इस परियोजना का कार्यान्वयन भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण कर रहा है।
    - परियोजना को छह वर्षों के अंदर पूरा किए जाने का लक्ष्य रखा गया है।
    - परियोजना के अंतर्गत चरण-1 का विस्तार हल्दिया-वाराणसी के मध्य तक है।
    - योजना के अंतर्गत नदी परिवहन तकनीक को विकसित करने, नदी परिरक्षण तथा संरक्षण, संरचनात्मक सुधार, आधुनिक नदी सूचना प्रणाली (आरआईएस), डिजिटल जीपीएस, रात्रि जलपोत सुविधाएं एवं चैनल अंकन प्रणाली, फरक्का में नवीन नौवहन ताले का निर्माण शामिल है।
    - रेल और सड़क संपर्क के साथ मल्टीमॉडल टर्मिनल का निर्माण हल्दिया, वाराणसी एवं साहिबगंज में किया जाएगा।
  • 8. गुजरात-गोरखपुर गैस पाइपलाइन परियोजना

    सार्वजनिक क्षेत्र की इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (IOC) की योजना देश की सबसे बड़ी LPG पाइपलाइन बिछाने की है। यह पाइपलाइन गुजरात के तट से उत्‍तर प्रदेश में गोरखपुर के बीच बिछाई जाएगी। कंपनी इसके जरिए देश की बढती रसोई गैस मांग को पूरा करना चाहती है।

    आईओसी ने एक आवेदन में कहा है कि उसकी योजना कांडला, गुजरात में एलपीजी आयात करने की है। इसे वह 1987 किलोमीटर लंबी पाइपलाइन के जरिए वाया अहमदनगर (गुजरात), भोपाल (मध्य प्रदेश) व कानपुर, इलाहाबाद, वाराणसी तथा लखनऊ (उत्तर प्रदेश) तक लेकर जाएगी।

  • 9. चारधाम हाईवे प्रोजेक्ट

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में 'चारधाम महामार्ग विकास परियोजना' की आधारशिला रखी। इस योजना का मकसद सभी धामों को एक रास्ते से जोड़ना है। इस परियोजना से उत्तराखंड के पर्यटन उद्योग की तस्वीर बदलेगी और इसके साथ ही हजारों सालों से चली आ रही चारधाम यात्रा के दौरान आने वाली परेशानियों से भी निजात मिल जाएगी। इस परियोजना के ढांचे और खर्चे की बात करें तो नेशनल हाइवे के तहत शुरू होने वाली इस सड़क परियोजना की लंबाई 900 किमी होगी। इसके निर्माण में 12,000 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। 

  • 10. चेनाब नदी पर दुनिया का सबसे ऊंचा ब्रिज

    भारत का एक और अजूबा जम्मू-कश्मीर में चेनाब नदी के ऊपर विश्व का सबसे बड़ा पुल बनने जा रहा है। रेलवे अधिकारियों की मानें तो यह पुल दिल्ली के कुतुब मीनार से 5 गुणा ज्यादा ऊंचा होगा। यह पेरिस के एफिल टावर से भी ऊंचा है। यह पुल बारामूला को उधमपुर-कटरा-काजीगंद के रास्ते जम्मू से जोड़ेगा। इस पुल से होकर बारामूला से जम्मू तक का रास्ता तकरीबन साढ़े छह घंटे में तय किया जा सकेगा।

    अभी यह रास्ता तय करने में दोगुना समय (13 घंटे) लगता है। इस पुल को बनाने का काम अटल बिहारी वाजपेयी के प्रधानमंत्री रहते 2002 में शुरू हुआ था। लेकिन 2008 में इसे असुरक्षित करार देते हुए इस पर काम रोक दिया गया था, हालांकि 2010 में पुल का काम फिर से शुरू कर दिया गया है। यह पुल‍ अब एक नेशनल प्रोजेक्ट घोषित हो चुका है।

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